स्कूलों में चतुर्थ श्रेणी कार्मिक नहीं, शिक्षक बजा रहे है घंटी

बच्चों से करवाएं या खुद शिक्षक करें चतुर्थ श्रेणी कार्मिक के काम ,मनरेगा में कार्यरत श्रमिको में नियुक्त किये जावे चतुर्थ श्रेणी कार्मिक

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। प्रदेश की स्कूलों में शिक्षको को विभिन्न गैर शैक्षणिक व लिपिकीय कार्यो के साथ साथ स्कूल के दरवाजे व ताले खोलने व बन्द करने,घंटी बजाने,कक्षा कक्षो में झाड़ू लगाने,घंटा वादन ,पानी टंकी की सफाई ,कॉम्बो पैक व तेल,पाठ्य पुस्तके वितरित करने में हम्माली करने के कार्यो के साथ फोटो कॉपी करवाने जाने जैसे अनेक चतुर्थ श्रेणी कार्मिको के कार्य भी करने पड़ रहे है।जिसके कारण शिक्षको में भारी आक्रोश व्याप्त है।


राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के प्रदेश महामंत्री महेंद्र कुमार लखारा ने बताया कि राज्य में तकरीबन 64963 स्कूले है जिनके लिए चतुर्थ श्रेणी कार्मिको के 24804 पद स्वीकृत है जबकि 5741के करीब कार्यरत है।वहीं जमादारों के 421 स्वीकृत पदों के विरुद्ध केवल 110 जमादार ही कार्यरत है।इस प्रकार राज्य के 64963 स्कूलों में कुल 5851चतुर्थ श्रेणी कार्मिक व जमादार कार्यरत है जो कुल स्कूलों के 1 प्रतिशत भी नहीं है।वर्तमान में किन्ही स्कूलों में 2 से 3 चतुर्थ श्रेणी कार्यरत है तो अधिकांश विद्यालयों में एक भी नसीब नही है।


संगठन के प्रदेश अतिरिक्त महामंत्री रवि आचार्य ने बताया कि वर्तमान में स्कूलों में स्कूल बंद करने व कालांश बजाने के कार्य का भी बंटवारा भी शिक्षको में किया जा रहा है जो दुर्भाग्यपूर्ण है। आचार्य ने कहा कि मनरेगा योजना के तहत विधालयो में कार्य करवाने हेतु मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री व विभाग के संज्ञान में विषय लाया गया । विभाग द्वारा राज्य सरकार को सुझाव भी प्रषित किया गया लेकिन कार्यवाही आगे नही बढ़ पायी जिसका खामियाजा शिक्षक भुगत रहे हैं।


संगठन के प्रदेशाध्यक्ष नवीन कुमार शर्मा ने बताया कि राज्य में वर्तमान में च.श्रे.क व जमादारों के कुल 25225 पद स्वीकृत है जिनके विरुद्ध 5851 कार्मिक ही कार्यरत है।कुल स्वीकृत पदों के 77 प्रतिशत पद रिक्त है। विगत वर्षों में नव सृजित व क्रमोन्नत स्कूलो की संख्या बढ़ी है जिसके कारण स्कूलो की संख्या 64963 के करीब पहुंच गई है।ऐसे में एक स्कूल में एक चतुर्थ श्रेणी कार्मिक की आवश्यकता माने तो 64963 कार्मिको की जरूरत है वहाँ 5851 के करीब ही कार्मिक कार्यरत है जो 1 प्रतिशत से भी कम है।इन कार्मिको में से अधिकांश डीईओ,सीबीईओ सीडीईओ कार्यालयों में नियुक्त कर रखे है जिससे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के जिम्मे के कार्य भी शिक्षको को निपटाने पड़ रहे है।
संगठन के प्रदेश सभाध्यक्ष अरविंद व्यास ने बताया कि शिक्षक अध्यापन कार्य करे या लिपिक व चतुर्थ श्रेणी कार्मिको के कार्य निपटाए अथवा बच्चों से काम करवाये।जबकि नियमानुसार बच्चों से काम करवाया नहीं जा सकता ।
संगठन के प्रदेश अतिरिक्त महामंत्री श्री रवि आचार्य ने बताया कि वर्तमान में स्कूलों में स्कूल बंद करने व कालांश बजाने के कार्य का भी बंटवारा भी शिक्षको में किया जा रहा है जो दुर्भाग्यपूर्ण है।


केवल अनुकंपा नियुक्ति से हो रही भर्ती
संगठन की प्रदेश महिला मंत्री श्रीमती जयमाला पानेरी,प्रदेश उपाध्यक्ष ओमप्रकाश विश्नोई,प्रदेश सयुक्त मंत्री सुरेश व्यास ने कहा कि वर्तमान में शिक्षा विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती पिछले कई साल से बंद कर रखी है। इसके चलते जिस स्कूल से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रिटायर हो जाता है, वहां उस पद पर दुबारा किसी की नियुक्ति नहीं होती। कभी कभार अनुकंपा नियुक्ति के रूप में जरूर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी मिल जाता है। इसके अलावा पूरे पद खाली रह जाते है।


संगठन के प्रदेश मीडिया सयोंजक आशीष ने बताया कि संगठन ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर मनरेगा व शहरी रोजगार योजना में कार्यरत श्रमिको में से राज्य के प्रत्येक विद्यालय में न्यूनतम एक चतुर्थ श्रेणी व सहायक कार्मिक की नियुक्ति करने की माँग की है जिससे समस्या का अस्थायी समाधान हो सके