विनय एक्सप्रेस समाचार,बीकानेर। स्थानीय नत्थूसर गेट के बाहर संसोलाव आगोर में पं दाऊ लाल छंगाणी द्वारा स्थापित पीपल पार्क जहां 121 से अधिक पीपल के पेड़ लगे हुए हैं,वहॉं आज स्व मुरलीधर पुरोहित(मुरली पान वाला) की स्मृति में पीपल पूजन का आयोजन किया गया।संसोलाव आगोर एवं पर्यावरण संरक्षण समिति के द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उद्योगपति एवं समाजसेवी कन्हैया लाल कल्ला थे।
मुख्य यजमान के रूप में लक्ष्मी नारायण पुरोहित एवं उनकी धर्म पत्नी थे।पं जुगल किशोर ओझा उर्फ पुजारी बाबा तथा पं अशोक ओझा के सान्निध्य में पीपल पूजन का आयोजन किया गया
इस अवसर पर संसोलाव आगोर एवं पर्यावरण संरक्षण समिति के संयोजक मदन मोहन छंगाणी ने कहा कि स्व मुरलीधर पुरोहित वॉलीबॉल, बैडमिंटन एवं फुटबॉल के बहुत अच्छे खिलाड़ी थे।उन्होंने अपनी मेहनत, लगन एवं संघर्ष के साथ पूरे परिवार के जीवन स्तर को ऊंचा उठाया बच्चों को शिक्षा के साथ खेल में भी आगे बढ़ाया।
संसोलाव आगोर में वृक्षारोपण अभियान में भी उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कन्हैया लाल कल्ला उर्फ केनू महाराज ने कहा कि आगोर भूमि को सुरक्षित रखने में सभी को सहयोग करना चाहिये वे स्वयं भी इसके लिए तन मन धन से सहयोग करते रहेंगे।
पं जुगल किशोर ओझा पुजारी बाबा ने कहा कि वैशाख माह में पीपल पूजन को शास्त्रों में अत्यंत पुण्यदायी बताया गया है।उन्होंने स्व मुरलीधर पुरोहित के जीवन को प्रेरणादायक बताया।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि एवं समाज सेवी रतन लाल ओझा उर्फ रतना महाराज ने उपस्थित युवाओं से वृक्षारोपण के माध्यम से आगोर को सुरक्षित रखने का आह्वान किया।
इस अवसर पर शिक्षाविद पं नंदलाल छंगाणी, पार्षद विजयसिंह राजपूत, डूंगर महाविद्यालय के पूर्व खेल निदेशक हुकम चंद ओझा, पूर्व प्राचार्य आनंद व्यास,प्रसार भारती के पूर्व प्रशासनिक अधिकारी महेश रंगा, सहकारी समिति के राजेन्द्र ओझा,राष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी एवं कोच नारायण दास पुरोहित,शारीरिक शिक्षक रामकुमार पुरोहित,शारीरिक शिक्षक गोविंद पुरोहित,न्यायिक कर्मचारी रामकुमार हर्ष,व्याख्याता सुमित पारीक,पेन्टर राजेंद्र स्वामी,जीवन बीमा यूनियन के शिव शंकर छंगाणी, पी डी चूरा, प्रेम रतन सुथार एवं स्वास्थ्य विभाग के रामेश्वर ब्राह्मण सहित बड़ी संख्या में महिलाओं वृद्धजनों एवं बच्चों ने पीपल के वृक्षो का जलाभिषेक किया।समस्त पूजन कर्म पंडित परमेश्वर ओझा एवं काशीनाथ ओझा ने संपन्न करवाया।