विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसन्धान केन्द्र (एनआरसीसी), बीकानेर आज विश्व पर्यावरण दिवस समारोहपूर्वक मनाया गया । पर्यावरण दिवस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ.जगदीश राणे, निदेशक, भाकृअनुप-केन्द्रीय शुष्क बागवानी संस्थान, बीकानेर ने कहा कि 34 करोड़ टन प्लास्टिक उत्पादन प्रतिवर्ष हो रहा है जिसमें 50 प्रतिशत सिंगल यूज प्लास्टिक एवं केवल 10 प्रतिशत ही पुनर्नवीनीकरण किया जाता है तथा शेष समुद्र एवं मृदा में फेंक दिया जाता है । उन्होंने कहा कि कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन किसी देश की सीमा तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसका प्रभाव सीमाओं से परे भी होगा । उन्होंने वैश्विक तापवृद्धि, ग्रीन हाऊस गैस तथा जानवरों द्वारा उत्सर्जित मीथेन गैस, प्लास्टिक के उचित प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण के प्रति आमजन प्रेरित नीति निर्माण आदि विभिन्न पहलुओं पर सदन का ध्यान खींचते हुए कहा कि मौजूदा पर्यावरण जो कि हमारा नहीं है, भावी पीढ़ी के लिए इसे सुरक्षित पहुंचाना होगा ।
पर्यावरण दिवस के इस मौके पर केन्द्र निदेशक एवं कार्यक्रम संयोजक डॉ.आर्तबन्धु साहू ने विश्व पर्यावरण दिवस 2023 की विषय-वस्तु (थीम) ‘’प्लास्टिक प्रदूषण का समाधान’’ का उल्लेख करते हुए कहा कि प्लास्टिक से दूर रहने का मतलब हमें इसका विकल्प तलाशना है जो कि पृथ्वी के वातावरण एवं इसकी स्वस्थता के लिए महत्वपूर्ण है । उन्होंने प्लास्टिक से बचाव के लिए रिड्यूस, रियूज एवं रिसाईकल नीति को अपनाया जाना जरूरी बताया क्योंकि प्लास्टिक से जलीय जीवन एवं समस्त पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान होता है । डॉ.साहू ने ऊँट को जलवायु को अनुकूलित करने वाली एक खास पशु प्रजाति बताया एवं कहा कि एनआरसीसी द्वारा पौधों के साथ प्लास्टिक यूज के स्थान पर ऊँट-भेड़ की अपशिष्ट ऊन (वेस्ट वूल) निर्मित सेपलिंग बैग काम में लिए जा रहे हैं, ये बैग पर्यावरण-मैत्री होने के साथ साथ नमी के रूप में पौधों की बढ़ोत्तरी हेतु सहायक बन खाद का भी काम करते हैं , इनका प्रचलन बढ़ना चाहिए ।
विशिष्ट अतिथि डॉ. एस.सी.मेहता, प्रभागाध्यक्ष, भाकृअनुप-राष्ट्रीय अश्व अनुसन्धान केन्द्र, बीकानेर ने पर्यावरण दिवस की बधाई देते हुए कहा कि पर्यावरण प्रदूषण के समाधान के लिए, हमें इसे एक मिशन के रूप में लेना होगा साथ ही इसके समाधान के लिए शिक्षा एवं जागरूकता आवश्यक है इसके अलावा नागरिकों को पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझना होगा । विशिष्ट अतिथि डॉ.आर.ए.लेघा, प्रभागाध्यक्ष, भाकृअनुप-केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसन्धान संस्थान, बीकानेर ने प्लास्टिक के उपयोग से होने वाले दुष्प्रभाव का जिक्र करते हुए कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग सख्तीपूर्वक बंद होना चाहिए ।
एनआरसीसी ने इस पर्यावरण दिवस पर नवाचार के तौर पर अतिथियों को वूल वेस्ट निर्मित सेपलिंग बैग में पौधे वितरित किए गए । कार्यक्रम की रूपरेखा डॉ.प्रियंका गौतम, वैज्ञानिक एवं आयोजन सचिव द्वारा तैयार की गई एवं धन्यवाद प्रस्ताव डॉ. श्याम सुन्दर चौधरी, वैज्ञानिक एवं सह आयोजन सचिव द्वारा प्रस्तुत किया गया ।