देश की अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्त्वपूर्ण योगदान-प्रो. राठौड़

विनय एक्सप्रेस समाचार, भीलवाडा। कृषि विज्ञान केन्द्र अरणिया घोड़ा शाहपुरा की तृतीय वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन बुधवार को किया गया।

मुख्य अतिथि महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर के कुलपति प्रोफेसर नरेन्द्र सिंह राठौड़ ने केन्द्र के अधिकारियों को कृषकों के हित में और अधिक क्षमता के साथ कार्य करने की आवश्यकता जताई। प्रोफेसर राठौड़ ने देश के विकास में अहम योगदान रखने वाले पाँच स्तम्भों के बारे में जोर देते हुए कहा कि कृषि का इन पाँच स्तम्भों में महत्त्वपूर्ण योगदान है साथ ही किसान हितैषी तकनीकी को किसानों तक पहुँचाने के बारे में बल दिया।

निदेशक प्रसार, प्रसार शिक्षा निदेशालय, उदयपुर डॉ. राम अवतार कौशिक ने केन्द्र पर प्रदर्शन इकाईयों की स्थापना करने पर बल दिया साथ ही अनाजों एवं दालों की स्वास्थ्यवर्धक किस्मों के प्रदर्शन एवं कृषि विविधिकरण की आवश्यकता प्रतिपादित की। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. सी. एम. यादव ने विगत वर्ष के कार्यों का प्रगति प्रतिवेदन एवं आगामी वर्ष की कार्य योजना प्रस्तुत की। केन्द्र के प्रोफेसर के. सी. नागर ने गत वर्ष के सुझावों का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।

उपनिदेशक कृषि (विस्तार) श्री रामपाल खटीक ने विभागीय योजनाओं की जानकारी देते हुए केन्द्र द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की। डॉ. जी. एल. चावला, उपनिदेशक कृषि एवं पदेन परियोजना निदेशक आत्मा ने विभिन्न योजनाओं की जानकारी देते हुए जिले के किसानों को अधिक से अधिक नवाचारों से अवगत कराने का सुझाव दिया। विशिष्ट अतिथि एवं एमपीयूएटी की प्रबन्ध कार्यकारिणी के सदस्य विष्णु प्रसाद पारीक ने केन्द्र द्वारा कृषकों को बागवानी फसलों के पौधे उपलब्ध करवाने व मुख्य वैज्ञानिक, बारानी कृषि अनुसंधान केन्द्र, आरजिया डॉ. एल.के.छाता ने मशरूम उत्पादन पर प्रशिक्षण आयोजित करने पर बल दिया।

प्रसार शिक्षा निदेशालय, उदयपुर की प्रोफेसर लतिका व्यास ने कृषकों को मोटे अनाज के उत्पादन लेने एवं महिलाओं के पोषण स्तर में सुधार करने की बात कही। कृषि प्रौद्योगिकी एवं अभियान्त्रिकी महाविद्यालय, उदयपुर के डॉ. सांवल सिंह मीणा ने कृषि में मशीनीकरण के बारे में विस्तार से चर्चा की। बैठक में सहायक कृषि अधिकारी रज्जाक मोहम्मद, वन विभाग के थानमल, एवं कृषि पर्यवेक्षक खूशबू सेन ने तथा प्रगतिशील कृषक मनोज मीणा, रामलाल गुर्जर श्रीमती लाली देवी ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

बैठक में फार्म मैनेजर महेन्द्र सिंह चुण्ड़ावत, गोपाल लाल टेपन, महेश सुवालका, विनोद पुरोहित एवं प्रकाश कुमावत उपस्थित थे। अन्त में उद्यान वैज्ञानिक डॉ. राजेश जलवानिया ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया।