निरोगी रहने के लिये प्राचीनतम, कारगर एवं सुलभ आयुष पद्वितियों का करें उपयोग-डॉ. गर्ग
आरोग्य मेला स्थल पर आयुष दवाईयों की लगाई गई हैं 55 स्टॉलें : प्रतिदिन होगी रोगियों की जॉच व उपचार, योग व प्राणायाम अभ्यास भी हो रहे हैं
विनय एक्सप्रेस समाचार, भरतपुर। आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक, यूनानी, सिद्वा एवं होम्योपैथी चिकित्सा विभागों की ओर से एमएसजे कॉलेज ग्राउण्ड पर लगाये गये चार दिवसीय आरोग्य मेले का तकनीकी शिक्षा एवं आयुर्वेद राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने शुभारम्भ किया ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता नगर निगम के मेयर अभिजीत कुमार ने की जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में आयुष विभाग की शासन सचिव विनीता श्रीवास्तव, सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णनन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रदीप प्रजापत, जिला कलक्टर आलोक रंजन, आयुर्वेद विभाग के निदेशक डॉ. आनन्द शर्मा, होम्योपैथी की निदेशक डॉ. रेनू बंसल, यूनानी के निदेशक डॉ. फैयाज अहमद, संतोष फौजदार, उपप्रधान ओमप्रकाश, पार्षद सतीश सोगरवाल, संजय शुक्ला, आयुष विभाग के विशेषाधिकारी गिरधर गोपाल, मेले के नोडल अधिकारी डॉ. सुशील पाराशर, सहायक नोडल अधिकारी महेन्द्र गुप्ता उपस्थित थे।
राज्य स्तरीय आरोग्य मेले में आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी, प्राकृतिक पद्वितियों की 55 फार्मा कम्पनियों की स्टॉलें लगाई गई हैं तथा रोगियों उपचार के लिये निशुल्क जॉच व दवाईयॉ उपलब्ध कराई जा रही हैं इसके साथ ही बच्चों को स्वर्णप्रासन की निशुल्क दवाई पिलाई जा रही है और पंचकर्म व सिद्वा पद्धति द्वारा लाईलाज बीमारियों का उपचार किया जा रहा है। मेले में राजस्थान स्टेट मेडिसनल प्लांट बोर्ड द्वारा औषधीय पौधों का निशुल्क वितरण भी किया जा रहा है। आयुष मेले में राज्य कर्मचारियों व सेवा निवृत कार्मिकों को दवाईयां उपलब्ध कराने के लिये आरजीएचएस की सुविधा भी मुहैया कराई गई है। मेले में प्रतिदिन योग व प्राणायाम का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रतिदिन सांय के समय सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन हो रहा है। मेले में आमजन आगामी 27 नवम्बर तक प्रतिदिन प्रातः 11 बजे से सांय 8 बजे तक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
शुभारम्भ के बाद आयोजित समारोह को संबोधित करते हुये आयुर्वेद राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि कोविड-19 के बाद आयुष पद्धतियों का महत्व बढा है और इन प्राचीन एवं सरल व सुलभ पद्धतियों के प्रति लोगों में विश्वास की भावना जागृत हुई है। इसी दृष्टि से आयुष पद्वितियों को विश्वभर के लोगों ने अपनाना प्रारम्भ कर दिया है । उन्होंने कहा कि घर घर आयुर्वेद को हमारे पूर्वज अपनाते आ रहे हैं इस पद्धति में नवीन वैज्ञानिक शोधों को शामिल किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जोधपुर के आयुर्वेद विश्वविद्यालय में दुनिया का सबसे बडा 43 करोड रूपये की लागत से पंचकर्म केन्द्र स्थापित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि राजस्थान ऐसा राज्य है जिसमें आयुर्वेद का सर्वाधिक विस्तार हुआ है आयुर्वेद विश्वविद्यालय खोलने के साथ ही समन्वित चिकित्सा के लिये आयुर्वेदिक औषधालय स्थापित किये जा रहे हैं जिसके लिये सभी संभाग स्तरों पर समन्वित आयुर्वेद कॉलेज खोले गये हैं।
आयुर्वेद राज्य मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निरोगी राजस्थान के संकल्प को पूरा करने के लिये आयुष की महत्वपूर्ण भूमिका रही है इस दृष्टि से आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी, सिद्वा व प्राकृतिक चिकित्सा के औषधालय खोले जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि नाथद्वारा में आयुष मेडिट्यूरिस्ट सेंटर स्थापित किया जा रहा है और भरतपुर जिले के पूंछरी में पीपी मॉडल पर मेडिट्यूरिस्ट स्थापित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि भरतपुर को मेडिकल हब बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं जिसके तहत भरतपुर मेडिकल कॉलेज के विस्तारीकरण के अलावा आयुर्वेद महाविद्यालय, नर्सिंग प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित कराये गये हैं और मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशियलिटी की सेवाऐं भी शुरू कराई गई है।
