महत्व जीत-हार का नहीं, सक्षम बनने का है – बृजलाल शर्मा

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर-श्री डूंगरगढ़.प्रतियोगिता में जीत एवं हार होती है, किन्तु हारने वाले को मन से नहीं हारना चाहिए। हार के बाद अनवरत प्रयास हार को जीत में बदल देते हैं। जीत-हार में सबसे बड़ी अहमियत सक्षम बनने की है। इसलिए जीतते जाओ, हारते जाओ, खेल खेलते जाओ का क्रम बना रहना चाहिए। हार को सामान्य मानें, खुद को सजा न दें, हार से सीखें एवं आगे बढ़े, का मूल मंत्र जीवन में बनाए रखें। जीत निश्चित है। ये विचार बिग्गा निवासी समाज सेवी बृज लाल शर्मा तावनिया ने रखे। वे रविवार को कस्बे में आयोजित 66 वीं जिला स्तरीय सॉफ्ट बॉल प्रतियोगिता के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि पद से बोल रहे थे।

समारोह के विशिष्ट अतिथि एवं समाज सेवी भानुदा शंकरलाल भुंवाल ने खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जीवन में सफलता के लिए आत्मविश्वास विश्वास जरूरी है। आत्मविश्वास मुकाबला करने के लिए साहस प्रदान करता है। इसलिए आत्म विश्वास एवं संकल्प शक्ति से खेल को खेलेंगे तो जीत को कोई रोक नहीं सकता। वरिष्ठ शारीरिक शिक्षक एवं प्रतियोगिता निर्णायक प्रमुख रमेश कुमार वर्मा ने प्रतियोगिता की जानकारी दी।

मंच-संयोजक डॉ. राधाकिशन सोनी के कार्यक्रम का परिचय में कहा कि छात्र 17 एवं 19 वर्षीय दोनों वर्गों में 10-10 टीम शामिल हुई हैं। आयोजक संस्था राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, ताल मैदान के प्राचार्य आदूराम जाखड़ ने खिलाड़ियों को बधाई देते हुए अतिथियों का आभार प्रकट किया। शाला प्राचार्य एवं स्टाफ ने मुख्य एवं विशिष्ट अतिथियों को माल्यार्पण, साफ एवं शॉल ओढाकर तथा अतिथि विशेष अतिथि शिव प्रसाद तावनिया, ओमप्रकाश भुंवाल, संजय पारीक, राजू हीरावत, कपिला स्वामी का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। खेल नियमों की शपथ के बाद अतिथियों के द्वारा खेल का उद्घाटन किया गया। श्रीमती कपिला स्वामी द्वारा निकाले गए टॉस में राउमावि, साधुना की टीम ने टॉस जीत कर क्षेत्र रक्षण किया। पहले दिन दोनों वर्गों में श्री डूंगरगढ़ की रूपादेवी मोहता स्कूल एवं मॉडर्न स्कूल, नापासर, पांचू, साधुना, कुदसू एवं पलाना स्कूल की टीमों ने खेल खेला। प्रतियोगिता आयोजन एवं संचालन में संदीप डूडी, राजवीर सिंह, रामलाल नाथ, लीलाधर, प्रदीप कौशिक, भंवर लाल स्वामी एवं विद्यालय के एन एस एस के विद्यार्थियों द्वारा विशेष सहयोग रहा।