साहित्य पुरौधा-शब्दऋषि लक्ष्मीनारायण रंगा का न रहना प्रदेश के साहित्यिक क्षेत्र की बड़ी क्षति

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। सृजनात्मक नवाचार के साथ शब्द साधना को समर्पित महान् साहित्यकार, रंगकर्मी, चिंतक, सम्पादक एवं अनुवादक लक्ष्मीनारायण रंगा के निधन से प्रदेश ही नहीं देश के साहित्य और सांस्कृतिक जगत को बडी क्षति हुई है। यह आत्मिक संवेदना व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री अशेाक गहलोत के विशेषाधिकारी लोकेश शर्मा ने शोकाभिव्यक्ति प्रगट की।


लोकेश शर्मा ने आज प्रातः लक्ष्मीनारायण रंगा के निवास स्थान रंगा कोठी सुकमलायतन मुरलीधर व्यास नगर पहुंचकर रंगा के तेल चित्र को पुष्पांजलि अर्पित कर उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की। शर्मा ने आगे कहा कि रंगा जी ने पीढ़ियों को संस्कारित किया जो अपने आप में अमूल्य योगदान है और उनकी तीन पीढ़ियां सृजनरत है। यह अपने आप में महत्वपूर्ण बात है। नई पीढ़ी को उनसे प्रेरणा लेकर साहित्य और सांस्कृतिक क्षेत्र में प्रदेश का गौरव एवं मान बढाना चाहिए।


लोकेश शर्मा को रंगा जी के पुत्रों कमल रंगा और राजेश रंगा ने अपने पिता का साहित्य भेंट किया। शब्दांजलि अर्पित करने ऋषि व्यास आनन्द जोशी हरिशंकर आचार्य, ज्योति प्रकाश रंगा सहित अनेक कलानुशासन के गणमान्य लोगों ने लक्ष्मीनारायण रंगा जी शब्दऋषि एवं साहित्य का मौन साधक बताया।