विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर। जिले में सोमवार को कृमि मुक्ति दिवस मनाया गया। इस दिन 1 से 19 साल तक की उम्र तक के लक्षित बच्चों, किशोर-किशोरियों को कृमि नाशक दवाईयां खिलाई गईं।
पेट में कीड़े (कृमि) से निजात दिलाने वाली यह दवा जिले के सभी विद्यालयों, राजकीय चिकित्सा संस्थनों सहित आंगनबाड़ी केन्द्रों पर निःशुल्क खिलाई गई. कृमि मुक्ति दिवस का जिला स्तरीय कार्यक्रम राजकीय शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, लोहारपुरा में आयोजित किया गया। यहां मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. महेश वर्मा ने बच्चों को एलबेण्डाजोल की दवा खिलाई और उन्हें कृमि मुक्ति से होने वाले फायदों के बारे में बताया। यहां अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शीशराम चौधरी व उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रतनाराम बिड़ियासर ने भी बच्चों को एलबेण्डालोज की दवाई खिलाई। इस मौके पर एनएचएम के डीपीएम राजीव सोनी, एपीडेमोलॉजिस्ट साकिर खान, चिकित्सा संस्थान के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. मोहम्मद मुस्लिम व बीपीएम प्रेमप्रकाश भी मौजूद रहे।
क्या है कृमि संक्रमण
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. महेश वर्मा ने बताया कि बच्चों के पेट में कृमि संक्रमण एक आम संक्रमण है जिसके कारण से पेट की आंतों में कृमि उत्पन्न होने से शरीर के पोषक तत्वों को वह खा जाते हैं और इसके कारण खून की कमी और कुपोषण के साथ ही शारीरिक और मानसिक विकास पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।
18 अक्टूबर को मॉप अप राउण्ड
अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शीशराम चौधरी ने बताया कि 17 अक्टूबर, सोमवार को 6 साल से 19 साल तक के सभी बच्चों को विद्यालयों तथा एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों पर 1 से 5 साल तक के सभी बच्चों को कृमि नाशक दवा खिलाने की व्यवस्था की गई। इस आयोजन में महिला बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग और स्वयंसेवी संस्थानों का सहयोग रहा। चौधरी ने बताया कि अब 18 अक्टूबर, मंगलवार को कृमि मुक्ति दिवस का मॉप-अप राउंड आयोजित पहले दिन दवा खाने से छूट गये बच्चों को दवा खिलाई जा सकेगी।