जल का हो सुनियोजित उपयोग -कुलपति प्रो आर.पी. सिंह
विनय एक्सप्रेस न्यूज़ बीकानेर। कृषि अनुसंधान केन्द्र, स्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर पर विश्व जल दिवस मनाया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. रक्षपाल सिंह कुलपति ने जल की महत्वता व उसके सुनियोजित उपयोग पर अपना व्याख्यान दिया। डाॅ. सिंह ने बताया कि पंजाब में सबसे अधिक 165 प्रतिशत जल का दोहन हो रहा है उसके पश्चात राजस्थान प्रदेश में 140 प्रतिशत भू जल का दोहन हो रहा है। पूरे उपलब्ध जल का लगभग 97 प्रतिशत भाग खारा है तथा लगभग 2 प्रतिशत भाग ग्लेशियर के रूप में संचित है तथा केवल 1 प्रतिशत जल ही उपयोग होने योग्य है जो नदियों, झीलों व भू जल में व्याप्त है। देश में वर्षा की मात्रा 1170 मिमी है जबकि राजस्थान प्रदेश में औसतन 575 मिली वर्षा प्रतिवर्ष होती है। कुल जल की देश मे उपलब्धता 1869 बिलियन क्यूबिक मीटर है जबकि राजस्थान प्रदेश में केवल 21.71 बिलियन क्यूबिक मीटर जल की उपलब्धता है। आज आवश्यकता है कि सिंचाई की दक्षता बढ़ाने वाली विभिन्न विधियों जैसे बूंद-बूंद सिंचाई, फव्वारा सिंचाई, मिनी फव्वारा सिंचाई आदि से सिंचाई करें। इस अवसर पर डाॅ. प्रकाश सिंह शेखावत, अनुसंधान निदेशक, स्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर ने जल का समूचित उपयोग करने व कम पानी वाली फसलों को लगाने पर बल दिया। इस अवसर पर डाॅ. एस. आर. यादव, क्षेत्रिय निदेशक अनुसंधान ने सभी का स्वागत किया व जल दिवस पर कार्यक्रम आयोजित करने की उपयोगिता के बारे में बताया। कार्यक्रम में श्री संजय, कृषि इंजिनियर ने फसलों में जल की आवश्यकता व जल संरक्षण संरचनाओं के बारे में बताया। डाॅ. एस. पी. सिंह ने शस्य फसलों में जल प्रबंधन विषय पर व डाॅ. राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने बागवानी फसलों में जल प्रबंधन व सिंचाई की विभिन्न विधियों पर व्याख्यान दिया। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने तथा डाॅ. पी. सी. गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर 135 कृषक कृषि विद्यार्थी एवं समस्त वैज्ञानिक, तकनीकी व गैर तकनीकी कर्मचारी सदस्य उपस्थित रहे।