सदाचार का पालना करने वाला मनुष्य ही भगवान का अनन्य भक्त कहलाता है : शिवेंद्र स्वरूप जी महाराज

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। परमार्थ साधक सेवा समिति पारीक चौक बीकानेर के तत्वावधान में चल रही शिव महापुराण कथा के दौरान व्यास पीठासीन ब्रह्मचारी शिवेंद्र स्वरूप जी महाराज ने श्री शिव महापुराण की महिमा को बताते हुए कहा कि वेद में बताई विधि का आचार करते भगवान का नाम लेता है वह ही सदाचार है। सदाचार, वेदाचार तथा विद्या का अनुसरण करने वाला द्विज कहलाता है। जिसमें आचार की परम्परा, सदाचार की परम्परा दिखाई देवें वहीं सनातनी है। जो वेदों का अध्यन करता है व वेदों के बताए मार्ग पर चलता है वहीं सदाचारी है। सदाचार का मतलब है जो सदा सर्वदा हमारे जीवन में विद्यमान रहे उसकी का नाम सदाचार है। इससे पहले सुबह आचार्य सुधांशु पारीक, पं. कन्हैयालाल पारीक के आचार्यत्व में यजमान डॉक्टर के.सी. पुरोहित परिवार द्वारा रुद्राभिषेक व व्यास पूजन किया गया। समाजसेवी जुगल किशोर ओझा (पुजारी बाबा), वंदेमातरम संस्था के मालचंद जोशी का अभिनंदन किया गया। कथा में महिला मंडल में अनुराधा पारीक, मंजू पारीक, शक्ति पारीक, यशोदा, ललिता, शकुंतला, किरण, सुमन, रेनू, सुमन, मंजू पांडिया, ऊषा, दामोदर जोशी, सुनील जोशी, रूपशंकर पारीक, कैलाश पारीक, तुलसीदास व्यास, मनोज पारीक, मदन मोहन आदि अनेक कार्यकर्ताओं ने सेवाएं प्रदान की।