इंजीनियरिंग कॉलेज विश्वविद्यालय के सशक्तिकरण के भरोसेमंद भागीदार: प्रो.अंबरीश विद्यार्थी, कुलपति
विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। बीके बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में प्रौद्योगिकी और नवाचार का चार दिवसीय उत्सव अनंतम का समापन बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.अंबरीश एस विद्यार्थी एवं निदेशक बिट्स पिलानी प्रो. सुधीर कुमार बरई के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। जनसंपर्क अधिकारी विक्रम राठौड़ ने बताया कि बीकेबीआईईटी, पिलानी द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में विद्यार्थियो की प्रतिभा, रचनात्मकता और तकनीकी कौशल का को उचित मंच देने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस अवसर पर मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. अंबरीश एस विद्यार्थी ने प्रतिभागियों को ज्ञान और नवाचार की खोज जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करते हुए अपने व्यावहारिक विचार साझा किए। समापन सत्र के दौरान मुख्य अतिथियों के साथ प्रौद्योगिकी की दुनिया में वर्तमान रुझानों, चुनौतियों और भविष्य की संभावनाओं पर आधारित एक पैनल चर्चा का भी आयोजन हुआ। पैनल चर्चा ने अनंतम 2024 के प्रतिभागियों के ज्ञान और तकनीकी कौशल में वृद्धि की। अनंतम में उभरती प्रौद्योगिकियों के प्रभाव से लेकर तकनीकी परिदृश्य को आकार देने में शिक्षा जगत की भूमिका तक गहन अंतर्दृष्टि को साझा किया गया।
इस अवसर पर कुलपति प्रो. विद्यार्थी ने विद्यार्थियो को सफल आयोजन की शुभकामनाएँ प्रदान करते हुए कहा की यह आयोजन निश्चय ही यह आयोजन तकनीकी शिक्षा के हितधारक युवाओं के तकनीकी कौशल, ज्ञान-विज्ञान और प्रतिभाओ को विकसित करने का समुचित अवसर प्रदान करेगा। अनंतम प्रौद्योगिकी महोत्सव है जिसने हमारे छात्रों की बहुमुखी प्रतिभा के प्रदर्शन का समुचित अवसर प्रदान किया हैं।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि विद्यार्थियों हेतु अनुसन्धान -प्रशिक्षण बढ़ाने, शिक्षको के अध्यापन स्तर में गुणात्मक वृद्धि, इंजीनियरिंग के प्रचलित शिक्षा प्रणालियों में बदलाव, संसाधनों और प्रतिभाओं का आंकलन कर उन्हें कैसे तकनीकी शिक्षा के विकास में प्रवृत करना जैसे कई असंख्य मुद्दों पर हमें मिलकर कार्य करने की आवश्यकता हैं। उन्होंने कहा की एकेडमिक एक्सीलेंस, प्रोडक्ट डवलपमेंट की दिशा में हैं फैकल्टी पूलिंग पर काम करना होगा ताकि तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता का व्यापक प्रसार हो। विद्यार्थीयों को कौशल विकास के माध्यम के उन्हें पेशावर रूप से सशक्त बनाने होगा। इंजीनियरिंग कॉलेजो में होने वाले शोध और अनुसन्धान मात्र सैद्धान्तिक न होकर व्यावहारिक रूप में ज्ञानार्जन और हमारे अन्य विद्यार्थिओं के लिए लाभदायक होने चाहिए।