तबादलों पर सरकार को कोर्ट स्टे का भय: दो दिन पहले नगरीय निकायों में किए ट्रांसफर मामले में चार अलग-अलग कोर्ट में लगाई कैविएट

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। राजस्थान में सरकारी विभागों में किए तबादलों पर कोई कर्मचारी-अधिकारी कोर्ट से स्टे न ले, इसके लिए सरकार अब कैविएट दायर कर रही है। दो दिन पहले नगरीय निकायों (नगर पालिका, नगर परिषद और नगर निगम) में किए अधिकारियों के तबादलों के मामले में ऐसा देखने को मिला है।सरकार ने जयपुर, जोधपुर हाईकोर्ट बैंच और राजस्थान सिविल सर्विसेज अपील ट्रिब्यूनल (रेट) की जयपुर-जोधपुर ब्रांच में कैविएट दायर करते हुए इन पर बहस के लिए अतिरिक्त अधिवक्ताओं और वकीलों को नियुक्त किया है।

155 अधिकारियों को किए थे ट्रांसफर
स्वायत्त शासन निदेशालय ने 13 अक्टूबर की देर शाम एक आदेश जारी करते हुए जयपुर नगर निगम ग्रेटर और हैरिटेज समेत प्रदेश की अन्य नगरीय निकायों से 155 अधिकारियों के ट्रांसफर किए है। सरकार को अब इन ट्रांसफर पर कोर्ट से स्टे आने की संभावना को देखते हुए कैविएट लगाई है, ताकि कोई अधिकारी इन ट्रांसफर पर रोक के लिए याचिका लगाता है तो उस पर कोई भी निर्णय करने से पहले कोर्ट सरकार का पक्ष सुन सके।

इन अधिवक्ताओं को किया नियुक्त
स्वायत्त शासन विभाग की ओर से दायर की कैविएट पर बहस के लिए राजेश पंवार अतिरिक्त महाधिवक्ता को राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर के लिए, जी.एस गिल अतिरिक्त महाधिवक्ता को हाईकोर्ट जयपुर के लिए, राजकीय अधिवक्ता राजेन्द्र दाधीच को रेट जोधपुर के लिए और अधिवक्ता विष्णु दयाल शर्मा को रेट जयपुर में पैरवी के लिए अधिकृत किया है