पैक्स कम्प्यूटराइजेशन योजना के दूसरे चरण में जिले की 72 ग्राम सहकारी समितियों का होगा  कंप्यूटराइजेशन

जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय मॉनिटरिंग एवं क्रियान्वयन समिति की बैठक में प्रस्ताव का किया अनुमोदन

 

जिले की शत प्रतिशत ग्राम सहकारी समितियों के कंप्यूटराइजेशन हेतु भिजवाएं प्रस्ताव- श्रीमती रूक्मणि रियार, जिला कलेक्टर

 

प्रथम चरण में जिले की 85 ग्राम सहकारी समितियों के कंप्यूटराइजेशन हेतु भेजेे गए थे प्रस्ताव

विनय एक्सप्रेस समाचार, हनुमानगढ़। पैक्स कम्प्यूटराइजेशन योजना के क्रियान्वयन एवं मॉनिटरिंग हेतु गठित जिला स्तरीय मॉनिटरिंग एवं क्रियान्वयन समिति ( डीएलएमआईसी) की बैठक बुधवार को जिला कलेक्टर श्रीमती रूक्मणि रियार की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट में आयोजित की गई। जिसमें पैक्स कम्प्यूटराइजेशन योजना के अंतर्गत दूसरे चरण में जिले की 72 ग्राम सहकारी समितियों के कंप्यूटराइजेशन के प्रस्ताव का अनुमोदन कर राज्य स्तरीय समिति में भेजने का निर्णय लिया गया। बैठक में जिला कलेक्टर ने कहा कि 15 दिसंबर से पहले जिले की शत प्रतिशत ग्राम सहकारी समितियों के कंप्यूटराइजेशन के प्रस्ताव बनाकर राज्य स्तर पर भिजवाएं।
बैठक में केंद्रीय सहकारी बैंक के एमडी और समिति के सचिव श्री दीपक कुक्कड़ ने बताया कि जिले में कुल 248 ग्राम सेवा सहकारी समितियां हैं। जिनमें से 85 ग्राम सहकारी समितियों का निर्धारित मापदंड के अनुसार वर्ष 2021-22 का अंकेक्षण पूर्ण होने पर पैक्स कम्प्यूटराइजेशन योजना के प्रथम चरण के रूप में प्रस्ताव राज्य स्तरीय समिति के पास सितंबर माह में भिजवाए जा चुके हैं। अब दूसरे चरण में जिले की 72 अन्य सहकारी समितियों का मार्च 2022 तक ऑडिट पूर्ण होने समेत अन्य सभी दस्तावेज पूरे होने पर प्रस्ताव तैयार किए गए हैं। जिला कलेक्टर ने इन प्रस्तावों का अनुमोदन करने के साथ साथ शेेष रही सभी समितियों के दस्तावेज पूर्ण कर प्रस्ताव 15 दिसंबर से पूर्व प्रस्ताव जयपुर भिजवाने हेतु निर्देशित किया।
बैठक में समिति के सदस्य नाबार्ड के डीडीएम श्री दयानंद काकोडिया ने बताया कि पैक्स कम्प्यूटराइजेशन योजना केन्द्र, राज्य व नाबार्ड की संयुक्त योजना है। जिसका मकसद देशभर में ग्राम सहकारी समितियों को कम्प्यूटराइजेशन के जरिए एक प्लेटफॉर्म पर लाना है। इस योजना में नाबार्ड के द्वारा सॉफ्टवेयर उपलब्ध करवाया जाता है। वहीं हार्डवेयर को लेकर केन्द्र व राज्य सरकार के बीच 60रू40 का शेयर है। एक सहकारी समिति के कंप्यूटराइजेशन में कुल 3 लाख 91 हजार का खर्च आता है। उन्होने बताया कि कि हनुमानगढ़ जिला प्रदेश का प्रथम जिला है जिसमें इस योजना को लेकर बैठक सबसे पहले आयोजित की गई। साथ ही इस योजना के अंतर्गत जो पांच सहकारी समितियां पायलट प्रोजेक्ट के रूप में ली गई है। उनमें भी जिले की ग्राम सहकारी समिति माणकसर भी शामिल है।
बैठक में जिला कलेक्टर के अलावा एमडी सीसीबी श्री दीपक कुक्कड़, नाबार्ड के डीडीएम श्री दयानंद काकोडि़या, सहकारी समितियों के उप रजिस्ट्रार श्री अमीलाल सहारण, पीआरओ श्री सुरेश बिश्नोई, केन्द्रीय सहकारी बैंक के वरिष्ठ प्रबंधक श्री दिनेश कुमार, समितियों के व्यवस्थापकों में श्री सुखदेव सिंह, श्री दीपसिंह, श्री ओमप्रकाश, श्री प्रिंस कुमार इत्यादि उपस्थित रहे।