विनय एक्सप्रेस न्यूज़ जयपुर. प्रदेश में मोबाइल डिस्पेंसर के माध्यम से डोर टू डोर की जा रही डीजल की आपूर्ति के बारे में नियमों में एकरूपता लाने के लिए परिपत्र जारी कर व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जायेगी।
उपभोक्ता मामले विभाग के शासन सचिव नवीन जैन गुरूवार को शासन सचिवालय में आयोजित बैठक के दौरान तेल कम्पनियों के प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा डोर टू डोर सप्लाई के लिए नई व्यवस्था बाउजर के नाम से की गई है। उन्होंने कहा कि तेल कम्पनियों द्वारा कितने मोबाइल डिस्पेंसर से डीजल की आपूर्ति की अनुमति दी गई है इसके बारे में राज्य सरकार के गृह, पुलिस एवं खाद्य विभागों को जानकारी होनी चाहिए।
शासन सचिव ने बताया कि अगर मोबाइल डिस्पेंसर की सूची राज्य सरकार के पास होगी तो मोबाईल डिस्पेंसर की आड़ में अवैध तरीके से डीजल की आपूर्ति करने वाले एवं अन्य राज्यों से सस्ता डीजल लाने वाले लोगों की पहचान हो सकेगी जिससे राज्य के पेट्रोल पंप मालिकों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि तेल कम्पनियों द्वारा जिन मोबाइल डिस्पेंसरों के लाइसेंस जारी किये जाते हैं तो उनकी क्षमता का सत्यापन विधिक माप विज्ञान नियम 2009 के तहत किया जाएगा।
जैन ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा जिन मोबाइल डिस्पेंसरों को अनुमति दी जाती है उनके आंकडे़ तेल कम्पनियाें द्वारा खाद्य विभाग के साथ साझा किये जाए। अनुमति प्राप्त मोबाइल डिस्पेंसरों के बारे में संबंधित जिला प्रशासन को अवगत कराया जाएगा जिससे संभावित दुर्घटना एवं दुरूपयोग पर नियंत्रण किया जा सकेगा।
उल्लेखनीय है कि पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय भारत सरकार द्वारा औद्योगिक एवं खनन क्षेत्रों में डीजल की मांग को पूरा करने के लिए तेल कम्पनियाें द्वारा अपने आरओ डीलर्स के जरिये मोबाइल डिस्पेंसर के माध्यम से डीजल की डोर टू डोर सर्विस दी जाती है। बैठक में विधिक माप विज्ञान के नियंत्रक अनिल कुमार अग्रवाल, सहित तेल कम्पनियों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।