नाबार्ड के माध्यम से 25 महिला एवं पुरूष किसानों का समूह राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान करनाल का पाँच दिवसीय भ्रमण

सीखेंगे पशुपालन के नवाचार एवं बेहतरीन प्रबंधन

विनय एक्सप्रेस समाचार, भरतपुर। ज़िले की अर्थव्यवस्था मे पशुपालन तथा कृषि का महत्वपूर्ण योगदान है। पशुपालन से किसानों की आय को बढ़ाने के लिए बेहतर तकनीकी एवं प्रबंधन की आवश्यकता है। राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक के सहयोग से उत्थान मस्टर्ड एफपीओ, अस्तावन द्वारा 25 किसानों का समूह पाँच दिवसीय प्रशिक्षण के लिए राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान करनाल भ्रमण के लिए ज़िला कलेक्टर आलोक रंजन ने बुधवार को कलैक्ट्रेट परिसर से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

जिला कलक्टर रंजन ने कहा कि ज़िले के किसानों की आय में वृद्धि के लिए महिलाओ के द्वारा पशुपालन को आगे बढ़ाकर ज़िले मे डेयरी विकास एवं पशुपालकों से सीधा दूध डेयरी के माध्यम से खरीदकर बेहतर मूल्य, तकनीकी एवं नवाचार पर ज़ोर दिया। जिसके माध्यम से ज़िले मे पशुपालकों की आय मे वृद्दि होगी। ज़िले मे डेयरी विकास के क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा साथ ही उपभोक्ताओं को गुणवत्ता पूर्ण दूध का बेहतर मूल्य मिलेगा, इसके लिए नवाचार कार्यक्रम मे 22 हजार स्वयं सहायता महिला समूहों को डेयरी से जोड़ा जा रहा है।
डीडीएम नाबार्ड राजेश कुमार मीणा ने बताया कि सभी किसान एनडीआरआई द्वारा बेहतर उत्पादकता के लिए डेयरी आधारित अच्छी नस्ल के पशुओं का पालन कर दुग्ध उत्पादन और प्रबंधन, उपयुक्त दूध प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियों और उपकरणों का नवाचार और डेयरी को मौजूदा बाजार मांगों के अनुरूप और व्यावहारिक प्रबंधन इनपुट पर तकनीकी ज्ञान प्राप्त करेंगे जिससे डेयरी क्षेत्र को आत्मनिर्भर एवं लाभदायक व्यवसाय के रूप में विकसित कर सकें।
आत्मा के परियोजना निदेशक योगेश शर्मा ने पशुपालकों को बेहतर तकनीक आपने तथा इसके प्रचार प्रसार पर ज़ोर दिया। इस अवसर पर उत्थान एफ़पीओ के रूपसिंह मौजूद रहे।