रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास के लिए औषधीय पौधों का होगा वितरण-जिला कलक्टर

घर-घर औषधि योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु जिला स्तरीय टास्क फोर्स की हुई बैठक

विनय एक्सप्रेस समाचार ,बीकानेर। आमजन में रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास, आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लक्ष्य से ‘घर-घर औषधि पौधे वितरित किए जायेंगे। जिले के प्रत्येक परिवार को औषधीय पौधे निशुल्क उपलब्ध करवाएं जाएंगे। घर-घर औषधि योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक गुरूवार को जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुई।


बैठक में जिला कलक्टर ने गत वर्ष घर-घर औषधि योजना के पौधों की भौतिक प्रगति की समीक्षा की और इस वित्तीय वर्ष में योजना के तहत आवंटित लक्ष्यों के अनुरूप पौध तैयार करने के निर्देश वन अधिकारियों को दिए। उन्होंने पौध तैयार करने की नर्सरियोें के बारे में जाना और कहा कि सभी पौधे सही समय पर तैयार हों और इनके वितरण व परिवहन की व्यवस्था में कोई कोताही ना हो। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में जिला परिषद और शहरी क्षेत्र में नगर निगम पौधों का परिवहन और वितरण करवाएंगे। उन्होंने पौध वितरण हेतु समय पर किट तैयार करने के निर्देश संबंधित विभाग को दिए।


*गत वर्ष वितरित पौधों का सोशल ऑडिट हो*- जिला कलक्टर ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में ‘घर-घर औषधि पौधे दिए थे, उनमें से कितने जिन्दा हैं, इसकी जानकारी जुटाई जाए। उन्होंने ‘घर-घर औषधि योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करवाने के आयुर्वेद विभाग के अधिकारी को निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने विद्यालयों की प्रार्थना सभा में भी औषधि पौधों के महत्व के बारे में जानकारी दी जाए।


*घर-घर औषधि पौध वितरण का प्रभावी प्रचार हो*

जिला कलक्टर ने आयुर्वेद विभाग के अधिकारी को निर्देशित किया कि आमजन तक इन पौधों के आयुर्वेदिक महत्व की जानकारी पहुंचाई जाए। संगोष्ठी, नुक्कड़ नाटक, फ्लेक्स बोर्ड, झांकियां आदि निकालकर प्रचार किया जाए। साथ ही सोशल मीडिया के जरिये आमजन को मोटिवेट किया जाएं।


*हैल्प लाइन के माध्यम से दी जाए जानकारी*

जिला कलक्टर ने घर-घर औषधि पौध योजना की जानकारी देने के लिए वन विभाग और आयुर्वेद विभाग को हैल्पलाइन नम्बर जारी करने के निर्देश दिए। हैल्पलाइन के माध्यम से लोगों को आयुर्वेद में इन पौधों के गुणों के बारे में जानकारी दी जाए।बैठक में डीएफओ रंगास्वामी ई. ने बताया कि इस योजना के तहत तुलसी, कालमेध, अश्वगंधा एवं गिलोय औषधि पौधों का घर-घर वितरण करवाया जाना है। उन्होंने बताया कि जिले में वर्ष 2022-23 में ग्रामीण क्षेत्र में 14.65 लाख और शहरी क्षेत्र में 2 लाख 20 हजार पौध वितरण किए जाने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि गत वर्ष जिले में 16 लाख 86 हजार के लक्ष्य विरूद्ध 15 लाख 80 हजार ‘घर-घर औषधि पौध का वितरण किया गया था। उन्होंने बताया कि जिले की 10 नर्सरी में औषधि पौध तैयार की जा रही है। उन्होंने बताया कि इस बार बीकानेर मण्डल द्वारा श्रीडूंगरगढ़, नोखा, पांचू, कोलायत, लूणकरनसर, बीकानेर पंचायत समिति के शेष रहे गांवों में पौध वितरित किए जायेंगे। गत वर्ष छत्तरगढ़, खाजूवाला व पूगल डिवीजन में शत प्रतिशत औषधि पौधों का वितरण किया गया था।

बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) ओम प्रकाश, जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी नित्या के., अतिरिक्त जिला कलक्टर (नगर) पंकज शर्मा, नगर निगम आयुक्त गोपाल बिरदा, मण्डल वन अधिकारी स्टेज द्वितीय वीरेन्द्र सिंह जोरा, सहायक वन संरक्षक नरेन्द्र चौधरी, जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) सुरेन्द्र सिंह भाटी, खनि अभियंता आर.एस.बलारा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।