साठ प्रतिशत लोग कृषि से जुड़े पर जीडीपी में कृषि की भागीदारी सिर्फ 15 प्रतिशत

गृह विज्ञान महाविद्यालय द्वारा एग्रीप्रेन्योरशिप एवं इसकी भूमिका विषयक सेमिनार आयोजित

विनय एक्सप्रेस न्यूज़ बीकानेर। गृह विज्ञान महाविद्यालय द्वारा ‘कृषि क्षेत्र में एग्रीप्रेन्योरशिप एवं इसकी भूमिका’ विषय पर सेमिनार गुरुवार को आयोजित किया गया। मुख्य वक्ता एन्तरप्रेन्योर स्पेशलिस्ट एवं इन्यूबेशन एक्सर्ट डाॅ. पल्लवी अग्रवाल वर्धन थी। उन्होंने कहा कि हमारे देश के 60 प्रतिशत लोग कृषि से जुड़े हैं, लेकिन अर्थव्यवस्था में कृषि की भागीदारी सिर्फ 15 प्रतिशत है। यह प्रतिशत बढ़े तथा समाज को और अधिक लाभ हो, इसके लिए युवाओं को आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में नवाचारों की असीम संभावनाएं हैं। कृषि विद्यार्थियों को इसे समझना होगा। युवा प्रयास करें कि वे ‘जाॅब सीकर’ नहीं ‘जाॅब प्रोवाइडर’ बने तथा दूसरों को भी रोजगार दें। उन्होंने कहा कि आज का समय एन्तरप्रेन्योरशिप का है। उन्होंने इस क्षेत्र में कॅरियर की संभावनाओं के बारे में बताया। गृह विज्ञान महाविद्यालय की अधिष्ठाता प्रो. विमला डुंकवाल ने कहा कि सरकारी क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएं सीमित हैं। इसके मद्देनजर युवाओं को स्वरोजगार की ओर बढ़ना होगा। कृषि एवं गृह विज्ञान के विद्यार्थी भी अध्ययन के दौरान इसे समझंे और एन्तरप्रेन्योर के रूप में आगे आने के प्रयास हों। इससे पूर्व डाॅ. पल्लवी ने महाविद्यालय की कार्यप्रणाली तथा बेकरी यूनिट के बारे में जाना। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय द्वारा मूल्य संवर्धित उत्पादों को प्रोत्साहित करना एग्रीप्रेन्योर ही है। इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के प्रयास हों। इस दौरान डाॅ. प्रसन्नलता आर्य, डाॅ. सुनीता लढ्ढा, डाॅ. जया पालीवाल, डाॅ. ममता सिंह सिह सहित महाविद्यालय स्टाफ के सदस्य मौजूद रहे। डाॅ. पल्लवी ने स्वामी विवेकानंद कृषि संग्रहालय तथा समन्वित कृषि प्रणाली इकाई का अवलोकन भी किया।
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Author: Vinay Express