विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर. परम पूज्य ब्रह्मलीन श्रीस्वामी संवित् सोमगिरिजी महाराज की पावन स्मृति में श्रीलालेश्वर महादेव मंदिर में श्री शिवमहापुराण कथा का मंदिर अधिष्ठाता पूज्य स्वामी विमर्शानंदगिरि जी महाराज के सान्निध्य में समापन हो गया। इस अवसर पर पूज्य श्री स्वामी विमर्शानंदगिरि जी महाराज कहा कि श्रीशिवमहापुरण का सावन के पावन माह में श्रवण करने से व्यक्ति कामनाओं से ऊपर कर्तव्यपथ पर आगे बढ़ता है। यदि साधक आशुतोष भगवान शिव के जीवन चरित्र से प्रेरणा लेकर अपनी दिनचर्या शास्त्र अनुसार व्यतीत करता है तो उस पर महोदव की सतत् कृपा बरसती है। इस हेतु प्रत्येक मनुष्य को अपने घर को मंदिर व यज्ञशाला बनाना जरूरी है।
कथा प्रवक्ता पं. श्री अशोक जी पारीक ने श्रीशिवमहापुराण कथा के समापन अवसर पर कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में एक बार श्रीशिवमहापुराणा का श्रवण अवश्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि युवा शक्ति व बालशक्ति को अवश्य ही शिवकथा का श्रवण कर प्रेरणा लेनी चाहिए। पं. पारीक ने आज भगवान शिव के 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंगों की उत्पत्ति की कथा का भी विशेष वर्णन किया।
मानव प्रबोधन प्रन्यास के विजेन्द्र सिंह भाटी ने बताया कि इस अवसर पर बंगलुरु से पधारे पूज्य स्वामी श्रीसुधीरानंदगिरिजी महाराज, हरीद्वार से पधारे पूज्य स्वामी श्रीनरसिंहदास जी महाराज, फलौदी से पधारे पूज्य स्वामी श्रीमहेश्वरानंदगिरि जी महाराज का आशीर्वचन हुआ। इस अवसर पर पारीक समाज, बीकानेर द्वारा पूज्य स्वामी श्रीविमर्शानंदगिरि जी महाराज तथा कथा प्रवक्ता पं. श्रीअशोक जी पारीक का सम्मान किया गया। इस 7 दिवसीय कथा के सफल आायोजन में शादीलाल शर्मा, भगवती प्रसाद शर्मा, ब्रजगोपाल व्यास, सुरेश गुप्ता, कन्हैयालाल पंवार, राजकुमार कौशिक, हरीशचंद्र शर्मा, नंदकिशोर भाटी, बजरंगलाल शर्मा, श्यामसुंदर तिवारी, भवानीशंकर व्यास, घनश्याम स्वामी, रमेश आचार्य, प्रदीप देवड़ा, शैलेश आचार्य, रामदयाल सिंह राजपुरोहित, बजरंग प्रजापत, विजय सिंह राठौड़, राजीव मित्तल, मुकेश जोशी, हरिओम पूंज, संतोष व्यास, विनोद कल्ला, चिरंजीलाल, अर्जुननाथ सिद्ध, कैलाश शर्मा, शलभ शर्मा, नंदू सिंह शेखावत, रमेश आचार्य, साकेत शर्मा, रमेश जोशी, रमेश शर्मा, सुनील सोनी, रुप सिंह भाटी, योगेश शर्मा, जितेन्द्र सिंह बीका, देवेश सुथार, प्रहलाद् सिंह चौहान, मोहित अग्रवाल, आदि का सहयोग रहा।