राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) की शिक्षक समस्याओं को लेकर शिक्षा मंत्री से हुई वार्ता

आरकेएसएमबीके बन्द करने, नवक्रमोन्नत विद्यालय में पद आवंटन नए सत्र से पूर्व करवाने, शाशी पदस्थापन हेतु छात्र संख्या अनिवार्यता नहीं रखने पर बनी सिद्धान्तिक सहमति

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) के प्रतिनिधिमंडल ने 40 सूत्रीय मांग पत्र के साथ अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के क्षेत्रीय संगठन मंत्री और राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) के संगठन मंत्री घनश्याम और प्रदेशाध्यक्ष रमेश चन्द्र पुष्करणा के नेतृत्व में माननीय शिक्षा मंत्री श्री मदन दिलावर से शिक्षक समस्याओं को लेकर वार्ता हुई एवम कई विषयों पर सेदांतिक सहमति भी बनी
जिलामंत्री नरेंद्र आचार्य ने बताया की संगठन के प्रतिनिधि मण्डल मे महेंद्र कुमार लखारा, प्रदेश महामंत्री, सम्पत सिंह, प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष और श्रीमती अरुणा शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष, माध्यमिक शिक्षा भी वार्ता मे सहभागी रहे ।
प्रदेश अतिरिक्त महामंत्री रवि आचार्य ने बताया की प्रदेशाध्यक्ष रमेश चन्द्र पुष्करणा ने वार्ता मे शिक्षा मंत्री के समक्ष संगठन के प्रतिनिधि मण्डल ने अपने 40 सूत्रीय मांग पत्र के साथ शिक्षकों की समस्याओं से शिक्षा मंत्री को अवगत करवाया ।
पुष्करणा ने बताया कि विद्यालयों मे बाल गोपाल दुग्ध योजना के तहत दिये जाने वाले दुग्ध पाउडर के स्थान पर अन्य व्यवस्था जैसे मिलेटस प्रोडक्ट अथवा दुग्ध की व्यवस्था करने, पीडी मद के शिक्षको के वेतन बजट हेतु एकमुश्त बजट आवंटित करते हुए वेतन भुगतान की व्यवस्था सीधे कोष कार्यालय से करने, माननीय न्यायालय के माध्यम से शिक्षकों की प्रथम नियुक्ति में ग्रीष्मावकाश अवधि को सेवा अवधि की गणना में सम्मिलित कर वित्तीय परिलाभ देने हेतु ऐसे प्रकरणों पर निर्णय दिए गए हैं तथा निर्णयानुसार सरकार द्वारा 1994 से 1998 के मध्य नियुक्त शिक्षकों को राहत दी है लेकिन जो शिक्षक न्यायालय नहीं जा पाए हैं उनको भी राहत देते हुए समान प्रकृति के प्रकरणों के निस्तारण हेतु समान आदेश सरकार से जारी करने, लंबित चल रहे एसीपी. एमएसीपी एवं जांच प्रकरणो को शिविर लगाकर निस्तारण करने, एसीपी, एमएसीपी के लिए केवल संस्था प्रधान द्वारा सेवा संतोषजनक का प्रमाण पत्र लेकर ही स्वीकृत करने व एपीआर प्रतिवर्ष देने के बाद बार-बार नहीं मांगने पर सहमति बनी ।
प्रदेश महामंत्री महेंद्र कुमार लखारा ने बताया कि वार्ता मे संविदा शिक्षकों को नियमित करने, वरिष्ठ प्रबोधक और आरपीएससी से चयनित शिक्षकों साहित सभी संवर्गों की वेतन विसंगति को दूर करने, महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों की समीक्षा हेतु समिति बनाने, नवीन उच्च माध्यमिक विद्यालयों में वरिष्ठ अध्यापकों और व्याख्याताओं के पद सृजित करने, नव-क्रमोन्नत विद्यालयों में शारीरिक शिक्षक/योग शिक्षक का पद सृजित करने, सितम्बर माह तक शिक्षकों के सभी संवर्गों यथा संयुक्त निदेशक से प्रारंभ करते हुए तृतीय श्रेणी तक पदोन्नति करते हुए 30 सितम्बर तक पदस्थापन देने, शिक्षकों के समस्त संवर्गों के स्थाननांतरण करने, माध्यमिक शिक्षा मे स्टाफिंग पैटर्न करने, संस्कृत शिक्षा में भी पदो की पुनर्समीक्षा करने, सामान्य शिक्षा में तृतीय भाषा के सृजित पदों की भी पुनः समीक्षा करने, विद्यालयों में सहायक कर्मचारी की नियुक्ति करने तथा नियुक्ति नहीं होने तक वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में ग्रामीण क्षेत्रों में नरेगा में कार्यरत कार्मिकों के माध्यम से समस्या का समाधान करने, तथा शहरी क्षेत्र में कुछ निश्चित राशि की व्यवस्था करने, शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्यो से मुक्त करने, ऑनलाइन कार्य पूर्णत: बंद करने, शाला दर्पण पर उपलब्ध सूचनाये बार बार नहीं मांगने, विभाग में पदस्थापन हेतु प्रचलित काउन्सलिंग पद्धति मे समस्त रिक्त पदस्थान 48 घण्टे पूर्व प्रदर्शित करने, स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूलों में प्राथमिक कक्षाएं शुरू करने एवं साक्षात्कार से शिक्षकों की नियुक्ति करने, मुख्यमंत्री जन सहभागिता योजना पुन: प्रारम्भ करवाने, योग, सूर्यनमस्कार, वर्ष प्रतिपदा हेतु संदर्भ व्यक्ति कार्यशाला, शिक्षक गोष्ठी, सेमीनार आदि का जिला स्तर तक प्रशिक्षण के आयोजन की योजना बनाने पर माननीय शिक्षामंत्री जी ने सहमति व्यक्त की और समयबद्ध कार्यक्रम तय करने का आश्वासन दिया ।

