जानिए महत्व लाभ पंचमी का, पढ़िये पंडित नितेश व्यास का यह आलेख

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। कार्तिक शुक्ल पंचमी यानि लाभ पंचमी, इसको सौभाग्य लाभ पंचम भी कहते है, जो पंचमी के दिन मनाते है. सौभाग्य का मतलब होता है अच्छा भाग्य और लाभ का मतलब अच्छा फायदा. इसलिए इस दिन को भाग्य और अच्छा लाभ का दिन माना जाता है. पण्डित नितेश व्यास बताते है कि इस दिन को अत्यधिक शुभ माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि लाभ पंचमी के दिन पूजा करने से जीवन, व्यवसाय और परिवार में लाभ, अच्छा भाग्य, उन्नति आती है. लाभ पंचमी गुजरात न्यू इयर के हिसाब से पहला कामकाजी दिन होता है.लाभ पंचम कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन आती है. इसे ज्ञान पंचमी, लाखेनी पंचमी भी कहते है.

लाभ पंचमी की तारीख 9 नवम्बर पंचमी तिथि शुरू 8 नवम्बर पंचमी तिथि खत्म 9 नवम्बर लाभ पंचमी पूजा मुहूर्त सुबह 06:16 AM से 09:56 AM तक लाभ पंचमी के दिन किसी नए व्यवसाय के काम को शुरू करना बहुत शुभ मानते है. . इस दिन से वहां व्यवसायी लोग नया बहीखाता शुरू करते है, वहां इसे खातु कहते है. इसमें सबसे पहले कुमकुम से बायीं तरफ शुभ और दाहिने तरफ लाभ लिखते है. इसके बीच में साथिया बनाते है. इस दिन हिन्दू लक्ष्मी की पूजा करते है. जैन समुदाय ज्ञानवर्धक पुस्तक की पूजा करते है, साथ ही और अधिक बुद्धि ज्ञान के लिए प्राथना करते है.इस दिन गणेश जी और भगवान शंकर की साधना पूजा करनी चाइये व्यवसाय में शारदा पूजन नए व्यापार का मुहर्त ओर उपासको को चाइये गुरु मुख से प्राप्त मन्त्र का जप करना चाइये।। इस दिन को सौभाग्य पंचमी भी कहते है इस दिन शिव गणेश की उपासना से सभी विघ्नों का निवारण होता है अपने घर या व्यापार में शिवाभिषेक ओर गणेश जी के पाठ करवाने चाइये ।

पंडित नितेश व्यास

+91 820 910 3740

वैदिक रमल ज्योतिषी, नानी बाई मायरा, भागवतकथा वाचक ,

अधिष्ठाता :महागणपति साधना पीठ,

अध्यक्ष :ज्योतिष पुंज,

महासचिव :विश्व सनातन वाहिनी