‘पढ़ाई भी, पोषण भी’ के तहत खेल खेल में सीखेंगे आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चे


विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। आंगनबाड़ी केंद्रों के नामांकित बच्चे ‘पढ़ाई भी, पोषण भी’ के तहत खेल-खेल में नया ज्ञान सीख सकेंगे। इसके लिए रॉकेट लर्निंग संस्था द्वारा टीचिंग लर्निंग मैटेरियल और खिलौनों के साथ शॉर्ट वीडियो बनाए जाएंगे। यह वीडियो आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और अभिभावकों के माध्यम से बच्चों तक पहुंच सकेंगे।
सोमवार को इस संबंध में प्रशासनिक अधिकारियों, रॉकेट लर्निंग के प्रतिनिधियों और महिला एवं बाल विकास विभाग के बाल विकास परियोजना अधिकारियों एवं महिला पर्यवेक्षकों की बैठक हुई। जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी नित्या के. ने बताया कि जिला कलेक्टर जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल की पहल पर जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में मिशन ‘निर्माण’ प्रारंभ किया गया है। इसके तहत जिले के 825 आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए भामाशाहों के सहयोग से स्मार्ट टीवी उपलब्ध करवाए गए हैं। इनके माध्यम से खेल-खेल के साथ अध्ययन शीघ्र ही प्रारंभ होगा। इसके साथ ही रॉकेट लर्निंग संस्था के सहयोग से ज्ञानवर्धक वीडियो बनाए जाएंगे। इसके तहत 25 से 30 आंगनबाड़ी केंद्रों के सेक्टर आधार पर व्हाट्सएप ग्रुप बनाए जाएंगे। इन ग्रुप में सीडीपीओ, एलएस के अलावा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और अभिभावकों को सम्मिलित किया जाएगा। रॉकेट लर्निंग द्वारा इन व्हाट्सएप ग्रुप में प्रतिदिन यह वीडियो शेयर किए जाएंगे तथा संस्था द्वारा इनका नियमित फीडबैक लिया जाएगा। संस्था की प्रोग्राम मैनेजर श्रेया ने इससे संबंधित समूचा प्रशिक्षण दिया और इस जानकारी को निचले स्तर तक सांझा करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह वीडियो बच्चों के लिए लाभदायक साबित होंगे। इस दौरान भारतीय प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु अधिकारी यक्ष चौधरी, एडीएम प्रशासन प्रतिभा देवठिया, एडीएम सिटी जगदीश प्रसाद गौड़, महिला एवं बाल विकास विभाग के उपनिदेशक कपूर शंकर मान आदि मौजूद रहे।
डीआईक्यूई के बाद शुरू हुआ मिशन निर्माण
जिले के एकल शिक्षक और शिक्षकों की कमी वाले स्कूलों में बच्चों का अध्ययन नियमित और सुचारू रखने के लिए जिला कलेक्टर के पहल पर डिजिटल इनीशिएटिव फॉर क्वालिटी एजुकेशन (डीआईक्यूई) अभियान चलाया। इसके तहत 950 से अधिक स्कूलों, मदरसों और छात्रावासों में भामाशाहों के सहयोग से स्मार्ट टीवी उपलब्ध करवाए गए। इसके बेहतर परिणाम सामने आए। वहीं आंगनबाड़ी केंद्रों में आधारभूत सुविधाओं के विकास के लिए सजग आंगनबाड़ी अभियान चलाया गया। इसके बाद बच्चों के पोषण और मानसिक विकास के लिए निर्माण अभियान प्रारंभ किया गया है। इसके तहत आंगनबाड़ी केंद्रों में स्मार्ट टीवी दिए जा रहे हैं और इन केंद्रों में पोषण वाटिकाएं विकसित करने और सहजन के पौधे लगवाने के विशेष प्रयास भी किए जा रहे हैं।