बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय में बीएफए और बीएफएडी पाठ्यक्रम पर दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन

ललित कलाओं में नए पाठ्यक्रमों के निर्धारण के साथ बीटीयू द्वारा मरू प्रदेश के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के विद्यार्थियों के शैक्षिक उन्नयन और कौशल विकास की संकल्पना

ललित कला पाठ्यक्रमों में हर वर्ग के विद्यार्थियों के लिए रोजगार के स्वर्णिम अवसर : प्रो.अम्बरीष शरण विद्यार्थी, कुलपति

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय ने हाल ही में बैचलर ऑफ फाइन आर्टस (बीएफए) और बैचलर ऑफ फैशन और एपैरल डिजाइन (बीएफए‌डी) के बोर्ड अध्ययन एवं पाठ्यक्रम निर्माण के लिए दो दिवसीय महत्वपूर्ण संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स (बीएफए) और बैचलर ऑफ फैशन और एपैरल डिज़ाइन (बीएफएडी) के शैक्षिक पाठ्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गयी।जनसंपर्क अधिकारी विक्रम राठौड़ ने बताया की इस दौरान सेमेस्टर वाइज अध्ययन सामग्री, पाठ्यक्रम को सुनिश्चित करने के क्रेडिट्स का वितरण, छात्रो के प्रदर्शन की मानक गुणवक्ता को मापन और सुनिश्चित करने के लिए परीक्षा प्रणालियों की भी समीक्षा भी की गयी। प्रो.अम्बरीष शरण विद्यार्थी कुलपति ने इस पाठ्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि ललित कलाओं में रुचि रखने वाले एवं विभिन्न ललित कलाओं में निपुण विद्यार्थियों के लिए इस क्षेत्र में रोजगार के असीमित स्वर्णिम अवसर है। आज विभिन्न क्षेत्रों में ललित कला के अवसर तेजी से बढ़ रहे हैं। उत्कृष्ट वेतन, लोकप्रियता और प्रतिष्ठा प्राप्त करने के लिए, भारत की युवा आबादी इस क्षेत्र में आकर्षित हो रही है। इससे राजस्थान की विलुप्त होती कला और संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा। ललित कला पाठ्यक्रमों की विभिन्न शाखाएं हैं जिसमें विद्यार्थी अपनी रुचि के अनुसार प्रवेश लेकर अपने करियर का निर्माण कर सकते हैं। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में छात्र फैशन मर्चेंडाइजिंग, ब्रांड प्रबंधन और खुदरा प्रबंधन के बारे में भी ज्यादा जागरूक हैं। इसलिए इस पाठ्यक्रम से हम छात्रो को प्रोत्साहित करना चाहते हैं। डीन ऐकडमिक डॉ. अमित माथुर ने कहा की बीएफए और बीएफएडी के छात्रों के लिए व्यक्तिगत, आत्मनिर्भरता, नवाचार, और रचनात्मक और व्यावसायिक स्तर पर उनके कौशलों को विकसित करने में मददगार साबित होगा। वर्तमान परिदृश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेजी से बदलती शैली में रचनात्मकता तेजी से बढ़ रही है। करियर निर्माण की संभावनाओं में ललित कला पाठ्यक्रम छात्रों को तकनीकी कौशल, महत्वपूर्ण सोच और विभिन्न कलाओं की विशेषज्ञता के साथ सशक्त बनाता है।

इस संगोष्ठी में प्रो. पाण्डेय राजीवनयन एवं डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय अध्यक्ष ललित, प्रो. रीमा वर्षनेय विदया इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलोजी मेरठ, प्रो. सिम्मी भगत लेडी इरविन कॉलेज दिल्ली, प्रो. जेबा हसन अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, प्रो. शुभम एस द्विवेदी हेड ऑफ डीजीपीजी कॉलेज कानपुर, डॉ. संगीता सक्सेना प्रिन्सिपल ऑफ गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक कॉलेज बीकानेर, डॉ. मोनिशा सिंह असिस्टेंट प्रोफेसर इलाहबाद विश्वविद्यालय, डॉ. लाली प्रिया असिस्टेंट प्रो. ऑफ अमेटी स्कूल ऑफ फैशन टेक्नालजी लखनऊ, मिस अनीता चतुर्वेदी एवं मिस कोमल साहनी सीनियर लेक्चरर ऑफ गवर्नमेंट महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज अजमेर, डीन एकेडमिक अमित माथुर, कुलसचिव रामकिशोर मीणा , डीन फेकल्टी अफेयर्स डॉ. धर्मेंद्र यादव, ऐसोशिएट डीन रुमा भदौरिया व डॉ. सुधीर भारद्वाज,परीक्षा नियंत्रक डॉ. मुकेश जोशी, उप कुलसचिव परीक्षा जय भास्कर, डॉ. गायत्री शर्मा, डॉ.अनु शर्मा, एकाउंट्स हेड विकास भल्ला एवं डॉ. अनु शर्मा एवं नवल सिंह एवं स्टूडेंट कॉर्डिंनेटर टीशा खट्टर और आर्यन रोहिला उपस्थित थे। बैठक के दौरान, शिक्षकों, अध्यापकों, और शैक्षिक प्रशासन के सदस्यों ने छात्रों के लिए नए और अद्वितीय शैक्षणिक अनुभवों के विकास के लिए योजनाओं को बातचीत की। उन्होंने अनुसंधान, अध्ययन सामग्री, और प्रयोगात्मक शैक्षणिक प्रोग्रामों को सुनिश्चित किया। कुलसचिव रामकिशोर मीणा ने सभी शिक्षाविदों का धन्यवाद व आभार प्रकट किया।