प्रदेश भर में आंचलिक विकास गतिविधियों पर ख़ास फोकस
विनय एक्सप्रेस समाचार, जोधपुर। राजस्थान राज्य अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास आयोग की बैठक बुधवार को नेहरू सहकार भवन में आयोग के अध्यक्ष डॉ. शंकर यादव की अध्यक्षता में हुई। बैठक में आयोग के उपाध्यक्ष श्री अवधेश दिवाकर बैरवा, सदस्य श्री सांगीलाल वर्मा, श्री ओमप्रकाश जैदिया, एवं महाप्रबन्धक श्री शीशराम चावला आदि उपस्थित रहे।
हर जिले में लगेंगे जागरुकता शिविर
बैठक में वित्त एवं विकास आयोग द्वारा ऋण आवेदन पत्रों की अंतिम तिथि 31 जनवरी 2023 तय की गई। इसमें प्रदेश के हर जिले में जागरूकता शिविरों के माध्यम से अनुसूचित जाति वर्ग के अधिक से अधिक जरूरतमन्द लोगों को ऑनलाईन आवेदन पत्र के द्वारा लाभान्वित करने के लक्ष्य निर्धारित किये गये। इसके साथ ही सभी जिलों में विभिन्न प्रशिक्षण शिविरों के माध्यम से अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को कल्याणकारी योजनाओं से सीधे जोडने व लाभान्वित करने के लिए विशेष प्रयास अमल में लाने के निर्देश दिए गए।
ऋण प्रक्रिया के सरलीकरण पर जोर
बैठक में कहा गया कि ऋण प्रक्रिया को और अधिक सरल बनाने, युवा वर्ग व महिलाओं को घरेलू उधोग धन्धों से अधिक से अधिक संख्या में लाभान्वित करने पर फोकस किया जाएगा। अध्यक्ष डॉ. शंकर यादव ने अनुजा निगम की पुरानी योजनाओं को समाप्त कर जिलों की भौगोलिक स्थिति व पर्यावरण को देखते हुए नई योजनाएं प्रारंभ करने के निर्देश दिए।
स्थानीय गतिविधियों को प्रोत्साहन दें
उन्होंने उदाहरण के तौर पर बताया कि जैसलमेर जिले में कैमल कार्ट व यलो पत्थर की योजना, जोधपुर में हैण्डी क्राफ्ट, भरतपुर क्षेत्र में अचार-मुरब्बा, हाथ से हस्तकलाओं, बुनाई का कार्य तथा प्रदेश के अन्य जिलों में वहां की विशेष परंपरागत हस्तकला, हस्तशिल्प औद उद्यमों पर विशेष ध्यान दिया जाकर उन्हें पुनर्जीवित करने बुनकरों एवं हस्तशिल्पियों के लिए विशेष योजनाएं संचालित की जाएं।
इसी प्रकार की विभिन्न जिलों में प्रचलित एवं उपलब्ध संसाधनों से विकसित की जाने वाली योजनाओं पर ध्यान देकर उन्हें प्रोत्साहित कर प्रारंभ करवाया जावे, जिससे रोजगार के अधिक से अधिक अवसर प्राप्त हो सकें।
लाभार्थियों और जनप्रतिनिधियों का राज्यस्तरीय सम्मेलन हो
आयोग अध्यक्ष डॉ. यादव द्वारा निर्देश दिये गये कि लाभार्थियों एवं जन प्रतिनिधियों का राज्यस्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया जाए, जिससे कि योजनाओं का अधिकतम प्रचार-प्रसार होगा। सभी परियोजना प्रबन्धकों द्वारा जिला स्तर पर हो रही कार्यवाही को ग्रुप के माध्यम से साझा किया जाए।
अधिकतम सीमा ई डब्लू एस की भांति ही रखी जाए
आयोग अध्यक्ष ने ये भी बताया कि ई डब्लू एस की अधिकतम वार्षिक आय 8.50 लाख राज्य सरकार द्वारा निर्धारित की गई है परन्तु अनुसूचित जाति वर्ग के लिए अधिकतम वार्षिक आय 2.50 लाख रखी गई है। अतः आय हेतु अधिकतम सीमा ई डब्लू एस की भांति ही रखी जाये।
ऑनलाईन पोर्टल आरंभ करें
डॉ. यादव ने बताया कि ऋण माफी के प्रस्ताव स्वीकृत किये जाएं। ऋण वसूली हेतु ऑन लाईन पोर्टल की सुविधा प्रारंभ की जाये जिससे कि आशार्थी के बैंक खाते से वसूली की जा सके। अध्यक्ष ने इन्दिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना में ऋण की राशि बढ़ाए जाने के निर्देश दिये हैं।
जिलास्तर पर प्रशिक्षण शिविर लगाए जाएं
आयोग की बैठक में ऋण सीमा बढ़ाने, ब्याज का प्रतिशत कम करने, ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराने, कोरोना काल में पीड़ित ऋणियों के ऋण माफ करने, जिला स्तर पर कमेटियाँ बनाकर ऋण वितरित करने, जिला स्तर पर प्रशिक्षण शिविर लगाने एवं आयोग की विभिन्न योजनाओं में कृषि आधारित एवं शिक्षा से जोडने पर भी बल दिया गया है।
घुमक्कड़ जातियों को विकास गतिविधियों से जोड़ें
इसी प्रकार घुमक्कड़ जातियों को विकास की मुख्य धारा में लाने के लिये सस्ती व सुलभ ऋण व्यवस्था उपलब्ध कराने पर विचार-विमर्श किया गया। साथ ही ऋण माफी योजना, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों के भवन निर्माण हेतु एवं मोटर साईकिल क्रय हेतु ऋण उपलब्ध कराना आदि योजनाओं को प्रारंभ करने हेतु विचार-विमर्श किया गया।