डॉक्टर सूनील तेतरवाल का सराहनीय कदम : घर-घर डॉक्टर बनाने का बनाया लक्ष्य, बज्जू को बनाया कर्मस्थली

80 बच्चों को प्रवेश परीक्षा की नि:शुल्क करवा रहे तैयारी, डॉ. तेतरवाल का प्रतिभा के लिए बेहतरीन प्रयास

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। बज्जू राजकीय सेवा में जाने के बाद ऐसे विरले ही होंगे जो अपने गांव व क्षेत्र की प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने का प्रयास करते हो और शिक्षा, भोजन, छात्रावास व पुस्तकालय की सुविधा भी निशुल्क उपलब्ध करवाते हो। कुछ ऐसा ही नजारा बीकानेर जिले के बज्जू कस्बे में डेजर्ट – 80 नाम से संचालित संस्था में देखने को मिल रहा है। यहां बज्जू निवासी नोख जैसलमेर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में कार्यरत डॉ. सुनील तेतरवाल की ओर से संचालित संस्था में क्षेत्र की 80 प्रतिभाओं को चिकित्सा क्षेत्र में कामयाब करने के लिए निशुल्क तैयारी करवाई जा रही है।

ऐसे आया मन में ख्याल
डॉ. तेतरवाल ने बताया कि डॉक्टर बनने के बाद जब क्षेत्र के मरीजों से रूबरू हुआ तो पाया कि लोग छोटी-छोटी समस्याओं को लेकर कई किलोमीटर दूर विशेषज्ञ चिकित्सक के पास जाते है। कई बार झोलेछाप डॉक्टर के पास जाते थे। तब अमूमन समस्या बडी हो जाती थी। इस पर एक टीम बनाकर प्रतियोगी परीक्षा करवाकर 80 प्रतिभाओं का चयन किया इन्हें आगामी 2 से 3 वर्ष तक तैयारी करवाई जाएगी ओर सभी सुविधा निःशुल्क प्रदान की जाएगी। बजट को लेकर परिचित दोस्तों सरकारी व निजी क्षेत्र के लोग भी सहयोग अपने स्तर पर करते हैं।

ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन
डॉ. तेतरवाल के निर्देशन में बच्चों के लिए ऑनलाइन व ऑफलाइन कक्षाओं का संचालन करवाया जा रहा है। ऑफलाइन कक्षाओं में रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान व भौतिक विज्ञान की तैयारी को लेकर चार विषय विशेषज्ञों द्वारा अध्यापन करवाया जा रहा है। साथ ही प्रोजेक्टर से ऑनलाइन कक्षा, समय-समय पर विशेषज्ञों से नीट परीक्षा की जानकारी दी जाती है। योग्यता परीक्षा व उसके बाद डाउट क्लीयर करवाने को लेकर भी विशेष कक्षाओं का आयोजन होता है।

पुस्तकालय व छात्रावास सुविधा
डेजर्ट 80 के नाम से संचालित संस्था में नीट की तैयारी को लेकर सभी बच्चों को शिक्षा के साथ आवास, भोजन, पुस्तकालय की सुविधा निशुल्क है। तैयारी कर रहे छात्र-छात्राओं ने बताया कि सुबह कक्षाओं के बाद दोपहर से शाम तक स्वयं अध्ययन को लेकर पुस्तकालय में तैयारी की जाती है। यहां उपलब्ध नोट्स व किताबें भी मददगार साबित हो रही है।

गांवों में जागरूकता का भी प्रयास
डॉ. तेतरवाल ने बताया कि बज्जू कस्बे में प्रतिभाओं को तरासने को लेकर प्रयास जारी है। साथ ही क्षेत्र के अन्य गांवों में युवाओं को तैयारी के लिए लाइब्रेरी का अभियान शुरू कर दिया है। वर्तमान में गोडू गांव में लाइब्रेरी शुरू है। जहां 40 से अधिक बच्चे तैयारी कर रहे है तो अगले चरण में मोडायत, माणकासर में लाइब्रेरी खोलना प्रस्तावित है।