आवासीय विद्यालयों में प्राथमिकता से करें हैल्थ स्क्रीनिंग, स्कूलों में करवाएं तम्बाकू रोधी कार्यशालाएं

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने ली राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की जिला स्तरीय समीक्षा बैठक

विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर। स्वास्थ्य भवन के सभागार में सोमवार को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की जिला स्तरीय समीक्षा बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. मेहराम महिया ने आरबीएसके की प्रगति रिपोर्ट की समीक्षा करते हुए आवष्यक दिषा-निर्देश दिए।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. मेहराम महिया ने कहा राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत हैल्थ स्क्रीनिंग फिर से व्यापक स्तर पर शुरू हो चुकी है। उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी के निर्देषानुसार जन्मजात विकृति से ग्रसित बच्चों को हैल्थ स्क्रीनिंग के दौरान चिन्हित कर इनके उपचार की प्रक्रिया जल्द से जल्द अमल में लाई जाए। जन्मजात दिल में छेद की बीमारी से ग्रसित बच्चों को आरबीएसके में कैषलेस आॅपरेषन मुहैया करवाने की प्रक्रिया में कहीं भी लेटलतीफी नहीं की जाए। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने निर्देष दिए कि जिले के राजकीय विद्यालयों, आंगनबाड़ी केन्द्रों तथा सरकारी मदरसों के साथ-साथ कस्तुरबा गांधी राजकीय बालिका आवासीय विद्यालयों में भी संबंधित बीसीएमओ कार्यालय में नियुक्त आरबीएसके टीम के चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टाॅफ हैल्थ स्क्रीनिंग करने जाएं और आवष्यक उपचार मुहैया करवाया जाए।


जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी एवं राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी डाॅ. मुष्ताक अहमद ने निर्देष दिए कि आरबीएसके मोबाइल टीम में शामिल चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टाॅफ हैल्थ स्क्रीनिंग के दौरान पूरा डाटा अपडेट रखें। उच्च चिकित्सा संस्थानों को रैफर किए गए कैसेज का फाॅलोअप लेकर चिन्हित किए गए रोगी बालक-बालिका को आरबीएसके के तहत मिल रही कैषलेस उपचार योजना का पूरा लाभ दिलाएं।
एनएचएम के जिला कार्यक्रम प्रबंधक राजीव सोनी ने कहा कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की हर माह की प्रगति रिपोर्ट से जुड़े डाटा अपडेट रखें जाए। इसके साथ-साथ माइक्रोप्लान को समय पर बनाएं और उसके मुताबिक निर्धारित स्थानों पर हैल्थ स्क्रीनिंग व बाल स्वास्थ्य जागरूकता संबंधी गतिविधियां आयोजित की जाए। एपीडेमोलाॅजिस्ट साकिर खान ने कहा कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में जुड़ी हैल्थ मोबाइल टीम अपने ब्लाॅक क्षेत्र की राजकीय विद्यालयों में हैल्थ स्क्रीनिंग के साथ-साथ नषावृति के विरूद्ध चलाए जा रहे जागरूकता कार्यक्रम की गतिविधियां भी आयोजित करें। आरबीएसके मोबाइल टीम इन गतिविधियों में तम्बाकू मुक्त षिक्षण संस्थान थीम पर कार्यषालाएं आयोजित करें।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अतिरिक्त जिला नोडल अधिकारी डाॅ. शुभकरण धोलिया ने बताया कि आरबीएसके तहत जिले में अब तक 199 बच्चों को राज्य के उच्च चिकित्सा संस्थानों में आॅपन हार्ट सर्जरी के माध्यम से दिल में छेद की जन्मजात बीमारी से निजात दिलाई जा चुकी है। वहीं अन्य जन्मजात शारीरिक विकृतियों से ग्रसित 117 बच्चों को कैषलेस आॅपरेषन व उपचार से लाभान्वित कर स्वस्थ किया जा चुका है।


समीक्षा बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. मेहराम महिया ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में बेहत्तर काम करने वाले दो चिकित्सक डाॅ. हनुमान डुकिया व डाॅ. रमाकांत शर्मा को सम्मानित भी किया। बैठक में डीईआईसी मैनेजर कैलाष फरडोलिया, जिला आईईसी समन्वयक हेमन्त उज्जवल व एफसीएलओ सादिक त्यागी आदि मौजूद रहे।