विनय एक्सप्रेस समाचार, भरतपुर। राज्य में पशुपालन के क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता युक्त नस्ल संवर्धन का कार्य किया जा रहा है जिससे पशुपालकों की आय में वृद्धि के साथ रोजगार के साधन भी विकसित होंगे।
पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. गजेंद्र सिंह चाहर एवं निदेशालय की सहायक जनसंपर्क अधिकारी अमृता कटारा ने संयुक्त रूप से कुम्हेर स्थित पशु प्रजनन फार्म की व्यवस्थाओं एवं भवन का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
निरीक्षण के दौरान संयुक्त निदेशक चाहर ने कुम्हेर स्थित पशु प्रजनन फार्म में बकरी नस्ल सुधार के लिए बकरा वितरण योजना एवं नस्ल सुधार के लिए किये जा रहे नवाचारों की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि जमुनापारी नस्ल की बकरी मांस और दूध उत्पादन की दृष्टि से उत्तम मानी जाती है। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही वजन बढ़ाने में सक्षम इस नस्ल की बकरी पशुपालकों के लिए आय का एक मुख्य स्रोत साबित हो रही है साथ ही बेहतर रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ तापमान के अनुरूप जीवन क्षमता रखने वाली जमुनापारी नस्ल की बकरी पशुपालकों के लिए एक महत्वपूर्ण पशुधन है ।
निदेशालय की सहायक जनसंपर्क अधिकारी अमृता कटारा ने बताया कि बजट 2023-24 में मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा पशु प्रजनन फार्म कुम्हेर में पशुपालक प्रशिक्षण केंद्र खोलने की घोषणा की गई है। जिससे न केवल प्रदेश में उन्नत एवं समृद्ध पशुपालन की दिशा में बेहतर कार्य के साथ रोजगार के साधन भी विकसित हो सकेंगे। उन्होंने बताया कि राजस्थान पशुपालन के क्षेत्र में अग्रणी प्रदेश है। यहाँ की सकल विकास दर में भी पशुपालन का महत्वपूर्ण योगदान है। वही स्वरोजगार की दृष्टि से भी पशुपालन एक आकर्षित क्षेत्र के रूप में उभर कर सामने आ रहा है।
इस मौके पर पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. सोनाली चाहर, पशुधन सहायक रीना शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।