सफलता की कहानी : पिचहत्तर वर्षों से लंबित विरास्तन नामान्तरकरण होने पर लाभान्वित हुए भाव विभोर

विनय एक्सप्रैस समाचार, बीकानेर। प्रशासन गांवों के संग अभियान के तहत छत्तरगढ़ के केलां में आयोजित शिविर में आलम खान ने बताया कि उनकी भूमि केलां के खसरा नम्बर 395 ता 398 कुल रकबा तादादी 8.7630 हेक्टेयर आज भी उनके पड़दादा के नाम से राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज है। जबकि उनकी मृत्यु 75 वर्ष पूर्व हो गई थी। उन्होंने कहा कि उपर्युक्त भूमि जायज वारिसान अपने नाम पर करवाना चाहते हैं, जिससे कि भूमि विकास सहित अन्य योजनाओं का लाभ उठा सकें। इस पर शिविर प्रभारी ने तत्काल संज्ञान लेते हुए तहसीलदार को उक्त विरास्तन नामान्तरकरण जायज वरिसानों के नाम से दर्ज कर प्रार्थीगणों को तुरंत अनुतोष प्रदान करने के निर्देश दिए। जिस पर तहसीलदार छत्तरगढ़ ने मौके पर मौजूद पटवारी व भू-अभिलेख निरीक्षक को उपर्युक्त विरास्तन नामान्तरकरण को राजस्व रेकॉर्ड में दर्ज करवाकर प्रार्थियों को तुरंत सम्बल प्रदान किया। इस पर लाभार्थियों ने सरकार और प्रशासन का आभार जताया। उन्होंने कहा कि शिविर के कारण 75 वर्षों से लंबित विरास्तन नामान्तरकरण सम्भव हो पाया। उन्होंने सरकार की भूरि-भूरि प्रशंसा की।

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