विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। पुरानी शिवबाड़ी रोड़ स्थित सिंथेसिस इंस्टीट्यूट के प्रीफाउण्डेशन इंचार्ज चिरायु सारवाल के अनुसार विभिन्न विद्यार्थियों द्वारा आईओ, वीवीएम, और यूआईओ ऑलम्पियाड परीक्षाओं के गोल्ड मेडलिस्ट व सैकंड लेवल में चयनित विद्यार्थियों को मोमेंटो देकर और मेडल पहनाकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर संस्थान के प्रशासनिक निदेशक जेठमल सुथार ने बच्चों को प्रोत्साहित किया और आगे परीक्षाओं में और अच्छा करने की प्रेरणा दी।
गौरतलब है कि सिंथेसिस के विद्यार्थियों ने इस साल आयोजित वीवीएम परीक्षा में जिला स्तर पर कक्षा 8वीं, 9वीं व 10वीं तीनों कक्षाओ की क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय रैंक प्राप्त कि है। इसी प्रकार एसओएफ द्वारा आयोजित आईईओ ऑलम्पियाड में 6 बच्चे दूसरे लेवल के लिए चयनित हुए हैं और 4 बच्चों ने मैडल ऑफ डिस्टींकसन व 13 ने गोल्ड मेडल प्राप्त किए हैं। इसी प्रकार यूनिफाइड काउंसिल द्वारा आयोजित इंटरनेशनल इंग्लिश ओलिंपियाड में अगस्तय शर्मा ने टॉप 100 नेशनल अचीवर अवॉर्ड प्राप्त किया और 9 विद्यार्थियों ने विभिन्न मेडल प्राप्त किए। सभी विधार्थियों ने इस सफलता का श्रेय सिंथेसिस की प्रीफाऊन्डेशन टीम की मेहनत, इस लेवल की विशिष्ट टैस्ट सीरीज, अपने कठोर परिश्रम और पेरेंट्स के मोटीवेशन को दिया। गुरुजनों ने बच्चों को विशिष्ट उपलब्धि पर हार्दिक शुभकामनाएं और उज्जवल भविष्य के लिए आशीर्वाद दिया। बच्चों को मोटीवेट किया गया कि ये सफलता की पहली सीढी और अब लगातार इसी प्रकार से कठोर परिश्रम करना है।
गौरतलब है कि सिंथेसिस के विद्यार्थियों ने इस साल आयोजित वीवीएम परीक्षा में जिला स्तर पर कक्षा 8वीं, 9वीं व 10वीं तीनों कक्षाओ की क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय रैंक प्राप्त कि है। इसी प्रकार एसओएफ द्वारा आयोजित आईईओ ऑलम्पियाड में 6 बच्चे दूसरे लेवल के लिए चयनित हुए हैं और 4 बच्चों ने मैडल ऑफ डिस्टींकसन व 13 ने गोल्ड मेडल प्राप्त किए हैं। इसी प्रकार यूनिफाइड काउंसिल द्वारा आयोजित इंटरनेशनल इंग्लिश ओलिंपियाड में अगस्तय शर्मा ने टॉप 100 नेशनल अचीवर अवॉर्ड प्राप्त किया और 9 विद्यार्थियों ने विभिन्न मेडल प्राप्त किए। सभी विधार्थियों ने इस सफलता का श्रेय सिंथेसिस की प्रीफाऊन्डेशन टीम की मेहनत, इस लेवल की विशिष्ट टैस्ट सीरीज, अपने कठोर परिश्रम और पेरेंट्स के मोटीवेशन को दिया। गुरुजनों ने बच्चों को विशिष्ट उपलब्धि पर हार्दिक शुभकामनाएं और उज्जवल भविष्य के लिए आशीर्वाद दिया। बच्चों को मोटीवेट किया गया कि ये सफलता की पहली सीढी और अब लगातार इसी प्रकार से कठोर परिश्रम करना है।