विभिन्न धर्म-समुदायों के प्रतिनिधियों की बैठक में गाईड लाईन की अक्षरशः पालना का संकल्प
कोराना संक्रमण से बचाव के प्रति गंभीर एवं सतर्क रहें – आशीष मोदी
विनय एक्सप्रेस समाचार,जैसलमेर। राज्य सरकार द्वारा जारी त्रिस्तरीय जन अनुशासन दिशा निर्देशों की अक्षरशः पालना के साथ 1 जुलाई से धार्मिक स्थलों को प्रातःकाल 5 बजे से सायंकाल 4 बजे तक खोलने की अनुमति के मद्देनज़र जैसलमेर जिला कलक्ट्री सभा कक्ष में विभिन्न धर्म-समुदायों के प्रतिनिधियों की बैठक जिला कलक्टर आशीष मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार शाम सम्पन्न हुई।
इसमें उपस्थित प्रतिनिधियों ने कोरोना संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम के लिए जारी निर्देशों की पूरी-पूरी पालना करने और कोविड अनुकूल व्यवहार अपनाने का संकल्प लिया और प्रशासन को विश्वास दिलाया कि कोरोना बचाव व रोकथाम के लिए जागरुकता संचार के साथ ही तमाम निर्देशित गतिविधियों में हरसंभव सहयोग किया जाएगा।
जिला कलक्टर आशीष मोदी ने सरकार द्वारा जारी त्रिस्तरीय जन अनुशाससन दिशा-निर्देशों की जानकारी देते हुए कहा कि इस दौरान कोविड उपयुक्त व्यवहार, टैस्ट-ट्रेक-ट्रीट, प्रोटोकाल एवं टीकाकरण के साथ-साथ मास्क का अनिवार्य उपयोग, सेनेटाइजेशन, दो गज की दूरी एवं बंद स्थानों पर वेंटीलेशन आदि की अनिवार्यता सुनिश्चित की गई हैं ।
उन्होंने बताया कि विशेषज्ञों द्वारा चेतावनी दी गई है कि कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है। इस दिशा में वैक्सीनेशन के प्रति गंभीर रहें और किसी भी स्तर पर लापरवाही सामने नहीं आए, इसका ध्यान रखें। उन्होंने बताया कि जरूरत पड़ने पर धार्मिक स्थलों पर वैक्सीनेशन के लिए जिला प्रशासन द्वारा शिविर लगाया जा सकता है। उन्होंने सभी धर्मों के प्रतिनिधियों से कहा कि वे अनिवार्य वैक्सीनेशन के लिए व्यापक जन चेतना संचार में प्रशासन को मदद करें तथा सभी क्षेत्रों में शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन सुनिश्चित करें।
अतिरिक्त जिला कलक्टर हरिसिंह मीना, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विपीन शर्मा एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कमलेश चौधरी व बीएसएफ से सुनील कुमार आदि ने कोरोना से बचाव व रोकथाम के लिए की गई विभिन्न व्यवस्थाओं पर जानकारी दी और सभी से सतर्कता बरतने की अपील की। बैठक में विभिन्न धर्म-समुदायों के प्रतिनिधियों, पर्यटन व्यवसाय से जुड़े प्रतिनिधियों आदि ने विचार रखे।
बैठक में राज्य सरकार द्वारा धार्मिक स्थलों को खोलने संबंधित गाईड लाईन की विस्तार से सभी को जानकारी दी गई। इसमें बताया गया है कि जिला प्रशासन द्वारा चिह्नित कन्टेनमेन्ट जोन्स /कफ्र्यू यू क्षेत्र में किसी स्थल को खोलने की अनुमति नहीं होगी। बड़े धार्मिक स्थल जहां स्थानीय निवासियों के साथ-साथ अन्य जिलों एवं अन्य राज्यों के व्यक्ति भी दर्शनार्थ एवं पूजा-अर्चना हेतु आते हैं, उनको खोले जाने से पूर्व जिला कलक्टर, जिला पुलिस अधीक्षक एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा संयुक्त रूप से निरीक्षण कर यह सुनिश्चित किया जायेगा कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिये पर्याप्त सुरक्षात्मक उपाय धार्मिक स्थल प्रबंधन द्वारा कर लिये गये हैं।
इसी प्रकार समस्त धार्मिक स्थलों पर लोगों का आवागमन धार्मिक स्थल से जुड़े व्यक्तियों द्वारा वैक्सीन की कम से कम 1 डोज लगवाने के पश्चात् आम जन हेतु सभी दिशा-निर्देशों की पालना सुनिश्चित करते हुए प्रातः 05 बजे से सायं 4 बजे तक खोला जा सकेगा।
इस दौरान सामान्य सुरक्षा सावधानियों को अपनाने के निर्देश देते हुए कहा गया है कि धार्मिक स्थलों में व्यक्तियों के प्रवेश पर इस तरह अंतराल रखा जाये कि एक समय में पूजा स्थल के अन्दर व्यक्तियों की संख्या इस सीमा तक सीमित हो जाये कि प्रत्येक व्यक्ति के बीच कम से कम 6 फीट की दूरी हो। मस्जिदों में अदा की जाने वाली नमाज के दौरान व्यक्तियों की संख्या उपलब्ध स्थान एवं सामाजिक दूरी को ध्यान में रखते हुए रखी जावे। धार्मिक स्थल के पुजारियों एवं दर्शनार्थियों द्वारा कोविड उपयुक्त व्यवहार जैसे मास्क पहनना, थर्मल स्क्रीनिंग, हैंडव वॉश, सेनेटाईजेशन का समुचित प्रबन्ध होने के साथ ही मानव सम्पर्क में आने वाले सभी बिन्दुओं जैसे फर्श, दरवाजे के हैण्डल आदि को बार-बार सेनेटाइज किया जाये तथा इन सभी निर्देशों की सख्ती से पालना सुनिश्चित की जाये।
निर्देशों के अनुसार धार्मिक स्थल में फूल-माला, प्रसाद चादर व अन्य पूजा सामग्री ले जाने एवं घंटी बजाने पर प्रतिबंध रहेगा। यह ध्यान रखा जाए कि बड़े धार्मिक स्थलों में विशेष दिनों में दर्शनार्थियों की भीड़ नहीं जुटे और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना सुनिश्चित की जाये।
निर्देशों में कहा गया है कि आरती को ऑनलाईन देखने हेतु प्रोत्साहित किया जाए एवं इसके लिये जनचेतना एवं प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए। कोरोना संक्रमण को देखते हुए जहां तक संभव हो पूजा-अर्चना, उपासना, प्रार्थना और नमाज घर पर रहकर ही करने हेतु प्रोत्साहित किया जाये ताकि धार्मिक स्थलों पर भीड़ नहीं जुटे ।
यह भी कहा गया है कि धार्मिक आयोजनों या धार्मिक जुलूसों की अनुमति बिल्कुल नहीं होगी। इन निर्देशों का उल्लंघन करने पर जिला मजिस्ट्रेट की ओर से प्राधिकृत अधिकारी द्वारा संबंधित धार्मिक स्थल को बंद कराया जा सकेगा।