अमर शहीद सागर मल गोपा के शहादत दिवस पर जिला कारागृह में महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति की ओर से हुआ व्याख्यान
विनय एक्सप्रेस सामचार, चूरू। भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष के उपलक्ष में जिला प्रशासन एवं महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति, चूरू की ओर से चल रहे कार्यक्रमों के सिलसिले में सोमवार को जिला कारागृह में अमर शहीद सागरमल गोपा के शहादत दिवस पर व्याख्यान का आयोजन किया गया।
अहिंसा प्रकोष्ठ एवं जिला कारागृह के सहयोग से हुए इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता संबोधित करते हुए शिक्षाविद प्रो. कमल सिंह कोठारी ने कहा कि गांधी, गोपा और गोपालदास आजादी के आंदोलन में रचनात्मकता, जागरुकता और संवेदनशीलता के प्रतीक थे। उन्होंने कहा कि गांधीजी आमजन में जागरुकता पैदा करने में सक्षम हुए और एक ऑइकन बन गए, इसलिए वे अपने ध्येय में सफल रहे। सागर मल गोपा का ध्येय था कि आजादी के राष्ट्रीय आंदोलन के साथ मिलकर स्थानीय आंदोलन चलाया जाए और जनता में चेतना प्रवाहित हो। उन्होंने अपनी गतिविधियों और बलिदान से भारत में जन-जागरण और क्रांति का शंख फूंका। सागरमल के पिता स्थानीय राजशाही से जुड़े थे लेकिन उन्होंने सुरक्षित भविष्य की बजाय क्रांति और देशभक्ति का कांटों भरा मार्ग चुना। उनकी आवाज इस देश में सदियों तक गूंजती रहेगी। जिस जमाने में अंग्रेज सरकार और राजशाही के खिलाफ सोचना तक अपराध था, उस जमाने में गोपा ने ‘जैसलमेर में गुंडाराज’, ‘आजादी के दीवाने’ और ‘रघुनाथ सिंह का मुकदमा’ नामक तीन किताबें लिखीं और देश के लिए हंसते-हंसते अपने प्राणों का बलिदान कर दिया। उन्होंने कहा कि ऎसे अमर शहीदों का बलिदान हमें हमेशा प्रेरणा देता रहेगा।
मुख्य अतिथि आत्मा के परियोजना निदेशक दीपक कपिला ने कहा कि महान स्वाधीनता सेनानी सागर मल गोपा की भारत की आजादी के आंदोलन में अविस्मरणीय भूमिका रही है। राजशाही के अत्याचारों के सामने वे न डिगे, न झुके तथा दृढ़ रहकर अन्याय का प्रतिकार व प्रतिरोध किया। उन्होेंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव हमारे लिए आत्मावलोकन का भी अवसर है कि किन कारणों से हम गुलाम हुए, कितने बलिदानों से हमें आजादी मिली और इसे बरकरार रखने के लिए आज की पीढ़ी को क्या करना चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कैलाश सिंह शेखावत ने कहा कि सागर मल गोपा जैसे असंख्य लोगों के संघर्ष और बलिदान की बदौलत की हम आजादी की खुली हवा में सांस ले पा रहे हैं। कार्यक्रम का संचालन अहिंसा प्रकोष्ठ प्रभारी उम्मेद सिंह गोठवाल ने किया।
इस दौरा उप कारापाल पवन कुमार, बलकरण सिंह, सुरेश कुमार, मोहर सिंह, धनराज पटीर, राजकुमार, बाबूलाल, राशिद खान, नरोत्तम सिंह आदि भी मौजूद रहे।