पूर्ववर्ती गहलोत सरकार में बने 9 जिले, 3 संभाग समाप्त : जयपुर ग्रामीण-जोधपुर ग्रामीण पुराने जिलों में मर्ज होंगे, अजमेर में शामिल होगा केकड़ी

 

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर।कांग्रेस सरकार के वक्त बने नए जिलों में से 9 जिलों और 3 संभागों को भजनलाल सरकार ने कैंसिल कर दिया है। साथ ही तीन संभागों को भी रद्द किया गया। दूदू, केकड़ी, शाहपुरा, नीमकाथाना, गंगापुरसिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, अनूपगढ़, सांचौर जिलों को निरस्त कर दिया गया है।

वहीं, बालोतरा, ब्यावर, डीग, डीडवाना, कोटपूतली-बहरोड़, खेरतल-तिजारा, फलोदी और सलूंबर जिले बने रहेंगे। इसके साथ ही पाली, सीकर, बांसवाड़ा संभाग भी खत्म कर दिए गए हैं। राजस्थान में 50 जिले थे। सरकार के इस फैसले के बाद अब राज्य में 41 जिले ही रह जाएंगे। वहीं 10 संभाग की जगह 7 संभाग अस्तित्व में रहेंगे।

मंत्री लेवल कमेटी ने इसकी रिपोर्ट दी थी। मंत्रियों की कमेटी ने भी ललित के पंवार कमेटी की सिफारिश को आधार बनाकर मापदंडों पर खरा नहीं उतरने पर जिले कैंसिल करने सिफारिश की। इसे कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। जनगणना को देखते हुए 31 दिसंबर से पहले यह फैसला करना जरूरी था।

कानून मंत्री बोले-नए जिलों की उपयोगिता नहीं थी

कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि चुनाव से पहले नए जिले और संभाग बनाए गए थे। वह व्यवहारिक नहीं थे। वित्तीय संसाधन और जनसंख्या के पहलुओं को अनदेखा किया गया। अनेक जिले ऐसे थे, जिनमें 6-7 तहसीलें नहीं थी। इतने जिलों की आवश्यकता होती तो इसका परीक्षण किया जाता।

जाेगाराम ने कहा कि न तो इसके लिए कोई पद सृजिए किए, न ही कोई कार्यालय भवन की व्यवस्था की गई। जितने जिले बने, उसमें 18 विभागों में पद सृजन की कोशिश की गई। ये जिले राजस्थान पर अनावश्यक भार डाल रहे हैं। रीव्यू के लिए बनी कमेटी ने पाया कि इन जिलों की उपयोगिता नहीं है।

डोटासरा ने कहा-कांग्रेस सरकार में फिर बहाल करेंगे जिले

इस फैसले पर कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गाेविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि सरकार ने बिना सोचे-समझे ये फैसला किया है। जिले खत्म करने के खिलाफ 1 जनवरी से पूरे प्रदेश में आंदोलन किया जाएगा। या तो सरकार को जिले फिर बनाने पड़ेंगे, नहीं तो इन इलाकों में भाजपा को चुनाव के लिए उम्मीदवार नहीं मिलेगा। जब राजस्थान में कांग्रेस की सरकार आएगी तो इन जिलों को फिर बहाल करेंगे।

नए जिलों का रीव्यू करने के लिए भजनलाल सरकार के 5 मंत्रियों की कमेटी बनाई गई थी।

गहलोत सरकार ने 17 नए जिले और 3 नए संभाग बनाए थे

गहलोत सरकार ने 17 नए जिले और 3 संभाग बनाए थे, इनमें जयपुर और जोधपुर के 2-2 टुकड़े किए गए थे। नए जिलों में अनूपगढ़, गंगापुर सिटी, कोटपूतली, बालोतरा, जयपुर ग्रामीण, खैरथल, ब्यावर, नीमकाथाना, डीग, जोधपुर ग्रामीण, फलोदी, डीडवाना, सलूंबर, दूदू, केकड़ी, सांचौर और शाहपुरा शामिल थे। बांसवाड़ा, पाली और सीकर को संभाग बनाया था।

आखिरी बजट में घोषणा की थी, कई जिलों पर विवाद हुआ

गहलोत सरकार ने आखिरी बजट में 17 नए जिलों की घोषणा की थी। पहले जयपुर के टुकड़े कर जयपुर उत्तर, जयपुर दक्षिण और जोधपुर के टुकड़े कर जोधपुर उत्तर और जोधपुर दक्षिण जिलों की घोषणा हुई थी। इस पर पर विवाद हो गया था। लोगों को दक्षिण-उत्तर में बांटना ठीक नहीं लगा। सरकार ने बाद में बीच का रास्ता निकालते हुए इन जिलों का नाम जयपुर, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर और जोधपुर ग्रामीण कर दिया।

बीजेपी ने नए जिलों का रिव्यू करवाने की घोषणा की थी

बीजेपी ने गहलोत राज में जाते-जाते नए जिले बनाने पर सवाल उठाए थे। कई छोटे जिलों को लेकर स्थानीय लोगों ने भी विरोध किया था। उस वक्त बीजेपी ने सरकार में आने पर गहलोत राज में बने जिलों का रिव्यू करवाने की घोषणा की थी।