मंदिरों के आसपास हुए कब्जों का हटाने की रखी मांग, कहा कांग्रेस सरकार ने नहीं रखा हिंदु आस्था केन्द्रों का ध्यान
आयुष कॉलेज के लिए स्वीकृत भूमि तक पहुंचने का नहीं सरकारी रास्ता, पूर्व मंत्री ने किस लोभ में करवाया आवंटन
विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर. बीकानेर (पश्चिम) विधायक जेठानंद व्यास ने बुधवार को विधानसभा में देवस्थान विभाग के मंदिरों में कार्यरत अंशकालीन पुजारियों और चौकीदार-सुरक्षा गार्डों का मानदेय बढ़ाने की पैरवी की।
देवस्थान सहित विभिन्न विभागों के कार्यों पर बोलते हुए विधायक व्यास ने कहा कि जिले में देवस्थान विभाग के अधीन 110 मंदिर हैं। इनमें से कई मंदिर जीर्णशीर्ण स्थिति में हैं। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने हिंदु धर्म के आस्था केन्द्रों पर कोई ध्यान नहीं दिया। साथ ही हाल में पांच मंदिरों के जीर्णोद्धार और मरम्मत के लिए राशि स्वीकृत करने पर उन्होंने मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा का आभार जताया।
विधायक ने कहा कि भीनासर का मुरली मनोहर मंदिर, शीतला गेट स्थित शीतला मंदिर, सियाराम गुफा स्थित हनुमान मंदिर आदि ऐसे धर्मस्थल हैं, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। ऐसे सभी मंदिरों के जीर्णोद्धार की मांग की। विधायक ने कहा कि आज पुजारी और अन्य अंशकालीन कर्मचारियों को प्रति माह सिर्फ पांच हजार रुपये दिए जाते हैं। जो कि बेहद कम राशि है। उन्होंने इसे बढ़ाकर कम से कम तीस हजार करने की पैरवी की और कहा कि रिक्त पदों पर नियुक्ति सनातन धर्म की परम्पराओं के अनुसार हो।
विधायक व्यास ने कहा कि बीकानेर में आदर्श वेद पाठशाला स्थापित करने की घोषणा पर सरकार का आभार जताया और कहा कि यह युवाओं के लिए बेहद लाभदायक रहेगा। उन्होंने मंदिरों की सार संभाल के लिए 13 करोड़ रुपये स्वीकृत करने पर भी सरकार का आभार जताया। साथ ही मंदिरों में सुरक्षा और अधिक चाक-चौबंद करने के लिए चौकीदार-गार्ड की नियुक्ति करने के साथ ही इन्हें न्यूनतम मजदूरी देने की मांग की।
विधायक व्यास ने कहा कि लक्ष्मीनाथ मंदिर और शीतला गेट के चारों ओर बड़ी संख्या में कब्जे हुए, लेकिन पूर्ववर्ती सरकार और पूर्व मंत्री की शह के कारण इन्हें नहीं हटाया गया। उन्होंने गोचर भूमि में अतिक्रमण का मुद्दा उठाया और कहा कि इस क्षेत्र का सीमाज्ञान करवाएं और इस क्षेत्र का अतिक्रमण मुक्त किया जाए।
विधायक ने एलोपैथी की तर्ज पर आयुर्वेद और होम्योपैथ को बढ़ावा देने की मांग की। साथ ही कहा कि पूर्व बजट में जिले को आयुष महाविद्यालय स्वीकृत किया गया, लेकिन पूर्व मंत्री ने ना जाने किस लोभ में ऐसी जगह इसके लिए भूमि आवंटित करवाई, जहां पहुंचने का सरकारी रास्ता तक नहीं था। उन्होंने कहा कि सरकार आने के बाद इसका स्थान बदलने के प्रस्ताव जिला कलक्टर के माध्यम से राज्य सरकार को भिजवाए गए हैं। उन्होंने कहा कि मंत्री द्वारा इस प्रस्तावों की स्वीकृति जल्दी से भिजवाई जाए, जिससे आयुष महाविद्यालय का निर्माण प्रारम्भ करवाया जा सके।