पूर्व कलक्टर नन्नूमल पहाडि़या व RAS अशोक सांखला को लेकर आई बड़ी खबर, पुलिस की मिलीभगत आई सामने

पूर्व कलक्टर नन्नूमल पहाडि़या और आरएएस अशोक सांखला को अलवर पुलिस ने अब तक गिरफ्तार नहीं किया है।

विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। आइएएस नन्नूमल पहाड़िया और आरएएस अशोक सांखला को बचाने में पुलिस प्रशासन की लॉबी अंदरखाने लगी हुई है। आबकारी एक्ट के मामले में अलवर कोतवाली थाना पुलिस ने पहाड़िया और सांखला को दो किलोमीटर दूर से भी गिरफ्तार नहीं किया। वहीं, जयपुर पुलिस 150 किलोमीटर आकर खेल कर गई। जयपुर पुलिस की गिरफ्तारी के बाद सांखला कोरोना पॉजिटिव हो गए और फिलहाल जयपुर के आयूएचएस अस्पताल में भर्ती हैं। वहीं, नन्नूमल पहाड़िया अलवर सेंट्रल जेल में है।

अलवर एसीबी टीम ने पूर्व अलवर जिला कलक्टर आइएएस नन्नूमल पहाड़िया, सेटलमेंट ऑफिसर आरएएस अशोक सांखला और दलाल नितिन शर्मा को 23 अप्रेल को 5 लाख रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। एसीबी की तलाशी के दौरान जिला कलक्टर निवास से महंगी शराब की 16 बोतलें तथा आरएएस सांखला के सरकारी आवास से महंगी शराब की 17 बोतलें मिली। वहीं, आरएएस सांखला के जयपुर स्थित मकान से 26 बोतल महंगी शराब मिली थी। अलवर स्थित सरकारी आवासों से मिली शराब की बोतलों को पुलिस ने जब्त कर शहर कोतवाली थाना पुलिस ने दोनों के खिलाफ आबकारी अधिनियम के तहत अलग-अलग मामले दर्ज किए थे। वहीं, जयपुर में सांखला के घर से मिली शराब की बोतलों को जब्त कर रामनगरिया थाने में मामला दर्ज हुआ था।


सांखला जयपुर के आयूएचएस अस्पताल में है भर्ती
कोरोना पॉजिटिव होने के बाद आरएएस अशोक सांखला जयपुर के आयूएचएस अस्पताल में भर्ती हैं, लेकिन आइएएस नन्नूमल पहाड़िया अलवर सेंट्रल जेल में बंद है। कोतवाली थाना पुलिस ने 18 दिन बाद भी नन्नूमल को आबकारी एक्ट के प्रकरण में गिरफ्तार नहीं किया है।

नन्नूमल को भी गिरफ्तार नहीं किया
पहाड़िया और सांखला के खिलाफ अलवर कोतवाली थाने में दर्ज मामले में अब तक पुलिस ने कुछ नहीं किया है तथा यहां की यहां दोनों में से किसी को गिरफ्तार नहीं किया। वहीं, जयपुर के रामनगरिया थाना पुलिस आबकारी एक्ट के मामले में आरएएस अशोक सांखला को 6 मई को अलवर सेंट्रल जेल से एक दिन के प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार कर ले गई थी। इस मामले में अगले दिन सांखला की जमानत हो गई, लेकिन इसके बाद सांखला की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उन्हें वापस अलवर सेंट्रल में दाखिल कराने की बजाए जयपुर के आयूएचएस अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। जबकि अलवर सेंट्रल में वह पूरी तरह से स्वस्थ थे।

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