सवाई है थांरी म्हारी सांस-सांस आजादी रै अमृत सूं : उछब तिरंगा कार्यक्रम हुआ आयोजित 

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। तीन भाषा हिन्दी, उर्दू, राजस्थानी और तीन काव्य विधा कविता, गीत, ग़जल के तिरंगे संवेदनात्मक शब्द रंगों से रंगी काव्य संध्या के माध्यम से देश भक्ति, देश के अमर शहीदों एवं स्वतंत्रता एवं राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के महत्व को रेखांकित करती एक से एक बढकर काव्य रचनाओं का वाचन आज सांय स्थानीय नालन्दा पब्लिक सी.सै. स्कूल के सृजन सदन में प्रज्ञालय संस्थान एवं राजस्थान युवा लेखक संघ द्वारा आयोजित आजादी के अमृत महोत्सव के तहत ‘उछब तिरंगा’ कार्यक्रम के तहत हुआ।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राजस्थानी के वरिष्ठ कवि कमल रंगा ने कहा कि नगर की तीनों पीढ़ियों के रचनाकारों ने देश की आजादी के अमृत महोत्सव को समर्पित रचनाओं की गहरी संवेदनात्मक काव्य प्रस्तुतियां देते हुए कार्यक्रम को देशभक्तिमय बना दिया।


कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ नृसिंह बिन्नाणी ने कहा कि कार्यक्रम उछब तिरंगा की काव्य संध्या का आगाज सभी कवि-शायरों द्वारा राष्ट्रीय ध्वज के साथ किया गया। जो अपने आप में नव पहल थी।


प्रारंभ में सभी का स्वागत करते हुए युवा शिक्षाविद् राजेश रंगा ने कहा कि अमृत महोत्सव के अवसर पर ’उछब तिरंगा’ कार्यक्रम एक नवाचार है। जिसके माध्यम से नई पीढ़ी तक आजादी के हर पक्ष को पहुचंने का एक सकारात्मक प्रयास है।


प्रारंभ में कार्यक्रम का संचालन करते हुए वरिष्ठ शायर क़ासिम बीकानेरी ने कार्यक्रम के महत्व को रेखांकित किया एवं अपनी देश भक्ति ग़जल के इस शे’र ‘तिरंगा है हमें प्यारा मुहाफ़िज़ हम तिरंगे के/ हमारे दिल में है इसका बड़ा सम्मान लिख देना’ के माध्यम से तिरंगे के महत्व को रेखांकित किया। इसी कड़ी में वरिष्ठ कवि निर्मल कुमार शर्मा ने अपनी उम्दा कविता ‘भारत में जन्म दिया बड़ा उपकार तेरा’ पंक्तियों के माध्यम से स्वतंत्रता के महत्व को उकेरा। इसी कड़ी में कवि गीतकार संजय आचार्य ‘‘वरूण’’ ने अपने मधुर कंठो से राष्ट्र को समर्पित गीत की शानदार प्रस्तुति दी। वरिष्ठ शायर अब्दुल वाहिद अशरफ़ी ने अपनी बेहतरीन ग़जल के राष्ट्र को समर्पित शेर पढकर आज़ादी के दीवानों को नमन किया।


वरिष्ठ कवि जुगल किशोर पुरोहित ने अपनी काव्य रचनाओं के माध्यम से मातृभूमि एवं आज़ादी के आंदोलनकारियों को नमन किया। इसी क्रम में वरिष्ठ कवयित्री डॉ.कृष्णा आचार्य ने अपनी ऐतिहासिक महत्व की राजस्थानी नया रंग भरा । इसी क्रम में हिंदी, उर्दू एवं राजस्थानी भाषा के कवियों ने अपनी देश भक्ति से ओत-प्रोत काव्य प्रस्तुति कार्यक्रम को परवान चढ़ाया। वहीं कवि विप्लव व्यास एवं कवि कैलाश टाक ने अपनी रचना के माध्यम से राष्ट्रीय ध्वज एवं अमर शहीदों को याद किया।
कवि डॉ.नृसिंह बिन्नाणी ने अपने गीत एवं क्षणिकाओं के माध्यम से देश की आज़ादी के शहीदों एवं राष्ट्र ध्वज को सलाम किया।


गीतकार बाबू लाल छंगाणी ने अपनी ताज़ा ग़जल के माध्यम से 15 अगस्त के राष्ट्रीय पर्व एवं देश की आजादी के प्रति अपनी भावना को शब्दों के माध्यम से प्रस्तुत किया।
कवि नेमचंद गहलोत ने अपनी छंदयुक्त रचना देशभक्ति को समर्पित की। युवा कवि गिरिराज पारीक ने अपनी ताजा काव्य प्रस्तुति देते हुए आजादी के अमर नायकों को नमन किया। तो गंगा विशन बिश्नोई ने सस्वर आजादी को समर्पित गीत प्रस्तुत किया।


कार्यक्रम में कवि-शायर निर्मल शर्मा ने शानदार प्रस्तुति दी एवं कपिला पालीवाल, शेख सलीम ने भी अपनी काव्य रचनाएं अमृत महोत्सव को समर्पित की।


कार्यक्रम में खासतौर से छात्र/छात्राओं ने अपनी सहभागिता बतौर श्रौता निभाई एवं कार्यक्रम में भवानी सिंह, अशोक शर्मा, कार्तिक मोदी, सुनील व्यास, हरिनारायण आचार्य, हनुमान छींपा, अविनाश, घनश्याम, तोलाराम, आशिष रंगा, बलदेव एवं कन्हैयालाल आदि उपस्थित रहे।


कार्यक्रम के अंत में सभी का आभार इतिहासविद् डॉ. फारूक चौहान ने ज्ञापित किया। कार्यक्रम का सफल संचालन वरिष्ठ शायर क़ासिम बीकानेरी ने किया।