विनय एक्सप्रेस आलेख/मोनिका पुरोहित। गर्मी की छुट्टी ! यह वह शब्द है जिसका बच्चों को बहुत इंतजार रहता है और जैसे ही यह गर्मी की छुट्टियां आती है बच्चों में उत्साह आ जाता है। गर्मी की छुट्टियाँ सनी के बचपन की वो सुनहरा हिस्सा है जिससे सभी की कोई ना कोई खबर खूबसूरत यादें जुड़ी हुई है। सुबह देर तक सोना, बिना रोके रोक खेलना, मम्मी-पापा के साथ धूमने जाना, नानी के घर जाना, घंटो टी.वी. देखना, पुरिवार के साथ मौज-मस्ती करना और ना जाने ऐसी ही कितनी खूबसूरत यादें है गर्मी की छुट्टियों की जिन्हें हम शायद कभी नहीं भूल पाएंगे।
गर्मी का मौसम सबसे साल का सबसे गर्म होता है, पर बच्चे इस मौसम का बहुत आनंद लेते है क्योंकि कुछ समय के लिए उन्हें स्कूल नहीं जाना, कोई पढ़ाई नहीं करना, करना है तो सिर्फ और सिर्फ मौज-मस्ती । मैं भी आप अपना बचपन याद करती हूँ तो मुझे भी मेरी गर्मी की छुट्टियां जरूर याद आती है, संयुक्त परिवार में रहकर जो आनंद मिलता है शायद और कहीं नहीं। कहीं जाने की जरूरत नहीं रहती सब कुछ उस एक छत के नीचे ही मिल जाता था। गर्मी की छुट्टियां शुरु होते ही मेरा लूढ़ो खेलना शुरू हो जाता था, मंदिर जाते थे, घर में थोड़ा ताईजी-मम्मी की हेल्प करते थे और कुछ क्रियेटीव आर्ट, आर्ट एंड क्राफ्ट करते थे और उस गर्मी की दोपहर में आईसक्रीम के ठेले का इंतजार करते रहते थे, जब ठेला आता था तो दादाजी रोज आइसक्रिम दिलाते थेः.. ऐक्से ही बहुत सुनहरे पल है शायद में अपने शब्दों को विराम पाऊ । शायद आप में से कुछ ना दे पाऊ लोगों को अपना वह समय याद आ रहा हो जब आपने भी इन्हीं सब चीजों को जीया था । शायद हमने कभी सोचा नहीं था कि सालों बाद कभी इन दिनों को पलट कर देख कुछ इस तरह याद करेंगे। शायद यही जाद है यादों का, किसी भी वक्त दिल में उत्तर जाती है और किसी पुराने समय में ले चलती है।
यह गर्मी की छुट्टियाँ बहुत ही खूबसूरत अवसर है जब हम अपने व चपन को खुलकर जीते है और अपनी सारी इच्छाएं पूरी करते है, इसलिये इस समय को व्यर्थ ना जाने दें। लेकिन वर्तमान का जो बचपन है उसे मोबाईल ने कहीं ना कहीं गायव-सा कर दिया है बच्चों को मोबाईल में ही अपनी पूरी दुनिया दिखाई देने लगी है, जो आनंद हमें परिवार, दोस्त दे सकते हैं वह आनंद यह तकनीकी दुनिया कभी नहीं दे पाएगी इसलिए इस गर्मी की छुट्टी के सुनहरे अवसर मे अपने बच्चों को जीने का मौका दीजिए… एक ऐसी दुनिया जो कभी आपने जी भी… आपके बड़ों ने जी भी.. और आप्प जो आपके बच्चे जीना चाहते ओ है…. छुट्टियों मई में शुरू होकर जून तक चलती गर्मी की छुट्टियों है… शुरुआत में तो यह बहुत ही अच्छी लगती क्योंकि कुछ दिन नानी के घर जाते है और कुछ दिन अपने मौज-शौक में निकल जाते है, लेकिन थोडे दिन के बाद यह एकू