जब तक सूरज चांद रहेगा, विजय वल्लभ आपका नाम रहेगा नारे से गूंजती रही पौषधशाला

गुरु विजय वल्लभ की 70वीं पुण्यतिथि पर भावाभिव्यक्ति देने जयपुर से पहुंचा ओसवाल ग्रुप परिवार

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। जैनाचार्य गच्छाधिपति नित्यानंद सुरीश्वरजी म.सा. के शिष्यरत्न जैन मुनि पुष्पेन्द्र म सा व प्रखर प्रवचनकार जैन मुनि श्रृतानंद द्वारा उच्चारित किय जा रहे ओम नमो अरिहंताणम मंत्र से मंगलाचरण के साथ रांगड़ी चैक में आज के चार्तुमास आयोजन की विधिवित शुरूआत हुई। इसके बाद जयुपर से आए हुए ओसवाल परिवार के गुरु भक्त देवेंद्र कुमार, हर्ष जैन, संजय जैन मोनिका जैन ने आत्मानंद जैन सभा एवं चार्तुमासिक समिति के सुनील बद्धानी के साथ शांतिलाल कोचर,  शांति लाल भंसाली, शांति लाल सेठिया, विनोद देवी कोचर ने गुरु आदमकद छायाचित्र के सामने दीप प्रज्जवलित किया। ऋतुश्री भाग्यश्री ने गुरु वल्लभ की मूर्ति के सामने गवली बनाई।
विजय वल्लभ अमर रहे…,  गुरु जी हमारे अंतरनाद के नारों के साथ ही जैन मुनि पुष्पेंद्र म सा ने द्वारा गुरु वल्लभ को समर्पित ‘श्री वल्लभ गुरु के चरणों में शीश नवाता हूं’  भजन से स्तुति दी। मांगलिक मुख गंगाशाहर की बालिका निष्ठा ने नमो नमो अरिहंतानम मंत्र पर नृत्य से प्रस्तुत किया।
इसके साथ ही गीतकार महेन्द्र जैन ने वल्लभ प्यारे वल्लभ, सब की आंख की तारे भजन  प्रस्तुत किया। शांति सामायिक महिला मंडल गंगाशहार की ओर से  शासन की सितारे हो जग के ताराहरन, प्रधानाचार्य रही अनिता जैन गुरु की महिमा बखान करते हुवे बाल्यकाल से लेकर जैनाचार्य बनने तक का सफर बताया। सांसारिक नाम छगन तथा साधर्मिक कुल की स्थापन की।जैन संप्रदाय के लिए शैक्षिक उन्नानयन, नारी उठान कियाए इंसानियत का पथिक बताया। 15 वर्ष की उम्र में छगन के भिक्षु बनने की समयधारा का मंचन किया।
ओस्त्रा महिला मंडल द्वारा गीत तथा नही बालिकाओं की नृत्य प्रस्तुति हुईए विजयलक्ष्मी जैनए ज्योति ग्रुप द्वारा संगीतमई नृत्य वंदना,ओसवाल ग्रुप को अनुमोदना करते हुवे कहा की आपको साधर्मिक भावना से नित नियमित की जा प्रभावना की अनुमोदना की । गुरुवर तेरे चरणों की अगर धूल जो मिल जाए भजन ।
श्रृतानंद म सा द्वारा आंखों में वल्लभ और सीने में नित्यानंद रखता हूं की उक्ति के बाद पौषधशाला एक बार फिर गुरुभक्ति मे भाव विहल हो गई।
ज्योति नृत्य ग्रुप तथा बालिका निष्ठा की आत्ममानंद जैन सभा यथा ओसवाल ग्रुप द्वारा प्रभावना की गई। मानक देवी बेद और ममूल बाई ने ओसवाल ग्रुप तथा आत्मानंद जैन सभा चतुर्मासिक समिति की अनुमोदना का मंचन किया। आत्माराम जैन सभा के माणिक चांद सेठिया अजय सेठिया द्वारा ओसवाल ग्रुप के  देवेंद्र जैन का अनुमोदना व शांतिलाल भंसाली, सुरेंद्र बद्धानी द्वारा हर्ष जैन का अनुमोदना किया गया। संजय जैन का शांति लाल कोचर और सुरेंद्र बधानी द्वारा अनुमोदना की गई। प्रभा देवी, विनोद देवी  द्वारा मोनिका जैन की अनुमोदना की गई। स्वर्ण हार श्रीफल साड़ी देकर प्रभावना की गई। सुरेंद्र बद्धानी द्वारा कोलकाता से आये हुए माणिक चांद सेठिया का बहुमान शाॅल व मोतियों की माला के साथ किया।
आयोजन के दौरान वरिष्ठ गीतकार मगन कोचर द्वारा  56 वर्ष गाये गीत ‘आज की चंचल हवाएं जाने क्यों खामोश है, प्राण से प्यारे गुरु तुमको हे प्रणाम गीत सुनाकर सबको गुरु के प्रति भाव विहिल कर दिया।
पुत्री द्वारा दीक्षा लेने पर वीर माता जेठी बाई कोचर का मोनिका जैन द्वारा बहुमान किया गया पुत्र द्वारा दीक्षा लेने पर राजेंद्र पुगलिया की प्रभावना की गई। आयोजन के अंत में आगम, जिनवाणी का सार समझाने लिए जीवन में सुख दुख सए नकारात्मकताए विपरीत विचारधाराए  मिटाने को लेकर एक वृहत्त स्तर पर नाटिका का मंचन किया गया जिसमे परविार व व्यक्तित्व संभालने के लिए मौन,  एकांत, स्थान रिक्तता का महत्व समझाया। आराधना महिला मंडल द्वारा आओ अब जाओ  गीत प्रस्तुत हमनंदस सिपानी परिवार  द्वारा प्रभावना की गई। पंजाबी स्वर में ओजस्वी गीत गाकर माहौल में जोश भर दिया।  सौम्य महिला मंडल द्वारा भजन प्रस्तुत की गई। मंदिर श्री पदम प्रभु ट्रस्ट के अजय बैद ने गुरु विजय बलभ की पूरी जीवनी और बीकानेर में उनके विहारों का विवरण दिया ।
संजय जैन ने अपना विचार रखते हुए बीकानेर श्रीसंघ की प्रशंसा करते उनके द्वारा देखे गये सभी चैमासों में बीकानेर का चैमासा उत्तम बताया है।
आयोजन के अंत में जयपर से पधारे हर्ष जैन, संजय जैन व मोनिक जैन द्वारा अपने हाथों से आये सभी श्रावक श्राविकाओं के लिए केसर की प्रभावना की।
12 बजे ओसवाल ग्रुप परिवार द्वारा साधर्मिक वात्सल्य का आयोजन गौड़ी पाश्र्वनाथ मंदिर मे किया गया तथा संध्या समय पर एक नाम गुरु वल्लभ के नाम आयोजित की गई।
मंदिर श्री पदम प्रभु ट्रस्ट के अजय बैद ने बताया कि आज रविवार को प्रथम तीर्थंकर परमात्मा श्री आदिनाथ भगवान की कल्याणक भूमि शत्रुंजय की भाव यात्रा का आयोजन रांगड़ी चैक स्थित पौषधशाला में होगा तथा दोपहर 12 बजे गौड़ी पाश्र्वनाथ मंदिर में साधर्मिक स्वामी वात्सल्य का आयोजन होगा।