रबी सीजन में उर्वरक कंपनियां पर्याप्त मात्रा में उर्वरकों की आपूर्ति सुनिश्चित करें- जिला कलक्टर नथमल डिडेल  

डीएपी उर्वरक की आपूर्ति में कमी को देखते हुए एसएसपी उर्वरक को बढ़ावा दें
कम पानी को देखते हुए गेहूं की जगह कम पानी की फसल सरसों, चना इत्यादि की बुवाई करें
रबी सीजन में उर्वरकों की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आयोजित बैठक में बोले जिला कलक्टर 

विनय एक्सप्रेस समाचार, हनुमानगढ़। जिले में रबी सीजन के अंतर्गत उर्वरकों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जिला कलक्टर श्री नथमल डिडले की अध्यक्षता में बुधवार को कृषि विभाग के आत्मा परियोजना कार्यालय परिसर में बैठक का आयोजन किया गया। जिले में डीएपी एवं एसएसपी उर्वरक आपूर्तिकर्ता,विपणनकर्ता कम्पनी प्रतिनिधियों, उर्वरक विक्रेताओं, जिला कृषि आदान विक्रेता संघ के अध्यक्षों, समस्त मण्डियों के पेस्टीसाइडस एसोसिएशन के अध्यक्षों एवं कृषक प्रतिनिधियों के साथ आयोजित की गई इस बैठक में जिला कलक्टर ने समस्त उर्वरक निर्माता,विपणनकर्ता कम्पनी प्रतिनिधियों को जिले में समय रहते उर्वरकों की आपूर्ति करने हेतु निर्देशित दिए।  साथ ही बैठक में उपस्थित कृषि आदान विक्रेताओं को भी निर्देशित किया कि उपलब्ध फास्फेटिक उर्वरक का सभी किसानों को आवश्यकतानुसार बराबर मात्रा में उर्वरक उपलब्ध करावे तथा किसी भी तरह की कालाबाजारी नहीं हो ताकि जिले में सूचारू उर्वरक वितरण व्यवस्था बनी रहे।साथ ही जिला कलक्टर ने कहा कि यदि जिले में डीएपी उर्वरक की आपूर्ति में कमी रहती है तो इसके स्थान पर एसएसपी उर्वरक को बढ़ावा दिया जावे। नहरों में सिंचाई पानी की कम उपलब्धता को देखते हुए जिला कलेक्टर ने किसानों से कम पानी में होने वाली फसलों यथा सरसों एवं चना की बुवाई अधिक से अधिक करने एवं गेहूं फसल की बुवाई यथासंभव कम क्षेत्र में करने हेतु अपील की। जिला कलक्टर ने कहा कि यदि डीएपी के स्थान पर एसएसपी उर्वरक का प्रयोग किया जाता है तो इसकी खपत लगभग तीन गुणा बढ़ जायेगी। लिहाजा एसएसपी उर्वरक की समय रहते आपूर्ति होना अत्यन्त आवश्यक है। जिला कलक्टर ने बताया कि फास्फेटिक उर्वरकों की जिले में आवश्यकतानुसार आपूर्ति हेतु आयुक्त कृषि, कृषि आयुक्तालय जयपुर के साथ पत्राचार भी किया जावेगा ताकि समय रहते जिले में आवश्यकतानुसार उर्वरकों की आपूर्ति  सुनिश्चित हो सके।इससे पूर्व बैठक में उपनिदेशिक कृषि विस्तार श्री दानाराम गोदारा ने जिले में रबी सीजन के तहत गत वर्षों में उर्वरकों की खपत के अनुसार रबी 2021-22 हेतु 35 हजार मैट्रिक टन डीएपी एवं 25 हजार मैट्रिक टन एसएसपी उर्वरक की मांग बताई।परियोजना निदेशक कृषि (आत्मा ) श्री बलवीर सिंह ने बताया कि यदि डीएपी के स्थान पर एसएसपी उर्वरक का प्रयोग किया जाता है तो फसलों के लिए लाभदायक होगा, क्योंकि एसएसपी उर्वरक में फास्फोर्स के अतिरिक्त सल्फर एवं कैल्सियम की मात्रा भी उपलब्ध रहती है।  कृषि आदान विक्रेता के जिला अध्यक्ष श्री बालकृष्ण गोल्यान ने बताया कि आदान विक्रेताओं द्वारा सभी कृषकों को आवश्यकतानुसार फास्फेटिक उर्वरक उपलब्ध करवाने की शत-प्रतिशत कोशिश रहेगी एवं विश्वास दिलाया कि जिले में उर्वरक विक्रय में किसी भी तरह की कालाबाजारी नहीं होगी। बैठक में उपस्थित उर्वरक निर्माता,विपणनकर्ता कम्पनी प्रतिनिधियों द्वारा अवगत करवाया गया कि कृषि विभाग से समन्वय कर जिले में फास्फेटिक उर्वरकों की आवश्यकतानुसार समय पर आपूर्ति करवाने हेतु यथासंभव प्रयास किए जायेंगे।
बैठक में  जिला कलक्टर श्री नथमल डिडेल, उपनिदेशक कृषि विस्तार श्री दानाराम गोदारा, परियोजना निदेशक कृषि (आत्मा ) श्री बलवीर सिंह ,केन्द्रीय सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक श्री दीपक कुक्कड़,  सहकारी समितियों के  उप रजिस्ट्रार श्री अमीलाल सहारण, कृषि पर्यवेक्षक श्री जगदीश दूधवाल, वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रंबधक, कृभकों श्री नन्दराम भाखर,कृषि आदान विक्रेता संघ के जिला अध्यक्ष श्री बालकृष्ण गोल्याण,जिला अध्यक्ष किसान कांग्रेस, श्री रामविलास चौयल, पेस्टीसाईडस एशोसिएशन टाउन के अध्यक्ष श्री विजय रौंता,पेस्टीसाईडस एसोसिएशन पीलीबंगा के अध्यक्ष श्री बाबूलाल जिन्दल,पेस्टीसाईडस एसोसिएशन रावतसर के अध्यक्ष श्री हंसराज गोदारा,पेस्टीसाईडस एसोसिएशन जंक्शन श्री गुरनेक सिंह समेत  जिले में आपूर्तिकर्ता एसएसपी एवं डीएपी निर्माता/ विपणकर्ता कम्पनी के प्रतिनिधि एवं उर्वरक विक्रेता उपस्थित रहे।