जिला कलक्टर ने की 3 जुलाई को होने वाले जिला स्तरीय पालनहार लाभार्थी उत्सव की तैयारियों की समीक्षा
विनय एक्सप्रेस समाचार, हनुमानगढ़। प्रदेश में अनाथ, देखरेख व संरक्षण की श्रेणी में आने वाले बालक और बालिकाओं की परिवार के अंदर ही समुचित देखरेख, संरक्षण एवं शिक्षा सुनिश्चित हो सके, इसके लिए पालनहार योजना लागू की गई। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत सोमवार को राज्य स्तरीय पालनहार लाभार्थी उत्सव के तहत 6 लाख लाभार्थियों को उनके बैंक खातों में लगभग 88 करोड़ रुपए की राशि डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित करेंगे। मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित किए जाने वाले इस कार्यक्रम में श्री गहलोत वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से लाभार्थियों से संवाद भी करेंगे। इसी सिलसिले में जिला कलक्टर श्रीमती रुक्मणि रियार ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि 3 जुलाई को पंचायत समिति सभागार हनुमानगढ़ टाऊन में प्रस्तावित जिला स्तरीय पालनहार लाभार्थी उत्सव की सभी आवश्यक तैयारियां समय पर पूर्ण कर ली जाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि संबंधित अधिकारी आपसी समन्वय से इस लाभार्थी उत्सव को सफल बनाकर सभी पात्र बालक-बालिकाओं को पालनहार योजना का लाभ दिलवाना सुनिश्चित करें।
जिला कलक्टर ने कहा कि संबंधित अधिकारी यह आवश्यक रूप से सुनिश्चित कर लें कि इस योजनान्तर्गत बढ़ी हुई सहायता राशि डीबीटी के माध्यम से पात्र व्यक्तियों को शीघ्र ही हस्तांतरित हो जाए। इसी सिलसिले में रविवार को मुख्य सचिव कि अध्यक्षता में वीसी का आयोजन हुआ जिसके जिले में कलक्ट्रेट सभागार से जिला कलक्टर श्रीमती रुक्मणि रियार, एडीएम श्रीमती प्रतिभा देवठिया, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता सहायक निदेशक श्री विक्रम शेखावत और एपीआरओ श्री राजपाल लंबोरिया जुड़े ।
अनुदान राशि का क्या प्रावधान है?
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक श्री विक्रम सिंह शेखावत ने बताया कि राज्य सरकार की बजट घोषणा 2023-24 के अनुसार पालनहार योजना में अनाथ श्रेणी के 0-6 आयु वर्ग के बच्चों के लिए 1500 रुपये प्रतिमाह और 6-18 आयु वर्ग तक के बच्चों के लिए 2500 रुपये प्रतिमाह, अनाथ श्रेणी के अतिरिक्त अन्य श्रेणी के 0 से 6 वर्ष उम्र के बच्चों के लिए 500 रुपए के स्थान पर 750 रुपये प्रतिमाह और 6-18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए 1000 रुपए के स्थान पर 1500 रुपये प्रतिमाह बढ़ी हुई सहायता राशि मिलेगी। ये बढ़ोतरी जुलाई 2023 से लागू होगी। साथ ही कपड़े, स्वेटर, जूते आदि के लिए हर वर्ष 2000 रुपये अतिरिक्त मिलेंगे। (विधवा और नाता श्रेणी को छोड़कर)
श्री शेखावत ने बताया कि इस योजना की सबसे ज़रूरी शर्त यह है कि बच्चों का आंगनबाड़ी या विद्यालय जाना अनिवार्य है। जिले के 15,873 बच्चे इस योजना से लाभान्वित हो रहे है ।