पुकार की जागरूकता से जिले में एमएमआर में 147 अंकों की कमी : संस्थागत प्रसव आईएमआर में भी हुआ प्रभावी सुधार

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। जिले में मातृ मृत्यु दर वर्ष 2021-22 के 205 की तुलना में घटकर 58 रह गई है, जबकि इसी अवधि में शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) में भी प्रभावी कमी दर्ज की गई, यह 32 की तुलना में 21 रह गई है।
एमएमआर और आईएमआर में यह सुधार जिले में मौन क्रांति के रूप में चले जागरूकता आंदोलन ’पुकार अभियान’ का परिणाम है।

वर्ष 2021-22 में जिले का मातृ मृत्यु दर(एम एम आर) का आंकड़ा 205 था, वर्ष 2022-23 में यह 99 रहा। वर्ष 2022 अप्रैल से दिसंबर माह तक एमएमआर 130 था वर्ष 2023 में इसी समयावधि में जिले में मातृ मृत्यु दर घट कर 58 हो गई है।
जिला कलेक्टर ने बताया कि प्रसव के दौरान वर्ष 2021-22 में 100 महिलाओं की मृत्यु हुई। वर्ष 2022-23 के दौरान 50 महिलाएं प्रसव के दौरान अकाल मृत्यु की शिकार हुई। वर्ष 2022 में अप्रैल से दिसम्बर के आंकड़े बताते हैं कि इस दौरान 50 महिलाओं की मृत्यु हुई जबकि 2023 में अप्रैल से दिसम्बर के दौरान यह आंकड़ा 23 रहा है। इसी प्रकार आईएमआर में भी प्रभावी कमी दर्ज की गई। वर्ष 2021-22 के दौरान 1550 शिशुओं की मृत्यु की तुलना में अप्रैल से दिसम्बर 2023 की समयावधि में 831 शिशुओं की मृत्यु हुई।
पुकार बैठकों के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को जानकारी के साथ हाई रिस्क प्रेग्नेंसी वाले केसों का चिन्हीकरण कर नियमित फोलोअप किया गया। इससे प्रसव के समय अकाल मृत्यु दर कम हुई साथ ही
नियमित जागरूकता, टीकाकरण और समय पर उपचार के समन्वित प्रयासों से शिशु मृत्यु दर में भी गिरावट दर्ज की गई।
संस्थागत प्रसव में भी हुआ सुधार
जिला कलेक्टर ने बताया कि कोरोना काल के बाद संस्थागत प्रसव में आई कमी गंभीर चिंता का विषय थी। पुकार बैठकों में संस्थागत प्रसव के प्रति जागरूकता और प्रचार प्रसार के कारण वर्ष 2021-22 के 81.56 प्रतिशत की तुलना में अब जिले में संस्थागत प्रसव बढ़कर 92.40 प्रतिशत हो गया है। इस जागरूकता का परिणाम है कि जिले में एएनसी रजिस्ट्रेशन के साथ तीसरी और चौथी ए एन सी में भी बढोतरी हुई है।

दिसम्बर 2023 तक 2 लाख 57 हजार 449 गर्भवती महिलाओं और 3 लाख 26 हजार से अधिक किशोरी बालिकाओं को इन बैठकों में पोषण के प्रति जागरूक किया गया। 23 लाख से अधिक आयरन टैबलेट्स का वितरण भी करवाया गया।

अप्रैल 2022 में प्रारम्भ किया गया था पुकार अभियान
जिला कलेक्टर की पहल पर अप्रैल 2022 में कम्युनिटी आनरशिप, पार्टिसिपेशन और नोलेज शेयरिंग की अवधारणा के साथ प्रारम्भ किए गए इस अभियान के तहत दिसंबर 2023 तक 33 हजार से अधिक ‘पुकार बैठकें’ आयोजित की गई। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, आईसीडीएस और महिला अधिकारिता के समन्वय से आयोजित इन बैठकों में मातृ और शिशु पोषण तथा स्वास्थ्य घटकों पर विशेष कार्य किया गया।
जिला कलेक्टर ने बताया कि गर्भधारण से लेकर दो वर्ष तक के एक हजार दिन में शिशु और माता के स्वास्थ्य को केंद्र में रखकर योजनाबद्ध तरीके से चलाए गए इस अभियान का परिणाम अब स्पष्ट रूप से नजर आ रहा है।
आईएमआर और एमएमआर के ये आंकड़े चिकित्सा व्यवस्थाओं के सुदृढ़ीकरण के साथ इन विषयों पर जन जागरूकता का अहम संकेत है। अभियान के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण वाटिका स्थापित करने, घर-घर सहजन फली के पौधे लगाने तथा आयरन और फॉलिक एसिड टैबलेट्स के नियमित वितरण और कंजप्शन पर विशेष ध्यान दिया गया जिसका परिणाम अब नजर आ रहा है।