गोचर, ओरण, गौशाला को संरक्षण प्रदान को लेकर अतिरिक्त जिला कलक्टर को मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। गौ ग्राम सेवा संघ राजस्थान के राज्यव्यापी आह्वान पर आज अतिरिक्त जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्य मंत्री राजस्थान को गाय गोशाला गोचर ओरण के संरक्षण हेतु प्रतिनिधि मंडल ज्ञापन सौंपा गया । यह ज्ञापन बीकानेर की गोचर ओरण सरंक्षण समिति,बीकानेर गोशाला संघ, सरेनाथानिया गोचर समिति, गंगासर भीनासर गोचर समिति के पदाधिकारियों ने सौंपा।
संघ के सूरजमालसिंह नीमराना ने बताया कि राजस्थान में गाय, गौशाला और गोचर,ओरण का संरक्षण करने के लिए बहुत समय से संघर्ष चल रहा है ।वर्तमान स्थिति में पूर्ववर्ती सरकारों ने राजस्थान की गोचर,ओरण पर अतिक्रमण करके उसे खुर्द-बुर्द करने की चेष्टा की, उसे लेकर बहुत से संगठन आंदोलन कर रहे है। राजस्थान के गोचर,ओरण पर हर जगह अतिक्रमण हो रहा है,ओर माननीय उच्च न्यायालय ने सभी अतिक्रमण हटाने के आदेश दे रखे हैं, परंतु अतिक्रमण अभी तक नहीं हटाए गए। इस कारण से कई ग्राम व शहरी क्षेत्रों में गोचर समाप्त प्राय हो चुकी है।
यदि इसी तरह गोचर,ओरण पर अतिक्रमण चलते रहे और सरकार ने उस पर उचित निर्णय नहीं लिया तो भविष्य में गोचर,ओरण समाप्त हो जाएगी और गोचर,ओरण समाप्त होने से जो हमारा पर्यावरण संतुलन,जैव संतुलन है, वह भी समाप्ति के कगार पर पहुंच जाएगा।
इस अवसर पर गोचर ओरण संरक्षण संघ राजस्थान के निर्मल कुमार बरडिया ने बताया कि यदि सरकार निम्न बिंदुओं के अनुसार गोचर, ओरण, गौशाला को संरक्षण प्रदान करे तो जैव विविधता, पर्यावरण और स्वास्थ्य को बचाया जा सकता है।

ये है प्रमुख मांग

1.राज्य सरकार अति शीघ्र नियम 7 राजस्थान काश्तकारी नियम 1955 को निरस्त करके गोचर, ओरण को संरक्षण प्रदान करें ।
2.धारा 16 राजस्थान काश्तकारी अधिनियम के अंतर्गत गोचर, ओरण, आगोर,देवबणी भूमि को पूर्ण प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किया जावे।
3.राजस्थान सरकार भू राजस्व अधिनियम में गोचर के आवंटन से संबंधित सभी प्रावधान को हटाया जावे।
4,गोचर,ओरण भूमि में संचालित गौशालाओं जो पंजीकृत है,वह गोपालन विभाग से अनुदानित है,कि भूमि, राजस्थान गौशाला भूमि आवंटन अधिनियम 1957 के अंतर्गत नियमित की जाए।
आज के इस प्रतिनिधिमंडल में बीकानेर गोशाला संघ के प्रेम कुमार गोदारा, सुनील व्यास, प्रेम सिंह राठौड़, पार्षद अनूप गहलोत,जलजसिंह, चांदवीरसिह,सुनील कुमार आदि सम्मलित हुए।