कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए लागू की पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) – केन्द्र सरकार कानून बनाकर दे सामाजिक सुरक्षा
विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य में संवेदनशील, पारदर्शी एवं जवाबदेह प्रशासन देने में कर्मचारियों की भूमिका अहम है। राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने में कर्मचारियों का महत्वपूर्ण योगदान है। राज्य सरकार के लिए सभी श्रेणियों के कार्मिक सम्मान के पात्र हैं। श्री गहलोत रविवार को जयपुर में राजस्थान राज्य अन्य प्रशासनिक सेवा परिसंघ (रॉसकॉन) की कार्यकारिणी के शपथ-ग्रहण समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कार्यकारिणी के सभी सदस्यों को शपथ दिलवाई और उन्हें बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
कर्मचारियों की मांग पर लागू की पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस)
श्री गहलोत ने कहा कि राज्य में कर्मचारियों की मांग पर पुरानी पेंशन योजना को लागू किया गया है। इससे कर्मचारियों में अपने भविष्य के प्रति सुरक्षा की भावना आई है। नई पेंशन योजना में कर्मचारियों का भविष्य शेयर मार्केट पर निर्भर है। केन्द्र सरकार एवं कई अर्थशास्त्रीयों द्वारा पुरानी पेंशन योजना का विरोध अनुचित है। देश में पुरानी पेंशन योजना के लागू रहते सभी क्षेत्रों में अभूतपूर्व प्रगति हुई है। ओपीएस किसी भी प्रकार से देश के विकास में बाधा उत्पन्न नहीं करती है।
राज्य सरकार कर रही कर्मचारियों के हितों की रक्षा
श्री गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कर्मचारी हित में विभिन्न कल्याणकारी फैसले लिए गए हैं। इसी क्रम में वर्ष में दो बार डीपीसी कराने जैसा निर्णय लिया गया, ताकि कर्मचारियों को समयबद्ध रूप से पदोन्नति का लाभ मिल सके। संविदाकर्मियों के लिए भी ठेका प्रथा को समाप्त कर उनकी आय में वृद्धि करने का संवेदनशील निर्णय राज्य सरकार ने लिया है। संविदाकर्मियों को यथासंभव नियमित करने का कार्य किया जा रहा है।
केन्द्र सरकार कानून बनाकर दे सामाजिक सुरक्षा
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में आर्थिक रूप से कमजोर नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराना सरकार का कर्तव्य है। राज्य सरकार द्वारा विधवा महिलाओं, एकल नारियों, बुजुर्गों तथा निःशक्तजनों सहित लगभग 1 करोड़ लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जा रही है। राज्य सरकार द्वारा न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर 1000 रुपए कर दिया गया है तथा इसके लिए 12 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। केन्द्र सरकार द्वारा 300 करोड़ रुपए की लागत से मात्र 10 लाख लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जा रही है। केन्द्र सरकार को कानून बनाकर नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा का अधिकार देना चाहिए तथा देश में एक समान पेंशन लागू करनी चाहिए।
कोरोना महामारी में कर्मचारियों ने किया उत्कृष्ट कार्य
श्री गहलोत ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों के साथ अन्य विभागों के कार्मिकों ने भी उत्कृष्ट कार्य किया। जहां केन्द्र सरकार ने कोरोना महामारी में कर्तव्य निर्वहन के दौरान प्राण गंवाने वाले स्वास्थ्यकर्मियों के लिए 50 लाख रुपए का प्रावधान किया था, वहीं राज्य सरकार ने स्वास्थ्यकर्मियों के साथ-साथ सभी विभागों के कार्मिकों के लिए कोरोना काल में ड्यूटी के दौरान देहांत पर 50 लाख रुपए देने का निर्णय लिया। उत्कृष्ट प्रबंधन से राज्य में ऑक्सीजन की कमी से कोई मृत्यु नहीं हुई। कर्मचारियों द्वारा कोरोना महामारी में ‘कोई भूखा ना सोए’ की संकल्पना को साकार करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया गया।
इस अवसर पर रॉसकॉन अध्यक्ष श्री दिनेश कुमार शर्मा, रॉसकॉन महासचिव श्रीमती नवरेखा, राजस्थान खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति सेवा समिति अध्यक्ष श्री नीरज जैन, राजस्थान ग्रामीण विकास सेवा परिषद् अध्यक्ष श्री अजय आर्य, राजस्थान परिवहन सेवा परिषद् अध्यक्ष श्री नानूराम चोयल, राजस्थान राज्य कर सेवा संघ अध्यक्ष श्री महेश चौधरी, राजस्थान महिला बाल विकास अधिकारी सेवा परिषद् अध्यक्ष श्री महाराम दौराता तथा राजस्थान आबकारी सेवा संघ अध्यक्ष श्री लक्ष्मी नारायण सहित रॉसकॉन के विभिन्न पदाधिकारी एवं सदस्य उपस्थित थे।