6 अगस्त तक घर-घर पहुंचेंगे ओआरएस के पैकेट
विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। 5 साल तक के बच्चों की दस्त से मृत्यु रोकने और कुपोषण से बचाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग ने गहन दस्त नियंत्रण अभियान शुरू कर दिया है। बुधवार को अभियान के अंतर्गत स्वास्थ्य केन्द्रों व आंगनवाड़ी केन्द्रों पर बनाए गए ओआरएस व जिंक कोर्नर का अधिकारीयों व जनप्रतिनिधियों ने कोरोना प्रोटोकॉल सहित उदघाटन किया। जन जागरण के लिए पोस्टर, बैनर व आशा फोल्डर का प्रदर्शन भी किया गया। आशा सहयोगिनियों ने घर-घर ओआरएस के पैकेट व जिंक की गोलियां भी बांटनी शुरू की।
सीएमएचओ डॉ ओम प्रकाश चाहर ने कोटगेट स्थित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र 5 के ओआरएस-जिंक कॉर्नर पर बच्चों को ओआरएस का जीवन रक्षक घोल पिलाया। इस दौरान हाथ धोने के 6 चरणों “सुमनके” की सही विधि और एक पैकेट ओआरएस से 1 लीटर घोल बनाने की विधि का प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम में शामिल हुए बच्चों व परिजनों को जिंक की गोलियां भी वितरित की गई। इस अवसर पर अस्पताल प्रभारी डॉ बिन्दुबाला गर्ग, जिला आई.ई.सी. समन्वयक मालकोश आचार्य, लेखाकार अरशद अली, नर्सिंग स्टाफ, आशा सहयोगिनी सहित बच्चे व परिजन मौजूद रहे। डॉ चाहर ने सभी स्वास्थ्यकर्मियों से अपील करते हुए कहा कि दस्त जैसी छोटी बीमारी से बीकानेर में एक भी नौनिहाल की मृत्यु ना हो इसके लिए शहर से लेकर गाँव तक ओआरएस व जिंक की सुपर जोड़ी का प्रचार-प्रसार करें और जरूरतमंदों को उपलब्ध कराएं। उन्होंने चिकित्सालय का निरीक्षण कर सेवाओं की पड़ताल भी की। इसी प्रकार जिले के समस्त स्वास्थ्य केन्द्रों पर कोरोना प्रोटोकॉल के साथ सीमित कार्यक्रम किए गए।
डिप्टी सीएमएचओ एवं अभियान के नोडल अधिकारी डॉ. योगेन्द्र तनेजा ने बताया कि अभियान के दौरान 6 अगस्त तक आशा सहयोगिनियाँ प्रतिदिन 5 वर्ष आयु तक के बच्चों वाले घरों में जाकर ओआरएस का पैकेट बांटेगी व किसी के दस्त से ग्रसित पाए जाने पर जिंक टेबलेट की 14 दिन की खुराक देकर डायरिया, कुपोषण, स्तनपान व हाथों की स्वच्छता जैसे सामान्य दिखने वाले परन्तु गंभीर विषयों पर सूचना-संचार करेगी। डायरिया के प्रबंधन के लिए विशेष रूप से तैयार प्लान ए, बी व सी का भी प्रचार किया जाएगा।
3 या अधिक पतले दस्त लगे तो समझो डायरिया है
डॉ. चाहर ने बताया कि यदि बच्चे को एक दिन में 3 या अधिक पतले दस्त लगते हैं तो उसे डायरिया माना जाएगा और उसे प्रत्येक दस्त के बाद ओआरएस का घोल दिया जाएगा जब तक कि दस्त बंद न हो जाए। 1 लीटर साफ पानी में ओआरएस का एक पूरा पैकेट डालकर घोल बनाया जाता है और उसे 24 घंटे के अन्दर उपयोग करना होता है 2 माह से छोटे बच्चे को 5 चम्मच घोल, 2 माह से 2 साल तक के बच्चे को चैथाई से आधा कप व 2 से 5 साल तक के बच्चे को आधा से एक कप घोल प्रत्येक दस्त के बाद दिया जाना चाहिए। इसी प्रकार 2 से 6 माह तक के बच्चे को आधी गोली जिंक की व 6 माह से 5 साल तक के बच्चे को एक गोली जिंक की प्रतिदिन 14 दिन तक देने से डायरिया बच्चे से दूर ही रहता है।