विनय एक्सप्रेस समाचार, हनुमानगढ। जिले में नवभारत साक्षरता कार्यक्रम 2022 से 2027 का शुभारम्भ शीध्र होने जा रहा है।जिला साक्षरता एवं सतत शिक्षा अधिकारी श्री प्रेम कुमार घोटिया ने बताया कि इस कार्यक्रम की मूल अवधारणा ‘‘सभी के लिए शिक्षा‘‘। अब साक्षरता का मतबल पढ़ना, लिखना, संख्यात्मक ज्ञान के साथ साथ डिजीटल साक्षरता, वित्तीय साक्षरता, विधिक साक्षरता एवं आपदा प्रबंधन का ज्ञान होना आवश्यक है। तभी वह साक्षर कहलाएगें।
श्री घोटिया ने बताया कि ग्राम पंचायतों एवं शहरी वार्डो में इस अभियान के अंतर्गत आगंनबाड़ी कार्यकर्ता, आशासहयोगिनी, राजकीय एवं निजी शिक्षण संस्थाओं के अध्यापकों,राजकीय एवं निजी विद्यालयों के छात्र-छात्राओं, नेहरू युवा केन्द्र के सदस्य, एनएसएस, एनसीसी के छात्र, बीएड, एमएड, डीएलएड आदि के छात्र छात्राओं तथा पीआरआई सदस्यों का स्वयंसेवकों के रूप में चयन किया जा कर प्रशिक्षण उपरांत इनके माध्यम से असाक्षरों का चिन्हीकरण किया जा कर 10 असाक्षरों हेतु एक स्वयं सेवक के साथ ‘‘बैचिग-मैचिग‘‘ की जायेगी। जिले को इस कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रथम चरण में 8400 असाक्षरों का लक्ष्य दिया गया है। जिसमें 2100 पुरूष एवं 6300 महिलाओं को 200 घंटों की अवधि (6 माह) में ऑनलाइन अध्यापन कार्य स्वयंसेवकों द्वारा विद्यालयों में संचालित आईसीटी लैंब के माध्यम से पूर्ण करवाया जाएगा।
श्री घोटिया ने बताया कि इस कार्यक्रम के अन्तर्गत बेसिक डिजिटल साक्षरता हेतु ग्राम एवं शहर के सरकारी विद्यालयों में स्थित कम्प्यूटर लैब में विद्यालय के प्रशिक्षित स्टाफ एवं उच्च कक्षाओं में अध्ययनरत छात्र छात्राओं के सहयोग से विधिक साक्षरता हेतु अधिवक्ताओं का सहयोग, वित्तीय साक्षरता हेतु स्थानीय बैकंर्स डाकघर के अधिकारियों तथा चुनावी साक्षरता हेतु स्थानीय बीएलओ की वार्ताएं प्रशिक्षण के दौरान करवायी जावेगी। इसी क्रम में आपदा प्रबंधन एवं नागरिक सुरक्षा विषय पर प्रबोधन हेतु विशेषज्ञों को आमंत्रित किया जाकर स्वयं सेवकों के माध्यम से असाक्षरों तक विभिन्न आयाम पूर्ण किये जायेगें।
जिला साक्षरता एवं सतत शिक्षा अधिकारी ने बताया कि ई-मेटेरियल, ई-बुक, वीडियों लेक्चर, मोबाईल ऐप आदि उपलब्ध सामग्री की जानकारी जिला स्तर एवं ब्लॉक स्तर पर एकत्रित की जाकर असाक्षरों को उचित माध्यम से उपलब्ध करवाई जावेगी। इस हेतु ग्राम पंचायत स्तर पर ई-मित्र संचालक एवं स्थानीय अध्यापकों जो कम्प्यूटर का ज्ञान रखते हो, का सहयोग लिया जायेगा। इस कार्य के सफल संचालन के लिये समस्त पी.ई.ई.ओ. एवं यू.सी.ई.ई.ओ. प्रभारी रहेंगें। पी.ई.ई.ओ. एवं यू.सी.ई.ई.ओं. द्वारा ई-मेटेरियल, ई-बुक, वीडियों लेक्चर, मोबाईल ऐप आदि सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी।
श्री घोटिया ने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत ओटीएएलएस एप ; ऑनलाइन टीचिंग, लर्निंग एव एसेस्मेंट सिस्टम के माध्यम से ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन किया जायेगा। योजना में सर्वप्रथम 15 से 35 आयुवर्ग के लाभार्थियों को सेचुरेटेड किया जाएगा, तत्पश्चात 35 से अधिक आयुवर्ग को लक्षित किया जाएगा। बालिकाओं महिलाओं अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति अन्य पिछड़ा वर्ग अल्पसंख्यक वर्ग दिव्यांगजन निर्माण श्रमिक मजदूर को प्राथमिकता दी जायेगी। परीक्षा का आयोजन स्थानीय विद्यालय में किया जाएगा। तथा एनआईओएस तथा एनएलएमए द्वारा ऑनलाइन मोड ओटीएएलएस एप के माध्यम से ई-सर्टिफिकेट जारी किये जावेगें।
नवसाक्षरों को स्थानीय मांग के अनुसार विभिन्न व्यवसायिक प्रशिक्षणों से जोड़े जाने के लिए जिला उद्योग केन्द्र की सेवाएं ली जायेंगी। इसी क्रम में प्रधानमंत्री कौशल विकास कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न टेªड में प्रशिक्षण दिलवाया जाकर प्रशिक्षित किया जायेगा ताकि वे अपने कौशल के अनुसार व्यवसाय अपनाकर जीविकोपार्जन कर सके।