जैसी प्रक्रिया बोर लगने लगती है। बच्चे बच्चे भी बोर हो जाते हैं और अभिभावकों को यह कि अब चिंता होने लगती है कि हम बच्चों का मनोरंजन कैसे करें और अभी तो इतनी छुट्टिया है, है, ऐसा क्या करें कि बच्चे को कुछ नया सीखने को मिले, जो उनके भविष्य में काम आए । गर्मियों की छुट्टियों ही वह समय है जब माता-पिता अपने बच्चों के साथ पूरा, वक्त बिताकर उनके साथ अपना रिश्ता मजबूत बना पाते है। यही सही समय होता है जब बच्चे कुछ नया सीख सकते है और परिवार के परिवेश में उनका सही विकास होता है। अभिभावकों को अपने बच्चों से खुलकर बात करना चाहिए जिससे कि वह अपने मन की बात आपके साथ साझा कर सकें। क्या ऐसा कुछ है जो आप हमेशा से अपने बच्चे को सीखाना मगर पढ़ाई की व्यस्तता के कारण समय नहीं, मिलपाया…. क्या आपका बच्चा भी कभी कुछ नया सीखन की इच्छा रखता था ? गर्मियों में शायद आपको ऐसा खाली समय। जाये जब सापळे बच्चे कुछ नया कर सके।
हम बताते हैं कि इन गमी की छुट्टियो मैं बच्चों का सर्वांगीण विकास करने के लिये गर्मी की छुट्टियों का सदुपयोग कैसे करें :-
1. गर्मी की छुट्टियों का सदपयोग बच्चों का रूटीन सेट करना, कब जागना है और कब सोना।
2. घर के कामों में इन्वॉल्व करना ।
3. बच्चों का पर्सनेलटी डवलपमेंट कोर्स और इंग्लिश स्पीकिंग का कोर्स करवाएं।
4. समर कैंप ज्वाइन कराएं
5. बच्चों की रुचि के अनुसार एरोबिक्स, गद्यसंगीत, स्केटिंग, आर्ट एंड क्राफ्ट, ड्राइंग, डांस, एक्स्ठि, कराटे जैसे कई कोर्सेस में भाग ले सकते हैं।
6. अपने बाहर की प्राचीन धरोहर से परिचय करवाए, उनका वीडियो, फोटो लें और उस पर कहानी लिखने के लिए प्रेरित करें।
7.बच्चों के साथ उनके माता-पिता इन्डोर गेम खेले जैसे – लूडो कैरम चैस पजल, इससे बच्चों का दिमाग तेज होता है साथ ही माता-पिता के साथ रिश्ता स्ट्रॉग बनता है
8. बच्चों को अपने साथ टीवी, लेपटॉप, टेबलेट दिखाना अच्छे शोज के लिए इंटरेस्ट बढ़ाना।
9 बच्चों को पौराणिक कथाएं, महापुरुषों की जीवनी, हमारे पवित्र ग्रंथ पवित्र पुस्तकों के बारे में जानकारी उपलब्ध करवाए
10. राइटिंग स्किल्स ज्वाइन करके या स्वयं को निखारें, चाहे तो कोई कोर्स के अभ्यास द्वारा
11. आउटडोर के लिये भेजना
12. अपना काम स्वयं करना जैसे सिद्धांतों पर चलने के लिये प्रेरित करें
अंत में मैं अपने शब्दों को विराम रहीम जी की एक कहावत के साथ देना चाहेंगी। रहीम जी ने लिखा है कि :
समय-लाभ सम लाभ नाहि समय-चूक समूचुका चतुरन चित ’रहिमन लगी समूयं चूक की हुक अर्थात समय पर अगर कुछ बना लिया, तो उससे बड़ा और कौन-सा लाभ है? और समय पर चूक गये तो चूक ही हाथ लगती है। बुद्धिमानों के मनमें समय की चूक सदा कसकती है। इसलिए अपने समय को व्यर्थ ना जाने दें इसका सदुपयोग करें।