एससी, एसटी अत्याचार के प्रकरणों में जांच में लाएं तेजी, पीड़ित को समय पर मिले न्याय- जिला कलक्टर

जिला स्तरीय सतर्कता एवं मॉनिटरिंग समिति की बैठक आयोजित

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने कहा कि एससी, एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज प्रकरणों के जांच कार्य में तेजी लाते हुए समय पर बकाया रिपोर्ट उपलब्ध करवाएं।
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) के तहत गठित जिला स्तरीय सतर्कता एवं मॉनिटरिंग समिति की शुक्रवार को बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिला कलक्टर ने कहा कि पुलिस और अभियोजन अधिकारी समन्वय से कार्य करें। जिला कलक्टर ने कहा कि पीड़ित को समय पर न्याय दिलवाना पुलिस और अभियोजन की सर्वाेच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। प्रकरणों में अनावश्यक देरी ना हो , यदि जांच बदलने की आवश्यकता है तो बदलते हुए तीव्र कार्रवाई की जाए।


सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के संयुक्त निदेशक एल.डी. पंवार ने बताया कि विभाग द्वारा अनुसूचित जाति वर्ग के 344 व्यक्तियों को 298.51 लाख रुपए की राशि देकर लाभान्वित किया गया है, इसी प्रकार अनुसूचित जनजाति वर्ग के 14 प्रकरणों में 10 लाख रुपए की राशि पीड़ितों को दी गई है।
बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) हरिशंकर, अतिरिक्त जिला कलक्टर (नगर) पंकज शर्मा, विशिष्ट लोक अभियोजक (एससी-एसटी सेल) कुंदन व्यास, समिति के सदस्य मुरलीधर पन्नू सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।


पुनर्वास गृह संचालन का अनुभव रखने वाले एनजीओ का हो चयन
बजट घोषणा वर्ष 2022 में मुख्यमंत्री पुनर्वास योजना के तहत स्वयंसेवी संगठन के चयन हेतु आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिला कलक्टर ने कहा कि पात्रता रखने वाले स्वयंसेवी संगठन का चयन करें। चयन के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि चयनित एनजीओ को पुनर्वास गृह संचालन का अनुभव हो। सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग के संयुक्त निदेशक पंवार ने बताया कि समिति के समक्ष सात स्वयंसेवी संस्थाओं से प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं जिनका परीक्षण कर चयन प्रक्रिया शीघ्र संपादित की जाएगी।

नवजीवन योजना के तहत सर्वे कार्य शीघ्र प्रारंभ हो
जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने नवजीवन योजना में सम्मिलित जातियों के सर्वे हेतु स्वयंसेवी संस्था का चयन कर कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि इस योजना में राज्य सरकार ने 16 नई जातियां शामिल की है इससे पहले योजना में 14 जातियां शामिल थीं। सर्वाेच्च पात्रता रखने वाली स्वयंसेवी संस्था का चयन करते हुए योजना के तहत सर्वे का कार्य पूर्ण कर लिया जाए। जिससे अवैध शराब के निर्माण, भंडारण और विक्रय पर अंकुश लगाकर इन कार्यों में संलग्न लोगों को वैकल्पिक रोजगार उपलब्ध कराते हुए समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके। बैठक में सम्बंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।