कार्यक्रम में आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रदीप प्रजापत ने कहा कि आयुष में अनेक ऐसे उपचार की पद्धतियां हैं जो लाईलाज बमारियों के उपचार के साथ तनाव को दूर करने में सहायक हैं। उन्होंने बताया कि आज विश्व में सर्वाधिक समस्या तनाव की है जिसे आयुर्वेद ही दूर कर सकता है। उन्होंने बताया कि कोरोना के बाद हार्टअटैक के बढते रोगियों की संख्या को देखते हुये आयुर्वेद विभाग ने विभिन्न शोधों के माध्यम नई दवाईयां इजाद की हैं। कार्यक्रम में जिला कलक्टर आलोक रंजन ने कहा कि एलोपैथी के उपचार के दौरान जो साईड इफैक्ट होते हैं वे आयुष पद्धतियों के उपचार के दौरान नहीं होते अपितु आयुष की दवाईयां कई रोगों के उपचार में कारगर सिद्व हुई हैं और मानव को स्वस्थ्य व निरोगी रखने में सहायक सिद्व हुई हैं। इससे पहले आयुर्वेद विभाग की शासन सचिव श्रीमति विनीता श्रीवास्तव ने मेले के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
शुभारम्भ समारोह की अध्यक्षता करते हुये नगर निगम के मेयर अभिजीत कुमार ने कहा कि आयुष पद्धति के माध्यम से रोगों को जड से समाप्त किया जा सकता है उन्होंने स्वस्थ्य जीवन के लिये साफ सफाई रखने का भी आव्हान किया। शुभारम्भ के बाद आयुर्वेद राज्य मंत्री ने विभिन्न कम्पनियों द्वारा लगाई स्टॉलों का अवलोकन किया और योग व प्राणायाम के अभ्यास को भी देखा तथा राष्ट्रीय आयुर्वेदिक संस्थान द्वारा लगाये गये मंडप का शुभारम्भ कर अवलोकन किया तथा विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों द्वारा रोगियों के किये जा रहे उपचार को भी देखा।
केन्द्रीय सिद्वा अनुसंधान परिषद की शाखा भरतपुर में स्थापित कराने के होंगे प्रयास
आयुर्वेद राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने आयुष मेले में केन्द्रीय सिद्वा अनुसंधान परिषद द्वारा लगाई स्टॉल का अवलोकन किया जहॉ उन्हें बताया गया कि भारत सरकार के आयुष मंत्रालय राजस्थान में अपनी शाखा खोलना चाहता है जिस पर उन्होंने आयुष विभाग के निदेशक को निर्देश दिये कि इस शाखा को भरतपुर में खोलने के प्रस्ताव भिजवायें जिसके लिये जिला प्रशासन द्वारा निशुल्क भूमि उपलब्ध कराई जायेगी। कार्यक्रम का संचालन इंडियन मेडिसन बोर्ड के रजिस्ट्रार डॉ कमलकांत द्वारा किया गया।
मेले के शुभारम्भ समारोह में नगर विकास न्यास के सचिव कमलराम मीणा, नगर निगम के आयुक्त अखिलेश कुमार पिप्पल, उपखण्ड अधिकारी देवेन्द्र सिंह परमार, विकास अधिकारी देवेन्द्र सिंह, सहायक निदेशक डॉ सतीश लवानियां, उपनिदेशक कार्यालय से डॉ संजीव तिवारी, उदयपुर डॉ शोभा लाल, मेला समन्वयक डॉ अशोक मित्तल, डॉ प्रताप सिंह, डॉ प्रेम सिंह, डॉ सियाराम इंदौलिया, डॉ महेश लवानियां, डॉ वीरेन्द्र सिंह, डॉ राजकुमार, प्राचार्य एवं अधीक्षक डॉ रीना खण्डेलवाल, डॉ नुपुर सिंह सहित संबंधित अधिकारी व गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
आरोग्य मेले में हुई गतिविधियां
संभागीय समन्वयक एवं मेला के मीडिया प्रभारी डॉ चन्द्रप्रकाश दीक्षित आरोग्य मेले में आयुष चिकित्सा पद्धतियों द्वारा 1729 रोगियों का निशुल्क परामर्श कर औषध उपलब्ध कराई गई। शिविर में प्रकृति परीक्षण 109, हीमोग्लोबिन जॉच 150, ब्लड शुगर जॉच 250, ब्लड प्रेशर जॉच 66, बीएमडी जॉच 86, वजन जॉच 17 इसी तरह 510 लोगों को मौसमी बीमारी से बचाव हेतु अमृत काढा पिलाया गया। सर्वपल्ली डॉ राधाकृष्णन आयुष विश्वविद्यालय द्वारा 56 बच्चों को स्वर्णप्रसन कराया गया। मेडिसिन प्लांट जयपुर से आई टीम द्वारा 1500 औषधियों पौधों का निशुल्क वितरण किया गया। आरोग्य मेले में सर्वपल्ली डॉ राधाकृष्णन आयुष विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर प्रदीप कुमार प्रजापति द्वारा वर्तमान परिप्रेक्ष्य में आयुष चिकित्सा पद्धतियों की उपादेयता पर व्याख्यान दिया गया। आरोग्य मेले में पंचकर्म सौंदर्य संबंधित औषधीय व्यवस्था राजकीय मदनमोहन मालवीय आयुर्वेद महाविद्यालय उदयपुर द्वारा सेवाऐं प्रदान की गई। इसी तरह यूनानी चिकित्सा के साथ-साथ कपिंग थैरेपी द्वारा उपचार किया गया। मेले के नोडल अधिकारी डॉ सुशील पाराशर ने बताया कि 27 नवम्बर तक आरोग्य मेले में इसी तरह से आने वाले रोगियों का निशुल्क परामर्श कर औषध उपलब्ध कराई जायेंगी।