प्रदेश संगठन मंत्री घनश्याम ने बताया कि शिक्षा मंत्री ने वार्ता में कम्प्युटर शिक्षकों के नवीन पद सृजन, बेसिक कम्प्युटर अनुदेशकों, वरिष्ठ कम्प्युटर अनुदेशकों और कम्प्युटर शिक्षकों को केंद्र के समान वेतन देने की मांग पर सहृदयतापूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया तथा शारीरिक शिक्षकों के समस्त उच्च प्राथमिक, उच्च माध्यमिक विद्यालयों में पदस्थापन और पदोन्नति हेतु छात्र संख्या की अनिवार्यता समाप्त करने तथा उच्च माध्यमिक विद्यालय में सभी विषयाध्यापकों की तरह एक पद द्वितीय श्रेणी का पद सृजित करने पर सहमति दी ।
प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष संपत्त सिंह ने बताया कि अधिकारी स्तर पर संगठन की वार्ता आयोजित करवाने, टीएसपी से नॉन टीएसपी में कुछ शिक्षकों को माननीय न्यायालय के निर्णय से स्थानांतरित कर दिया गया है परंतु 200 शिक्षकों को अभी भी कार्य मुक्त नहीं किया गया है, उन्हे कार्य मुक्त करवाते हुए वरिष्ठ अध्यापक एवं शारीरिक शिक्षकों को भी कार्य मुक्त करने पर सहमति व्यक्त की । पर्यावरण संरक्षण हेतु प्लास्टिक मुक्त गाँव और नशा मुक्त गाँव को बढ़ावा देने मे सक्रियता से भागीदारी निभाने वाले शिक्षकों को राज्य स्तर पर पुरस्कृत करने पर विचार करने, नवगठित जिलों में विकल्प के आधार पर जिला परिवर्तन पर वरिष्ठता को विलोपित नहीं करने, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में वर्तमान नियमानुसार दो विषयों में अनुपस्थित रहने पर पूरक परीक्षा का प्रावधान है लेकिन किसी एक विषय के साथ अगर संस्कृत शिक्षा विषय में अनुपस्थित रहने पर अनुत्तीर्ण घोषित करने के नियमों में बदलाव करने हेतु विचार करने का आश्वासन दिया।

प्रदेश उपाध्यक्ष माध्यमिक शिक्षा , डॉ.अरुणा शर्मा ने बताया कि आरकेएसएमबीके मूल्यांकन प्रक्रिया को तत्काल बंद करने तथा विभाग के विभिन्न आरईआई पार्टनर्स द्वारा कार्यक्रम का थर्ड पार्टी असेस्मेंट को तत्काल बंद करवाने, प्रयोगशाला सहायक व कंप्युटर शिक्षक को सेवा काल में तीन पदोन्नति का अवसर प्रदान करने के साथ ही कंप्युटर शिक्षा को अनिवार्य करने तथा प्रत्येक पीईईओ विद्यालय पर द्वितीय श्रेणी पुस्तकालयाध्यक्ष का पद का सृजित कर नियुक्ति/पदोन्नति देने सहित कई मांगों पर अपनी सहमति दी।