शास्त्री नगर स्थित वीर हनुमान वाटिका में यज्ञ आज : संकीर्तन, भजन व प्रभु नाम स्मरण परमात्म प्राप्ति का सर्वोत्तम माध्यम-पंडित बृजेश गोस्वामी

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। शास्त्री नगर स्थित वीर हनुमान वाटिका परिसर के छठे दिन सोमवार को भक्ति संगीतमय भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में श्री वीर हनुमान वाटिका समिति, महिला सत्संग मंडली व समस्त सत्संगियों व समस्त भक्तजनों के सहयोग से सोमवार को भगवान श्रीकृष्ण-सुदामा मिलन व सुखदेवजी पूजन, फूल होली उत्सव हुआ। ’’ मेरे बांके बिहारी लाल तेरी जय हो’’ सहित अनेक भक्ति गीतों पर सत्संगी महिलाओं प्रीत वस्त्र धारण कर खूब जमकर नृत्य किया। कथा का समापन मंगलवार को सुबह नौ बजे मंदिर परिसर में यज्ञ के बाद होगा।
कथा का वाचन विवेचन करते हुए बांके बिहारी मंदिर,वृंदावन के शयन भोग अधिकारी व कथावाचक पंडित बृजेश गोस्वामी ने कहा कि श्रीकृष्ण सुदामा मिलन प्रसंग को सुनाते हुए कहा कि परमात्मा को ही सच्चे, मित्र व सखा बनाकर भजते हुए उनकी वंदना करनी चाहिए। सुदामा ने दोस्त श्रीकृष्ण की संपन्नता, सम्प्रभुता को कायम रखने के लिए दरिद्रता ग्रहण की। श्रीकृष्ण ने अपने मित्र सुदामा की सच्ची मित्रता का ऋण चुका दिया उनका सर्व संपन्न, एश्वर्यवान बनाते हुए कल्याण कर दिया। सांसारिक मित्र का भी दायित्व है कि अपने दोस्त की दुःख, तकलीफ को निष्काम, निस्वार्थ भावना से दूर करने का प्रयास व पुरुषार्थ करें।
उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण को जिसने जिस भाव से भजा, उसको उसने प्राप्त किया। श्रीकृष्ण को अपना तथा अपने आपको श्री बांके बिहारी लाल का माने। अपनत्व भाव से श्रीकृष्ण की पूजा, अर्चना व वंदना करते है, उनकी लीलाओं का स्मरण करते है, उनकी सभी कामनाओं को श्रीकृष्ण पूर्ण करते है। संस्कृत श्लोक सुनाते हुए कहा कि श्रीकृष्ण को पूजने से सभी देवताओं को पूजने का फल मिलता है। महर्षि दतात्रेय के 24 गुरुओं की कथा सुनाते हुए कहा कि अच्छाई सभी की ग्रहण करते हुए उनको गुरुभाव से उनका सम्मान करें। दूसरों की अच्छाई व अपनी बुराई को देखकर उसको दूर करने का प्रयास करना चाहिए। महर्षि दतात्रेय ने नवविवाहिता को गुरु मानते हुए भगवान हरि से सात फेरे लिए तथा परमात्मा को अपने समर्पित कर दिया। भगवान ने आलौकिक रूप् धारण करते हुए भागवत स्वरूप् में है। शुकदेवजी ने परीक्षित को बताया कि कलयुग में संकीर्तन, भजन व प्रभु नाम स्मरण परमात्म प्राप्ति का सर्वोत्तम माध्यम है। दक्षिणा के रूप् में अनेक सत्संगियों ने प्रभु नाम के जाप के 108 माला जपने में एक नाम देने का आग्रह किया जिसका अनुमोदन सभी ने किया। महिला सत्संगियों श्रीमती सरोज, कंचन बाला सोनी, मुकेश सोनी,़ सचिन गुप्ता, पूर्व पार्षद छाया गुप्ता, प्रेम खंडेलवाल, नवनीत सारस्वत, श्रीमती शशि , सांवरी देवी मीणा, बाला देवी, हरिनारायण सिंह, अनिता सत्येन्द्र गर्ग, सोनम सारंग, रेखा राकेश शर्मा, मीनाक्षी गोपाल तिवारी, मंदिर पुजारी आशाराम ओझा सहित अनेक कॉलोनी वासियों ने कथावाचक श्री बृजेश गोस्वामी का अभिनंदन किया तथा आभार जताया । ’’ रंग में कैसे होली खेलूंगी, सांवरिया के संग’’ सहित अनेक भजनों में खूब सत्संगियों ने आनंद लिया।
देव पूजन व उत्सव का लाभ-श्रीमती पूजा एवं प्रेम रतन ओझा, श्रीमती शांति देवी एवं श्री वीर हनुमान वाटिका मंदिर के पुजारी पंडित आशाराम ओझा, श्रीमती अम्मी नागर, श्रीमती रेखा खत्री एवं परिवार ने लिया। श्री वीर हनुमान वाटिका समिति की सचिव व पूर्व पार्षद छाया गुप्ता ने बताया कि कथा का सीधा प्रसारण यू टयूब, फेसबुक व सोशल मीडिया से करने पर बड़ी संख्या में देश-विदेश में बैठे सत्संगियों ने देखा।