देव, गुरु व धर्म के प्रति समर्पण रखे- आचार्यश्री जिन पीयूष सागर सूरीश्वरजी
विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ के आचार्य जिन पीयूष सागर सूरीश्वर म.सा.अपने सहवृति 17 मुनियों, पूर्व में बीकानेर में मौजूद 18 साध्वीवृंद, सैकड़ों श्रावक-श्राविकाओं, शिवबाड़ी के गंगेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर परिसर में 27 जून को प्रतिष्ठित होने वाली 9 जिन प्रतिमाओं, गाजे बाजे के साथ नगर प्रवेश किया। आचार्यश्री 7 वर्ष बाद तथा बीकानेर मूल के मुनि सम्यक रत्न सागर, संवेत रत्न सागर, संवर रत्न सागर व स्सवार्थ मुनि दीक्षा के बाद पहली बार अपनी मातृभूमि में आए है। आचार्यश्री का नियमित प्रवचन सुबह नौ से दस बजे तक ढढ्ढा चौक परिसर के पांडाल में होगा।
आचार्यश्री के प्रवेश की शोभायात्रा रविवार गोगागेट के बाहर गौड़ी पार्श्वनाथ मंदिर से रवाना होकर गोगागेट, डागा मोहल्ला, चिंतामणि जैन मंदिर भुजिया बाजार, नाहटा चौक के भगवान आदिनाथ मंदिर, रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज का उपासरा, डागा सेठिया पारख मोहल्ला, कोचरों व बेगानियों का चौक होते हुए ढढ्ढा चौक पहुंची।
शोभायात्रा में श्रावक-श्राविकाएं साफा, एक सी पोशाक, साडी पहने देव, गुरु व धर्म के नारे लगा रहे थे। कई श्राविकाएं सिर पर कलश लिए हुए मंगल गीत गा रहीं थी। जगह-जगह गंवली सजाकर, स्वागत द्वार -फलैग्स, पोस्टर व बैनर के माध्यम से उनका स्वागत किया गया। शोभायात्रा में शामिल श्रावक-श्राविकाओं का अनेक स्थानों पर शीतल पेय व अल्पहार से सत्कार किया गया। शिवबाड़ी के गंगेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर में प्रतिष्ठित होने वाली 9 प्रतिमाएं लिए हुए लाभार्थी रथ पर सवार थे। प्रतिमाओं की भी जगह जगह वंदना की गई।
श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ, श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट, श्री गंगेश्वर पार्श्वनाथ प्रतिष्ठा समिति, श्री पार्श्वनाथ जैन मंदिर जीर्णोंद्धार समिति व श्री जिनेश्वर युवक परिषद के पदाधिकारियों व सदस्यों ने भी आचार्यश्री व मुनिवृंद का 7 वर्ष बाद व बीकानेर मूल के मुनि सम्यक रत्न सागर के दीक्षा के 23 वर्ष बाद बीकानेर पहुंचने पर स्वागत वंदन अभिनंदन किया। आचार्यश्री पीयूष सागर सूरीश्वरजी के सुश्रावक यशवंत कोठारी ने केसर के पगलिए स्थापित करवाकर स्वागत किया।
शोभायात्रा में विचक्षण ज्योति साध्वीश्री चन्द्रप्रभा की शिष्या साध्वीश्री विजय प्रभा, साध्वीश्री चंदनबाला, साध्वीश्री मगगावतीजी की शिष्या साध्वीश्री मृगावती, साध्वीश्री प्रभंजनाश्रीजी, सुजेष्ठाश्रीजी, सुव्रताश्रीजी, चिद्यशाश्री सहित 18 साध्वीवृंद श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ, श्रीसुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट, श्री गंगेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर जीर्णोद्धार समिति, श्री गंगेश्वर पार्श्वनाथ प्रतिष्ठा समिति श्री वर्द्धमान नवयुवक मंडल, श्री जिनेश्वर युवक परिषद, श्री जिनेश्वर महिला मंडल, विचक्षण महिला मंडल, श्री खरतरगच्छ युवक परिषद, श्री खरतरगच्छ महिला परिषद, ज्ञान वाटिका के बच्चे, श्री चिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास के अध्यक्ष निर्मल धारीवाल, श्री जैन पाठशाला सभा के अध्यक्ष व श्री जैन श्वेताम्बर तपागच्छ के पूर्व मंत्री विजय कोचर, जैन श्वेताम्बर पार्श्वचन्द्र गच्छ के अध्यक्ष रविन्द्र रामपुरिया, मंत्री प्रताप रामपुरिया के साथ विभिन्न गच्छ व पंथ के श्रावक-श्राविकाओं के साथ देश के विभिन्न इलाकों से आए श्रावक-श्राविकाओं ने उत्साह से भागीदारी निभाई।
धर्मसभा में प्रवचन, स्वागत गीत व सिम्फनी
ढढ्ढा चौक में स्थापित प्रवचन पंडाल में प्रवचन, स्वागत गीत व सिम्फनी सहित विविध आयोजन हुए। आचार्यश्री जिन पीयूष सागर सूरिश्वरजी ने प्रवचन में कहा कि प्रवेश के समय श्रावक-श्राविकाओं ने जो उत्साह, देव, गुरु व धर्म के प्रति समर्पण दर्शाया है वह चातुर्मास काल व उसके बाद निरन्तर रखे। मुनि सम्यक रत्न सागर ने कहा कि चातुर्मास के दौरान मुनि व साध्वी वृंद के साथ व्यक्तिगत की बजाए धर्म-आध्यात्म का संबंध रखते हुए अपने आत्म का अवलोकन करते हुए उसके कल्याण के लिए प्रयास व पुरुषार्थ करें। साध्वीश्री मृगावतीश्रीजी, साध्वीश्री चंदन बाला, मुनि सत्व रत्न, मुनि समर्थ रत्न, शाश्वत रत्न व मुनि समवेग रत्न म.सा.आदि ने प्रवचन किए। श्री जिनेश्वर युवक परिषद के संरक्षक दिल्ली निवासी बीकानेर प्रवासी ललित नाहटा, सूरत प्रवासी बीकानेर निवासी पवन पारख, श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट के मंत्री रतन लाल नाहटा, श्री जिनेश्वर युवक परिषद के मंत्री मनीष नाहटा ने भाव तथा साध्वीश्री चिन्मयाश्रीजी, विचक्षण महिला मंडल, श्री जिनेश्वर महिला मंडल, सुनील पारख, शीला बरड़िया, कुशल दुगड़,बालक भीनव नाहटा,विनीत नाहटा ने स्वागत गीत व खरतरगच्छ युवा परिषद से सम्बद्ध ज्ञान वाटिका के बच्चों ने गीत व नृत्य के साथ स्वागत सिम्फनी प्रस्तुत की। कोटा, पाली व देश के विभिन्न स्थानों से आए संघ के पदाधिकारियों का श्रीफल, माला व तिलक से स्वागत रतन लाल नाहटा, विमल सुराणा, महावीर सिंह खजांची, सुरेन्द्र खजांची, मनोज सेठिया, पवन बोथरा, मनीष नाहटा व संदीप मुसरफ आदि ने किया।