विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। जिला राजकीय चिकित्सालय में विभिन्न संवर्ग में कार्यरत करीब 25 संविदा/निविदा अल्पवेतनभागी कार्मिकों को वर्ष 2016 से श्रम विभाग द्वारा निर्धारित न्यूनतम मानदेय नहीं दिया जा रहा है। मामले को लेकर शनिवार दोपहर जिला अस्पताल के संविदा कार्मिकों के एक प्रतिनिधि मंडल ने अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) बलदेव राम धोजक को ज्ञापन सौंपा। धोजक ने मामले की गंभीरता को समझते हुए ज्ञापन देने आए प्रतिनिधि मंडल के सामने तुरंत मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मुकेश आर्य को जल्द से जल्द कार्मिकां की जायज मांग को पूर्ण करने के निर्देश दिए।
करीब दस वर्षों से चिकित्सालय में कार्यरत महेन्द्र चौधरी, पंकज तंवर एवं ड्राइवर पद पर कार्यरत कार्मिक विष्णु ने अपनी सहीत समस्त कार्मिकों की पीड़ा को मीडीया के साथ साझा करते हुए बताया कि वर्ष 2016 में करीब 25 कार्मिकों का अनुबंध राजस्थान मेडिकेयर रिलीफ सोसायटी के माध्यम से किया गया था तब से लेकर आज तक एक ही मानदेय पर कार्य कर रहे है जबकी श्रम विभाग के आदेशानुसार एक निश्चित अवधि पश्चात अकुशल कार्मिक अर्द्धकुशल की श्रेणी में अर्द्धकुशल कार्मिक कुशल की श्रेणी में तथा कुशल कार्मिक उच्च कुशल की श्रेणी में आ जाता है। उल्लेखनीय है कि चिकित्सालय प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी एवं कार्मिकों की लापरवाही के चलते पिछले करीब 5 वर्षों से आर्थिक शोषण का शिकार होना पड़ रहा है। हाल ही में दिनांक 30 जुलाई को श्रम विभाग द्वारा न्यूनतम मजदूरी के बढ़ाकर आदेश जारी किया है, लेकिन पिछले आदेशों का लाभ भी जिला अस्पताल में कार्यरत संविदा कार्मिकों को नहीं मिला। पंकज तंवर ने बताया है कि मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने सोमवार को प्रतिनिधि मंडल को वार्ता हेतु आमंत्रित किया है।
कोरोना काल के दौरान समर्पण भाव से कार्य करने वाले वॉरियर्स को जब उनके अधिकार का मानदेय पूर्ण रूप से नहीं मिलता तो 75 वें स्वाधीनता दिवस के अवसर पर जहां राजस्थान सरकार और आम नागरिक उत्सव मना रहे होगें वहीं चिकित्सालय प्रशासन और मेडिकल कॉलेज प्रशासन की अनदेखी के चलते अल्पवेतनभोगी कार्मिकों के मन में उदासी छायी रहेगी।