जानिए भैया दूज क्यों मनाया जाता है ? और भाई दूज के शुभ मुहूर्त के बारे मे

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर|  विनय एक्सप्रेस के पाठको के लिए पंडित नितेश व्यास” ऐस्ट्रो भा” रमल वैदिक ज्योतिष , महासचिव विश्व सनातन वाहिनी  एवं अध्यक्ष ज्योतिष ग्लोबल पुंज बीकानेर से  बता रहे है क्यूँ मनाते है भैया दूज , और क्या रहेगा आज का शुभ मुहूर्त।

पंडित नितेश व्यास

भैया दूज की कथा : भगवान श्री सूर्यदेव जी की पत्नी छाया थीं| छाया माता और सूर्यदेव से यमराज और यमुना माता का जन्म हुआ था| यमुना यमराज से बड़ा स्नेह करती थी.
यमुना जी हमेशा से ही यमराज से निवेदन करती थी की आप अपने प्रिय मित्रों सहित मेरे घर आओ और भोजन ग्रहण करो| लेकिन यमराज कभी उनकी बात नहीं सुनते थे.


कार्तिक शुक्ला का दिन आया| इस उपलक्ष में यमुना ने यमराज को निमंत्रण दिया और उस दिन यमराज को अपने जीएचआर आने के लिए वचनबद्ध कर लिया था.


यमुना का प्रेम देख कर यमुना के बार बार बुलाने के कारण यमराज ने यमुना की बात मान ली| यमराज ने यमुना से कहा की बहन कोई भी मुझे अपने यहाँ नहीं बुलाना चाहता| लेकिन तुम मुझे हमेशा अपने यहाँ बुलाती रहती हो|


यमराज ने अपनी बहन की सद्भावना को समझा और सोचा की मुझे अपनी बहन के निवेदन का पालन करना चाहिए.
बहन के बुलाने पर यमराज यमुना जी के यहाँ जाने लगे| उस खुशी में यमराज ने नरक में निवास करने वाले जीवों को मुक्त कर दिया|


यमराज को अपने घर आया हुआ देख यमुना जी का खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा| यमुना जी ने यमराज का स्नान कर पूजा करने के बाद अपने भाई को खाना खिलाया.


यमुना के इस व्यवहार से प्रसन्न होकर यमराज ने कहा बहन में तुम्हारे प्रेम को देख कर बहुत खुश हुआ हूँ| तुम्हें जो चाहिए मै तुम्हें दूंगा मेरा वचन है तुमसे| मांगो तुम्हें जो मांगना है.


यमुना जी ने यमराज से कहा की मुझे धन दौलत अन्य कुछ भी नहीं चाहिए| बस आप मेरे यहाँ इस दिन प्रत्येक वर्ष आते रहिए मेरे लिए यही काफी है| मेरी तरह जो बहन इस दिन अपने भाई को आदर सत्कार करके टीका करे,, उसे तुम्हारा भय न रहे|
यमराज ने तथास्तु कहा और यमुना को अमूल्य वस्त्र आभूषण आदि देकर आ यमलोक को वापस चले गए|


इसी दिन से भैया दूज की पूजा करने का त्यौहार शुरू हुआ| प्रत्येक वर्ष जो बहन अपने भाई की लंबी आयु चाहती है वो इस दिन यमुना जी की तरह पूजा करती है.

आज तिलक का शुभ मुहूर्त

सुबह 8बजकर 15 से 9 बजकर 37 मिंट तक उसके बाद दोहपर 12बजकर 30 मिंट से 4 बजकर 30 मिंट तक रहेगा ,,
कल शनि वार भी है और यम दूज भी अदभुत संयोग है ।। इस दिन शायम को सूर्यास्त के बाद कीड़ी नगरा सींचने से कई प्रकार के शुभ फल मिलते है ।