विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर।सम्भाग के सबसे बड़े राजकीय डूंगर महाविद्यालय में शुक्रवार को प्राणीशास्त्र विभाकिग एवं इण्डियन सोसायटी फोर रेडिएशन बायोलोजी के संयुक्त तत्वावधान में हिरोशिमा दिवस पर विकिरण अभिशाप या वरदान विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई। प्राचार्य डाॅ. जी.पी.सिंह ने बताया कि कार्यक्रम की मुख्य अतिथि महापौर श्रीमती सुशीला कंवर रहीं तथा अध्यक्षता गंगा सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वी.के. सिंह ने की तथा सहायक निदेशक काॅलेज शिक्षा डाॅ. राकेश हर्ष विशिष्ट अतिथि रहे। श्री ज्योति प्रकाश रंगा ने प्रभावी संचालन किया।
इस अवसर पर महापौर श्रीमती सुशीला कंवर ने कहा कि विकिरण अभिशाप है या वरदान यह मानव समाज पर ही निर्भर करता है। उन्होनें कहा कि यदि विकिरणों के चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में योगदान को देखा जावे तो वरदान साबित होता हैं एवं परमाणु बम के संदर्भ में यह एक अभिषाप है। प्राणीशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. राजेन्द्र पुरोहित ने बताया कि महाविद्यालय में महापौर एवं कुलपति ने एक वटवृक्ष की पूजा अर्चना की तत्पश्चात प्राणीशास्त्र विभाग के म्युजियम का निरीक्षण किया। अतिथियों ने विभाग में स्थित दुर्लभ जन्तुओं के रखरखाव की विषेष रूप से सराहना की। अतिथियों ने डूंगर काॅलेज में शुक्रवार को ही इन्दिरा गांधी खुला विश्वविद्यालय के केन्द्र का फीता काटकर उदघाटन किया।
संगोष्ठी में अपने उद्बोधन में कुलपति प्रो. वी.के.सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में इस प्रकार के विषयों की महत्ती आवश्यकता है। उन्हानेें कहा कि आज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में विकिरणों का योगदान है। उन्होनें कहा कि सौर्य ऊर्जा का क्षेत्र हो या चिकित्सा क्षेत्र सभी जगह विकिरणों का उपयोग किया जाता है। प्रो. सिंह ने डूंगर काॅलेज में विकिरण जैविकी के क्षेत्र में चल रहे शोध कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार की संगोष्ठी का विद्यार्थियों को अधिकाधिक लाभ उठाना चाहिये।
प्राचार्य डाॅ. जी.पी.सिंह ने विकिरणों की भौतिक संरचना का विस्तार से वर्णन करते हुए इस विषय में मिलने वाले नोबल पुरस्कारों कीे जानकारी साझा की। सहायक निदेशक डाॅ. राकेश हर्ष ने औषधीय वनस्पतियों के सदुपयोग पर प्रकाश डालते हुए विद्यार्थियों को इनके अधिकाधिक उपयोग करने की अपील की।
डाॅ. सोनू शिवा ने इण्डियन सोसायटी फोर रेडियेशन बायोलोजी के अध्यक्ष डाॅ. मधुबाला के संदेश का पठन किया।
मुख्य वक्ता डाॅ. राजेन्द्र पुरोहित ने कहा कि तुलसी, पोदीना, आमला एवं ग्वार पाठा आदि वनस्पतियों के सेवन से विकिरणों के दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है। आयोजन सचिव डाॅ. मनीषा अग्रवाल ने बताया कि संगोष्ठी में डाॅ. अविनाश पारीक, डाॅ. ए.के.यादव, डाॅ. अरूणा चक्रवर्ती, डाॅ. विजय ऐरी, डाॅ. अनिला पुरोहित एवं डाॅ. नरेन्द्र भोजक ने विकिरणों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की।
डाॅ. दीप्ति श्रीवास्तव ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।