सम्मान प्रोत्साहन एवं दायित्व बोध है : शिवराज छंगाणी, प्रज्ञालय संस्थान ने स्मृतिशेष लक्ष्मीनारायण रंगा को समर्पित किया युवा प्रज्ञा सम्मान-2023

युवा प्रतिभाओं का सृजन संभावना जगाता है- मधु आचार्य

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर।राजस्थानी,-हिन्दी साहित्य, रंगकर्म, षिक्षा एवं शोध के पुरोधा कीर्तिशेष लक्ष्मीनारायण रंगा को समर्पित प्रज्ञालय संस्थान का “युवा प्रज्ञा सम्मान-2023 समारोह” नागरी भण्डार स्थित सुदर्शन कला दीर्घा में राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के अध्यक्ष शिवराज छंगाणी की अध्यक्षता में सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ। समारोह की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार शिवराज छंगाणी ने कहा कि प्रज्ञालय के नवाचार एवं सतत् महत्वपूर्ण आयोजनों के तहत युवा-प्रतिभाओं का सम्मान करना एक स्वस्थ परम्परा का निर्वहन करना है, साथ ही ऐसे महत्वपूर्ण आयोजनों के माध्यम से युवा प्रतिभा को प्रोत्साहन देकर उन्हें अपने सृजनात्मक दायित्व का बोध कराने का सकारात्मक उपक्रम है। छंगाणी ने इस अवसर पर लक्ष्मी नारायण रंगा से जुड़े संस्मरण साझा करते हुए उन्होंने रंगा की समृद्ध साहित्यिक यात्रा को प्रेरणादायी बताया। संस्थान इस हेतु साधुवाद की पात्र है।
युवा सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार-रंगकर्मी मधु आचार्य “आशावादी” ने कहा कि सम्मानित साहित्यकारों का सृजन हमें संभावना जगाता है तो वहीं उन्हें अपनी समृद्ध साहित्यिक परम्परा को आगे ले जाने की चुनौती देता है, जिस पर उन्हें खरा उतरना होगा। आचार्य ने आगे कहा कि स्वर्गीय रंगा हमेशा युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करते रहे हैं। इसी क्रम में प्रज्ञालय द्वारा ऐसे आयोजनों के माध्यम से नगर की साहित्यिक परम्परा को समृद्ध कर रहा है, जो प्रशंसा योग्य है।
समारोह में सानिध्य देते हुए राजस्थानी के वरिष्ठ कवि कथाकार कमल रंगा ने कहा कि नगर की हिन्दी, उर्दू एवं राजस्थानी की युवा सृजन धारा का सम्मान एक स्वस्थ परम्परा का निर्वहन करना तो है ही साथ ही साथ नगर की भाषायी समन्वय एवं साझा संस्कृति को बल देने वाला है। युवा पीढ़ी को अपने प्रोधाओं से प्रेरणा लेनी चाहिए।
प्रारम्भ में स्वागताध्यक्ष संस्कृतिकर्मी संजय सांखला ने आयोजन के महत्व को रेखांकित करते हुए स्व. लक्ष्मी नारायण रंगा के महत्वपूर्ण साहित्यिक अवदान को रेखांकित किया।
प्रज्ञा युवा सम्मान 2023 के तहत राजस्थानी के कवि आशीष पुरोहित एवं कवि व्यास योगेश राजस्थानी का एवं उर्दू में शायर मुफ्ती अशफाक गौरी “उफ्क एवं जयपुर के शायर शफीक अहमद “वारसी” के साथ गीतकार गोपाल पुरोहित का अतिथियों द्वारा माला, शॉल एवं सम्मान-पत्र अर्पित कर सम्मानित किया गया।
सभी युवा सम्मानित कवि-शायरों ने अपनी काव्य प्रस्तुतियों के माध्यम से उर्दू के मिठास, हिन्दी के सौन्दर्य एवं राजस्थानी की मठोठ से गरिमामय मंच एवं श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
सम्मानित प्रतिभाओं का परिचय कवि गिरिराज पारीक एवं कवि-गीतकार विप्लव व्यास ने प्रस्तुत किया। प्रज्ञा युवा सम्मान में नंदकिशोर सोलंकी, बिशन मतवाला, गोपाल कुमार “कुंठित” वली गौरी, डॉ. अजय जोशी, संजय पुरोहित, आत्माराम भाटी, हरीश बी. शर्मा, सागर सिद्धकी, नदीम अहमद नदीम, अरमान नदीम, बुनियाद हुसैन, गंगा बिशन विश्नोई, प्रेमनारायण व्यास, राजाराम स्वर्णकार, योगेन्द्र पुरोहित, इन्द्र कुमार छंगाणी, इन्द्रा व्यास, हरिकिशन व्यास, इंजी. सैयद कासम अली, अविनाश व्यास, इसरार हसन कादरी, मंजू सुथार, माजिद खान गौरी, राजेन्द्र कुमार कोचर, दीपेन्द्र सिंह, रंगा राहुल राजस्थानी, विक्रम स्वामी, बी.एल. नवीन, इरशाद अजीज, जुगल किशोर पुरोहित, गोपाल गौतम, छगन सिंह, नंदकिशोर आचार्य, संतोष शर्मा, गुलफाम हुसैन, हरिनारायण आचार्य, अशोक शर्मा सहित नगर के अनेक गणमान्य कवि, शायर, रंगकर्मी, शिक्षाविद् एवं संस्कृतिकर्मी आदि समारोह के गरिमामय साक्षी रहे हैं।
नवाचार लिए भव्य युवा प्रज्ञा सम्मान समारोह का सफल संचालन शायर कथाकार कासिम बीकानेरी ने करते हुए प्रज्ञालय के संस्थापक साहित्यिक पुरोधा स्व. लक्ष्मी नारायण रंगा को स्मरण-नमन किया तो वहीं सभी का आभार ज्ञापित करते हुए राजस्थानी अकादमी के कोषाध्यक्ष-कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी ने समारोह के महत्व को रेखांकित कर युवा साहित्य सृजन धारा पर अपनी बात रखी।